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Updated: 11 दिसम्बर, 2017 03:33 PM
अरविंद मिश्रा
अरविंद मिश्रा
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जब गुजरात में कांग्रेस के लिए राहुल गांधी, जी जान लगाए हुए थे. सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा था. न्यूज़ एजेंसियां भी अपने अपने ओपिनियन पोल में कांग्रेस की वापसी की तरफ इशारे कर रही थी. ठीक उसी वक़्त, कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का प्रधानमंत्री के खिलाफ एक आपत्तिजनक बयान आता है- 'नीच' और 'असभ्य'. बस इसके बाद सारा मामला ही उल्टा होता प्रतीत होता है.

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा था, 'मुझको लगता है कि यह आदमी, बहुत नीच किस्म का आदमी है. इसमें कोई सभ्यता नहीं है और ऐसे मौके पर इस किस्म की गंदी राजनीति करने की क्या आवश्यकता है?'

मणिशंकर अय्यर को बलि का बकरा बनाया जाएगा!

हालांकि मणिशंकर अय्यर इस तरह के बयान देने में माहिर हैं. लेकिन इन सबके बीच एक अहम खुलासा सामने आया है. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ रायबरेली से चुनाव लड़ने वाले भाजपा नेता अजय अग्रवाल ने दावा किया है कि जिस दिन मणिशंकर अय्यर ने ये बयान दिया था, उससे एक दिन पहले उनके आवास पर पाकिस्तानी राजदूत के अलावा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और कांग्रेस के कई बड़े दिग्गज नेता जुटे थे.

rahul Gandhi, Manishankar aiyerभाई सुन तू मुझे क्रिसमस गिफ्ट नहीं देगा!

अजय अग्रवाल के अनुसार ये मणिशंकर अय्यर द्वारा जान-बूझकर दिलवाया गया बयान है. क्योंकि कांग्रेस को यह अहसास हो चुका है कि गुजरात में उसकी सरकार नहीं बनने जा रही है और ऐसे में राहुल गांधी, जो पार्टी के अध्यक्ष बनने वाले हैं, उनकी इज़्ज़त बरकरार रहे. यानी मणिशंकर अय्यर को 'बलि का बकरा' बनाकर राहुल गांधी की इज्जत बनाए रखी जाएगी.

ओपिनियन पोल के अनुसार भी भाजपा गुजरात में सरकार बनाएगी-

इससे पहले जितने भी ओपिनियन पोल हुए उसमें भाजपा को सरकार बनाने का दावा किया गया. सभी पोल के औसत आंकड़ों में फिर से बीजेपी की ही सरकार बनने का अनुमान जताया गया. चैनलों के आंकड़ों के औसत के मुताबिक बीजेपी को 112, कांग्रेस को 69 और अन्य के खाते में दो सीटें जाने का अनुमान लगाया जा रहा है.

राहुल गांधी के लिए गुजरात अहम-

राहुल गांधी के लिए ये बेहद अहम चुनाव है. क्योंकि वो एक ऐसे राज्य के चुनाव मैदान में हैं, जहां 22 सालों से बीजेपी ही सत्ता में है. और अब सरकार विरोधी लहरें भी मुखर हैं. ऐसे में राहुल के लिए कांग्रेस अध्यक्ष बनने से पहले जीत से अच्छा क्या हो सकता है? अगर ऐसा होता है तो राहुल गांधी के नेतृत्व में एक नये गठजोड़ की संभावनाएं बनेगी. जहां युवा नेतृत्व 2019 के लिए चुनौती के तौर पर खड़ा होता दिखेगा.

शायद कांग्रेस को ऐसा प्रतीत होने लगा है कि गुजरात में कांग्रेस सरकार नहीं बना पाएगी और इसलिए हार का ठीकरा राहुल गांधी के सिर पर फूटने से बचाने के लिए मणिशंकर अय्यर को तैयार किया गया है. खैर अब से ठीक एक सप्ताह के बाद ये पता तो चल ही जायेगा कि अजय अग्रवाल की बातों में कितना दम है. लेकिन फिलहाल मीडिया के लिए तो चुनावी माहौल में एक चर्चा का विषय दे ही दिया है.

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लेखक

अरविंद मिश्रा अरविंद मिश्रा @arvind.mishra.505523

लेखक आज तक में सीनियर प्रोड्यूसर हैं.

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