लाहौर बार चुनाव में वकीलों की फायरिंग तो हाफिज सईद को संत ही साबित कर रही है!
लाहौर बार चुनावों में वकील जिस अंदाज में गोलियां चला रहे हैं बड़े बड़े आतंकी शर्म से पानी पानी हो जाएंगे. वकील जिस अंदाज में बंदूक चला रहे हैं उनका तरीका नौसिखियों वाला है ही नहीं. ऐसा लग रहा उसने सरहद से सटे किसी आतंकी कैम्प में भरी पूरी ट्रेनिंग ली है.
-
Total Shares
घर में नहीं दाने अम्मा चलीं भुनाने... ये कहावत है और पाकिस्तान है. मतलब मुल्क के जैसे हाल हैं, पेट्रोल डीजल तो अलग बात है. लोगों को खाने को खाना नहीं मिल रहा. आटे तेल के लिए मरने मारने की नौबत है.पीएम शहबाज बस इस उम्मीद में हैं कि सऊदी और तुर्की जैसे मुस्लिम परास्त देश उनकी तरफ रहम की निगाह से देख लें और झोली में कुछ डाल दें ताकि कुछ दिन अच्छे से गुजर जाए. इसमें कोई शक नहीं कि पाकिस्तान कि हालत बेहद ख़राब है लेकिन जैसा लोगों का टशन है यकीन ही नहीं हो रहा कि मुल्क इस भयानक दौर से गुजर रहा. न यकीन हो तो लाहौर बार चुनावों को ही देख लीजिये.
लहुआर बार चुनावों में वकीलों ने कुछ इस तरह गोलियां दागी हैं
चुनावों में जैसे बेख़ौफ़ होकर वकील गोलियां चला रहे हैं बड़े बड़े आतंकी भी एक बार को शर्म से लाल हो जाएं. इंटरनेट पर लाहौर बार चुनावों से जुड़े तमाम वीडियो आ रहे हैं. जिसमें पिस्टल तो छोटी चीज है. ऐसे ही एक वीडियो में एक वकील खुलेआम सड़कों पर AK-47 चलाता घूम रहा है. वकील साहब जिस अंदाज में बंदूक चला रहे हैं उनका तरीका नौसिखियों वाला है ही नहीं. ऐसा लग रहा उसने सरहद से सटे किसी आतंकी कैम्प में भरी पूरी ट्रेनिंग ली है.
PAKISTAN the land of pur or the land of the terrorists ? Answer is in these scenes that are from the Lahore Bar Elections!If lawyers are armed with AK 47 and then it is not difficult to understand why Pakistani Society considers Hafiz Sayed a philanthropist. pic.twitter.com/H9Q9f0wa18
— Danvir Singh दानवीर सिंह (@danvir_chauhan) January 16, 2023
वहीं दूसरे वीडियो भी सामने आए हैं जिनमें लोग वैसे गोलियां दाग रहे जैसे उनके हाथ खिलौने की बंदूक लग गयी हो और वो एक दूसरे के साथ चोर सिपाही खेल रहे हों. अब ऐसे वीडियो देखकर भी अगर कोई पाकिस्तानी अपने को शांतिप्रिय बताए तो स्वाभाविक है कि लोग उसकी नीयत पर सवाल उठांएगे.
सोचने वाली बात ये है कि जिस मुल्क में कानून के रहनुमा वकील सरेराह आतंकियों की तरह गोलियां दाग रहे हैं. अगर वहां इमरान खान या नवाज शरीफ टाइप कोई आदमी हाफिज सईद या मसूद अजहर को औलिया या संत महात्मा बता दे. तो हमें हैरत में आकर दांतों तले अंगुलियां दबाने की कोई जरूरत है ही नहीं. हम स्वतः मान लेंगे कि जिस मुल्क का अल्लाह ही हाफिज है. वहां अगर हाफिज साधू महात्मा है तो इसमें उस बेचारे की कोई गलती है ही नहीं.
यूं तो सलाह का कोई मतलब है नहीं बावजूद इसके पाकिस्तान के हुक्मरानों को अपने देश की ये तस्वीर देखनी चाहिए और समझना चाहिए कि अगर आज की तरीक में उनके ऊपर दुनिया हंस रही हैं, अफसोस कर रही है तो वो यूं ही बेवजह नहीं है.
ये भी पढ़ें -
विमान हादसे का सबसे भयानक लाइव! सोनू जायसवाल की कहानी भी कम मार्मिक नहीं...
RRR पर सीएम रेड्डी की बांटने वाली बातों पर अदनान का गुस्सा जायज है!
गलती पर सोनू ने 'गरीबों' को ढाल बनाकर माफ़ी की आड़ में रेलवे पर तंज किया है!
आपकी राय