Corona से मरे लोगों की लाशों ने महाराष्ट्र सरकार को मुसीबत में डाल दिया है!
मुंबई (Mumbai ) के एक अस्पताल (Hospital ) के कोरोनावायरस वार्ड (Coronavirus Ward) में काले पॉलीथिन बैग में लिपटे शव के पास पड़े मरीजों के एक वायरल वीडियो (Viral Video) ने सोशल मीडिया पर कोहराम मचा दिया है. घटना को लेकर भाजपा नेताओं ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है.
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40 दिन से ऊपर के लॉकडाउन (Lockdown) के बाद देश की एक बड़ी आबादी है जिसका सोचना है कि अब हम कोरोना वायरस (Coronavirus) को हराने में कामयाब होंगे और जल्द ही ये जानलेवा वायरस हमसे दूर हो जाएगा. लेकिन वास्तविकता इस फ़साने से कोसों दूर है. जैसे जैसे दिन बीत रहे हैं बीमारों की चपेट में आए लोगों से लेकर कोरोना वायरस के कारण मरे हुए लोगों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है जिसने सरकार तक के होश उड़ा दिए हैं. ख़ुद देश के प्रधानमंत्री (PM Modi) राष्ट्र के नाम दिए गए संबोधन में इस बात को स्वीकार चुके हैं कि डॉक्टर (Doctor) के रूप में हमारे फ्रंट लाइन वर्कर और अस्पताल दोनों ही किसी भी सूरत से लड़ने को तैयार हैं. खौफ़ के इन दिनों में दिल को बहलाने वाले ये तमाम तर्क एक जगह हैं और मुंबई का लोकमान्य तिलक अस्पताल दूसरी तरह अस्पताल में कोरोना के मरीज और इस बीमारी की चपेट में आकर मरे लोगों की लाशें एक ही जगह पर हैं. घटना का वीडियो (Sion Hospital Viral Video) जंगल की आग की तरह फैल रहा है. जिसने उन तमाम सरकारी दावों को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है जिसमें लगातार इस बात को कहा जा रहा है कि हमारी स्वास्थय सेवाएं किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार हैं.
मुंबई के अस्पताल में वार्ड के अंदर कोरोना मरीज के साथ लाशों ने पूरे देश को सकते में डाल दिया है
चूंकि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस को लेकर वैसे ही राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे विपक्ष मुख्यतः भाजपा के निशाने पर थे.अब इस वायरल वीडियो के सामने आ जाने के बाद महाराष्ट्र में कोरोना वायरस को लेकर जारी बहस को नए आयाम मिल गए हैं.
महाराष्ट्र में सरकार और अस्पताल के दावों का भंडाफोड़ करते हुए नितेश राणे ने एक वीडियो डाला है और राज्य सरकार पर तीखा हमला किया है. बता दें कि नितेश राणे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के बेटे और मौजूदा समय में भारतीय जनता पार्टी से विधायक हैं. वीडियो देखें तो साफ है कि जिस जगह पर कोरोना वायरस मरीजों का ट्रीटमेंट चल रहा है उसी स्थान पर उन लोगों की भी लाशें हैं जिनकी मौत इस खौफनाक बीमारी की चपेट में आने से हुई है.
In Sion hospital..patients r sleeping next to dead bodies!!! This is the extreme..what kind of administration is this! Very very shameful!! @mybmc pic.twitter.com/NZmuiUMfSW
— nitesh rane (@NiteshNRane) May 6, 2020
भाजपा विधायक द्वारा पोस्ट किए गए इस वीडियो का सीधा असर जनता पर हुआ है जो काफी नाराज है. जनता का भी मामले को लेकर यही कहना है कि हकीकत यही है जबकि राज्य सरकार की तरफ से लगातार उसके साथ छल किया जा रहा है. नितेश राणे ने वीडियो को अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है और लिखा है कि, 'यह कैसा एडमिनिस्ट्रेशन है बेहद शर्मनाक.'
वीडियो में इस बात का भी दावा किया गया कि कोरोना वार्ड में लाश घंटों तक पड़ी रही और उनके बगल की बेडों में बीमारी की चपेट में आए लोगों का इलाज चल रहा था. बता दें कि एक दो नहीं बल्कि कई मरीज ऐसे थे जिनके बगल में शव रखे हुए थे और उनका इलाज चल रहा था. वहीं जब इस मामले पर मीडिया द्वारा अस्पताल के डीन से बात की गई तो जो जवाब उन्होंने दिए उसे सुनकर शायद ही कोई संतुष्ट हो पाए.
डीन इस बात को मानते हैं कि अस्पताल की बनावट के लिहाज से ये वीडियो उन्हीं के अस्पताल का है मगर ये वीडियो कब का है इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है. वहीं अस्पताल के डीन ने इस बात को भी दोहराया कि वो लोग जो इस बीमारी की चपेट में आए थे और जिनकी मौतें हुईं अब उनके परिजन भी बीमारी की चपेट में आ जाने के डर से शव लेने नहीं आ रहे हैं जिस कारण स्थिति बद से बदतर हुई है.
डीन ने इस बात को कहकर और भी ज्यादा हैरत में डाला कि जो मरीज एडमिट हुए थे और जिनकी मौत हुई अब उनके परिजनों या फिर वो लोग जो उन्हें लेकर आए थे सभी के फोन बंद हैं जिस कारण उन्हें चिन्हित करने में भारी जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा है.
बहरहाल इस पूरे मामले जो तर्क अस्पताल प्रशासन की तरफ से दिये गए हैं उनमें कुछ ऐसे हैं जिनपर विश्वास करना वाक़ई मुश्किल है. अस्पताल के इस रवैये पर राज्य के अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी संज्ञान लेना चाहिए और इस बात की सख्त से सख्त जांच करनी चाहिए कि आखिर ये चूक हुई तो हुई कैसे?
कह सकते हैं कि इस वीडियो में ऐसा बहुत कुछ है जो डरावना है और यदि इसकी निष्पक्ष जांच नहीं होती तो ये इसलिए भी गंभीर है क्यों कि हम जिस दौर में हैं वो सोशल मीडिया का दौर है जहां कब कौन सी चीज तिल से ताड़ बन जाए कुछ कहा नहीं जा सकता.
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