राहुल के ये 9 सवाल बनाम बीजेपी का सहमा-सहमा सा 'गुजरात मॉडल'
गुजरात में मोदी के खिलाफ कांग्रेस ने जोरदार हमला बोला है. हफ्ते भर से राहुल गांधी रोजाना जो सवाल पूछ रहे थे अब कांग्रेस नेता अलग अलग जगहों से प्रेस कांफ्रेंस कर उन्हीं सवालों के जरिये 22 साल के शासन का हिसाब मांग रहे हैं.
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राहुल गांधी चार दिन और गुजरात में गुजारने वाले हैं जब वहां पहले चरण के लिए वोट डाले जाने हैं. पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद राहुल गांधी गुजरात पहुंच रहे हैं. 8 दिसंबर को राहुल गांधी छोटा उदयपुर, अहमदाबाद, खेड़ा और आणंद, 9 और 10 को नॉर्थ गुजरात में और फिर 11 दिसंबर को वो फिर से अहमदाबाद में होंगे.
पहले दौर के चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में कांग्रेस पूरे गुजरात में जगह जगह प्रेस कांफ्रेंस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने में जुटी है. इस काम के लिए कांग्रेस दो दर्जन से ज्यादा नेताओं की अलग अलग शहरों में ड्यूटी लगायी गयी है.
22 साल का हिसाब चाहिये
प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस नेताओं से वही सवाल पूछने को दिये गये जो राहुल गांधी ट्विटर के जरिये हर रोज पूछते रहे. राहुल गांधी अब तक 9 सवाल पूछ चुके हैं जिनमें से महंगाई को लेकर एक सवाल पर विवाद भी हुआ. विवाद बढ़ने पर ट्वीट को डिलीट करने के बाद सुधार कर नयी पोस्ट करनी पड़ी. राहुल गांधी ने भूल सुधार में भी न सिर्फ समझदारी का परिचय दिया बल्कि बड़े ही सहज तरीके से मोदी पर तंज भी कस लिया. राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर कहा कि वो नरेंद्रभाई की तरह नहीं, बल्कि एक मनुष्य हैं और गलतियां होना स्वाभाविक है. राहुल गलती की ओर ध्यान दिलाने के लिए बीजेपी के सभी मित्रों को शुक्रिया भी कहा.
For all my BJP friends: unlike Narendrabhai, I am human. We do make the odd mistake and that’s what makes life interesting. Thanks for pointing it out and please do keep it coming, it really helps me improve. Love you all.
— Office of RG (@OfficeOfRG) December 6, 2017
दरअसल, अपने सातवें सवाल के साथ राहुल गांधी ने गुजरात में तीन साल में जरूरी चीजों के बढ़े दाम को लेकर एक चार्ट पोस्ट किया था. इस चार्ट में जिस कॉलम में रेट में इजाफा बताया गया था उसमें हर चीज में 100 फीसदी एक्स्ट्रा जुड़ गया था. जैसे ही मीडिया के जरिये ये बात सामने आयी बीजेपी नेताओं ने धावा बोल दिया. फिर चार्ट को डिलीट कर नया चार्ट पोस्ट किया गया.
प्रधानमंत्री से राहुल के 9 सवाल
राहुल गांधी ने तकरीबन हर सवाल के साथ आंकड़े दिये. आंकड़ों के आधार पर ही सवाल पूछे. इनमें से ज्यादातर सवालों में तुकबंदियों पर ध्यान दिया गया ताकि ये कविता की तरह लगें. ये सारे सवाल अलग अलग मुद्दों को लेकर पूछे गये.
1. पहले सवाल में राहुल गांधी ने पिछले चुनाव में किये गये वादे के बारे में पूछा, "2012 में वादा किया कि 50 लाख नये घर देंगे. 5 साल में बनाये 4.72 लाख घर."
सवालः प्रधानमंत्री जी बताइए कि क्या ये वादा पूरा होने में 45 साल और लगेंगे?
राहुल गांधी मांग रहे हैं 22 साल का हिसाब
2. राहुल गांधी का दूसरा सवाल गुजरातियों पर कर्ज को लेकर रहा, "1995 में गुजरात पर कर्ज - ₹ 9,183 करोड़. 2017 में गुजरात पर कर्ज - ₹ 2,41,000 करोड़. यानी हर गुजराती पर 37 हजार रुपये का कर्ज.
सवालः आपके वित्तीय कुप्रबन्धन और पब्लिसिटी की सजा गुजरात की जनता क्यों चुकाये?
3. राहुल गांधी के तीसरे सवाल का मुद्दा निजी कंपनिया को फायदा पहुंचाना रहा, "2002-16 के बीच ₹ 62,549 करोड़ की बिजली खरीद कर चार निजी कंपनियों की जेब क्यों भरी? सरकारी बिजली कारखानों की क्षमता 62 फीसदी घटाई पर निजी कंपनी से 3 रुपये प्रति यूनिट की बिजली 24 रुपये तक क्यों खरीदी?
सवालः जनता की कमाई, क्यों लुटाई?
4. प्रधानमंत्री मोदी से राहुल का चौथा सवाल न्यू इंडिया पर रहा, "सरकारी स्कूल-कॉलेज की कीमत पर किया शिक्षा का व्यापार. महंगी फीस से पड़ी हर छात्र पर मार न्यू इंडिया का सपना कैसे होगा साकार?
सवालः सरकारी शिक्षा पर खर्च में गुजरात देश में 26वें स्थान पर क्यों? युवाओं ने क्या गलती की है?
5. राहुल गांधी के पांचवें सवाल में महिलाओं का मसला उठाया गया, "न सुरक्षा, न शिक्षा, न पोषण, महिलाओं को मिला तो सिर्फ़ शोषण, आंगनवाड़ी वर्कर और आशा, सबको दी बस निराशा."
सवालः गुजरात की बहनों से किया सिर्फ वादा, पूरा करने का कभी नहीं था इरादा.
6. राहुल गांधी के छठे सवाल में मुद्दा रहे युवा और बेरोजगारी, "भाजपा की दोहरी मार एक तरफ युवा बेरोजगार दूसरी तरफ लाखों फिक्स पगार - और कांट्रैक्ट कर्मचारी बेजार.
सवालः 7वें वेतन आयोग में ₹18000 मासिक होने के बावजूद फिक्स्ड और कांट्रैक्ट पगार ₹5500 और ₹10000 क्यों?
पुराना चार्ट जिसे डिलीट कर दिया गया
7. राहुल गांधी का सातवां सवाल जो गणित की गड़बड़ी के कारण विवादित रहा वो महंगाई पर फोकस था, "जुमलों की बेवफाई मार गई, नोटबंदी की लुटाई मार गई, GST सारी कमाई मार गई, बाकी कुछ बचा तो - महंगाई मार गई."
सवालः बढ़ते दामों से जीना दुश्वार बस अमीरों की होगी भाजपा सरकार?
गलती सुधारने के बाद पोस्ट किया गया चार्ट
8. अपने आठवें सवाल में राहुल गांधी ने बच्चों के कुपोषण का मामला उठाया, "39% बच्चे कुपोषण से बेजार, हर 1000 में 33 नवजात मौत के शिकार, चिकित्सा के बढ़ते हुए भाव डाक्टरों का घोर अभाव."
सवालः भुज में 'मित्र' को 99 साल के लिए दिया सरकारी अस्पताल क्या यही है आपके स्वास्थ्य प्रबंध का कमाल?
9. प्रधानमंत्री पूछे 9वें सवाल में राहुल गांधी ने किसानों और जीएसटी को मुद्दा बनाया, "न की कर्जमाफी न दिया फसल का सही दाम, मिली नहीं फसल बीमा राशि न हुआ ट्यूबवेल का इंतजाम, खेती पर गब्बर सिंह की मार छीनी जमीन, अन्नदाता को किया बेकार."
सवालः PM साहब बतायें, किसानों के साथ क्यों इतना सौतेला व्यवहार?
जवाब तो देने ही होंगे
अब तक जो भी ओपिनियन पोल आये हैं उसमें बीजेपी की ही बढ़त सामने आयी है लेकिन खास बात ये है कि सभी में कांग्रेस की सीटों में इजाफा दर्ज किया गया है. यानी बीजेपी ने कांग्रेस को जीरो मानकर अपने लिए सीटों का जो टारगेट रखा है वो अब तक हवा में ही नजर आ रहा है. कांग्रेस को लेकर लोगों के बढ़े भरोसे के पीछे राहुल गांधी को लेकर लोगों की बदली धारणा सबसे बड़ा फैक्टर समझ आ रहा है. बीजेपी भले ही राहुल गांधी के मंदिर दर्शन का मजाक उड़ाये और अयोध्या पर उनकी राय मांगे लेकिन राहुल गांधी का पूरा जोर लोगों से कनेक्ट होने पर है.
पिछले दिनों राहुल गांधी को नवसर्जन यात्रा में जगह जगह रुक कर चाय और पकौड़े खाते देखा गया. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने के बाद पहुंचे राहुल गांधी ने बताया कि किस तरह वो इन दिनों गुजराती बन गये हैं और उसका उनकी जिंदगी पर क्या असर हुआ है. राहुल ने कच्छ में रैली को संबोधित किया. राहुल बोले कि कल उनकी बहन (प्रियंका गांधी) उनके घर में आईं, मेरी बहन ने कहा कि तुम्हारे किचन में सब गुजराती ही है. खाखरा गुजराती, आचार गुजराती, मूंगफली गुजराती. आप लोगों ने मेरी आदत बिगाड़ दी है, मेरा वजन बढ़ रहा है.
लगे हाथ राहुल ने मोदी को भी निशाना बनाया लेकिन पूरी संजीदगी के साथ - राहुल ने कहा कि मैं मोदी जी के भाषण सुन रहा हूं, उनके भाषण में 60 फीसदी हिस्सा मेरे और कांग्रेस के ऊपर ही रहता है. ये चुनाव कांग्रेस या बीजेपी के बारे में नहीं है, बल्कि गुजरात और यहां के लोगों के भविष्य के बारे में है.
राहुल को लेकर बदलती लोगों की धारणा ने बीजेपी की मुश्किल में डबल इजाफा कर दिया है. चुनाव आयोग ने पप्पू कहने पर तो पहले ही पाबंदी लगा दी थी, अब उसे राहुल गांधी के सवालों से जूझना होगा. ये ठीक है कि राहुल के एक सवाल में कुछ गड़बड़ियां थीं, लेकिन बाकी सवालों के जवाब तो देने ही होंगे.
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