राहुल गांधी के लिए 2019 में कितना मददगार होगा कांग्रेस का कर्नाटक मैनिफेस्टो
नवकर्नाटक मैनिफेस्टो को कांग्रेस की ओर से 2019 के लिए ब्लू प्रिंट जैसा बताया गया है. राहुल गांधी जिस तरीके से प्रधानमंत्री मोदी को टारगेट कर रहे हैं उतने भर से काम नहीं चलनेवाला. कांग्रेस को अभी काफी कुछ सोचना होगा.
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कर्नाटक चुनाव को कांग्रेस दो बातों के लिए काफी महत्वपूर्ण मान कर चल रही है. एक, ये कांग्रेस की वापसी के सिलसिले का आधार बन सकता है और दो, बतौर पीएम कैंडिडेट राहुल गांधी के लिए सॉफ्ट लांचपैड. कांग्रेस ने कर्नाटक मैनिफेस्टो के बारे में पहले से ही बता रखा था कि ये 2019 में कांग्रेस के एजेंडे का ब्लू प्रिंट भी होगा. चुनाव घोषणा पत्र मसौदा समिति के अध्यक्ष एम. वीरप्पा मोइली ने दोहराया भी कि मैनिफेस्टो में शुमार नये आइडिया और नीतियों को राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रोजेक्ट किया जाएगा.
मेंगलुरू में मैनिफेस्टो रिलीज करते वक्त भी राहुल गांधी के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही रहे - और एक बार फिर राहुल गांधी ने मोदी के चुनावी जुमले 'सबके खाते में ₹ 15-15 लाख' की याद दिलायी. तो क्या इसे ही 2019 के लिए कांग्रेस का एजेंडा और मैनिफेस्टो का ब्लू प्रिंट माना जाएगा?
नव कर्नाटक मैनिफेस्टो
कर्नाटक के लिए कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र को नव कर्नाटक मैनिफेस्टो नाम दिया गया है. मैनिफेस्टो जारी करते हुए राहुल गांधी ने दावा किया कि सिद्धारमैया सरकार ने 2013 के चुनाव घोषणा पत्र में किये गये 95 फीसदी वादे पूरे किये. लगे हाथ राहुल गांधी ने ये भी याद दिलाया कि प्रधानमंत्री ने सबके खातों में 15-15 लाख जमा कराने का वादा नहीं निभाया.
तनावमुक्त रहने का कारगर नुस्खा
राहुल गांधी ने मैनिफेस्टो का फर्क भी समझाया, 'यह घोषणा-पत्र बंद कमरे से नहीं बनाया गया है, बल्कि सूबे के लोगों से पूछकर तैयार किया गया है. हमने जनता को ये नहीं कहा कि हम क्या करेंगे, हमने उनसे पूछा कि आप क्या चाहते हैं. इसके लिए हम हर जिले, हर ब्लॉक, हर समुदाय और वर्ग तक गए और वो क्या चाहते हैं ये पूछा.' राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी का मैनिफेस्टो कर्नाटक के लोगों के मन की बात नहीं बल्कि राषट्रीय स्वंयसेवक संघ का होता है.
We released the Congress Manifesto for Karnataka earlier today. It captures the “Mann Ki Baat” of the people of Karnataka and makes very specific commitments that we intend to deliver on, including creating 1 Cr. new jobs over the next 5 yrs. #NavaKarnatakaManifesto pic.twitter.com/hktUWrpeiI
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 27, 2018
मोदी, बीजेपी और संघ पर हमलों के अलावा नवकर्नाटक मैनिफेस्टो में तीन प्रमुख बातें जो खास दिखीं वे हैं - 18 से 23 साल के बीच के कॉलेज जाने वाले छात्रों को स्मार्टफोन देने का वादा, स्कूलों के पाठ्यक्रम में खेल और योग को अनिवार्य विषय के तौर पर शामिल करना और पांच साल में एक करोड़ लोगों को रोजगार देना.
चुनाव प्रचार और प्रधानमंत्री पद
चुनाव प्रचार के लिए राहुल गांधी दो दिन के कर्नाटक दौरे पर हैं और प्रधानमंत्री चीन यात्रा पर. प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की इस मुलाकात को ऐतिहासिक माना जा रहा है. चीनी राष्ट्रपति प्रोटोकाल तोड़कर भारतीय प्रधानमंत्री से सीधे सीधे मुलाकात कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री के चीन दौरे को लेकर ट्विटर पर एक पोल कराया जा रहा है. पोल के जरिये लोगों से पूछा गया है कि उनकी राय में शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी डोकलाम का मसला कैसे उठाएंगे? फिर दो विकल्प दिये गये हैं - 1. सेल्फी लेकर या 2. गले मिल कर.
How do you think PM Modi will address the Doklam issue in his meeting with President Xi Jinping? #IndiaSpeaks
— Congress (@INCIndia) April 27, 2018
इतना ही नहीं मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकातों के बीच राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए एक और ट्वीट किया है. अपने ट्वीट में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को टीवी पर देखने की बात कही है - और पाया है कि प्रधानमंत्री तनाव में लग रहे हैं. इसके साथ ही राहुल गांधी ने मोदी को उन मसलों की याद दिलायी है जिन पर भारत को चीन से बात करनी चाहिये.
Dear PM,
Saw the live TV feed of your “No Agenda” China visit.
You look tense!
A quick reminder:
1. DOKLAM 2. China Pakistan Eco Corridor passes through POK. That’s Indian territory.
India wants to hear you talk about these crucial issues.
You have our support.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 27, 2018
ये राहुल गांधी ही हैं जो गुजरात चुनाव के वक्त प्रधानमंत्री पद के गरिमा की बात कर रहे थे. तब दावा ये किया गया था कि प्रधानमंत्री पद के सम्मान में ही 'विकास पागल हो गया है' कैंपेन वापस ले लिया गया. क्या कर्नाटक चुनाव आते आते प्रधानमंत्री पद का ख्याल रखने की जरूरत नहीं रही? या वो सब सिर्फ गुजरात चुनाव भर के लिए ही था. क्या सच में कांग्रेस तब इस बात से डर गयी थी कि मोदी पर निजी हमले को लेकर गुजरात में उसे लेने के देने पड़ सकते हैं?
क्या यही है 2019 का ब्लू प्रिंट?
प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा पर राहुल का सवाल अपनी जगह है, लेकिन डोकलाम विवाद के बीच ही राहुल गांधी ने चीनी राजदूत से मुलाकात की थी - जिस पर खूब राजनीतिक प्रतिक्रिया हुई थी और बीजेपी ने सवाल पूछे थे. कांग्रेस के पास ये तर्क हो सकते हैं कि जब मोदी लंदन से कर्नाटक चुनाव को अड्रेस कर सकते हैं तो उसकी ओर से क्या गलत हुआ है. विदेशी धरती से ही मोदी ने एक बार कहा था कि भारत में इतना बदलाव हुआ है कि अब पैदा होने वाले लोग गर्व कर रहे हैं, पहले उनके अंदर हीन भावना रहती थी.
क्या हाल चाल?
इस बीच कांग्रेस सूत्रों के हवाले से ही खबर आई कि प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी से बात कर उनके विमान में आई खराबी को लेकर पूरी जानकारी ली. हुआ ये था कि दिल्ली से कर्नाटक के हुबली जा रहा राहुल गांधी का विमान लैंडिंग के वक्त रनवे से उतर गया. विमान में सवार कौशल विद्यार्थी ने घटना के बारे में बताया है, 'फ्लाइट का जो अनुभव था, उससे हम बुरी तरह से डर गए थे और सभी लोगों को अपनी जान का खतरा लग रहा था. क्रू ने भी इस बात को माना है कि फ्लाइट में कुछ समस्याएं हुई थीं.' इस घटना को लेकर कांग्रेस नेताओं ने शिकायत दर्ज करायी है, जबकि राहुल गांधी ने क्रू मेंबर का शुक्रिया अदा किया है.
कठुआ और उन्नाव गैंग रेप को लेकर राहुल गांधी के इंडिया गेट पर कैंडल मार्च के बाद और प्रधानमंत्री मोदी के बयान से पहले बीजेपी के बचाव में मीनाक्षी लेखी ने मोर्चा संभाला था. तब मीनाक्षी लेखी ने कहा था, "पहले ये अल्पसंख्यक-अल्पसंख्यक चिल्ला रहे थे. फिर दलित-दलित चिल्लाने लगे. अब महिला-महिला चिल्ला कर राज्य सरकार के मुद्दों पर केंद्र को घेर रहे हैं."
आगे से बीजेपी को इसमें एक बात और जोड़ लेनी होगी - भ्रष्टाचार. राहुल गांधी लोगों को याद दिला रहे हैं कि किस तरह बीजेपी के सीएम कैंडिडेट बीएस येदियुरप्पा भ्रष्टाचार के मामलों में फंसे और उन्हें जेल जाना पड़ा था. फिर रेड्डी बंधुओं का नाम लेकर राहुल गांधी मोदी को घेर रहे हैं, कहते हैं, बीजेपी ने आठ दागियों को टिकट दे डाला है. राहुल गांधी समझा रहे हैं कि कांग्रेस सरकार ने रेड्डी बंधुओं को उनकी जगह जेल भेज दिया था और उनके बाहर निकलते ही प्रधानमंत्री मोदी ने टिकट देकर विधानसभा पहुंचाने का इंतजाम कर दिया. "मोदी का लक्ष्य कर्नाटक की संपत्ति रेड्डी बंधुओं और पांच-दस अमीर लोगों के हाथ में देना है. कांग्रेस ऐसा कभी नहीं होने देगी," राहुल गांधी भरोसा दिलाते हैं.
कर्नाटक मैनिफेस्टो एक सूबे के लिए बेहतर हो सकता है और उसकी कुछ बातें राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण हो सकती हैं, मगर, बीजेपी के 2014 के चुनावी जुमलों के साथ राहुल गांधी 2019 में प्रधानमंत्री मोदी को चैलेंज करने की सोच रहे हैं तो एक बार नहीं बार बार सोच लेना चाहिये.
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