पाकिस्तान कर रहा है गुरमेहर का समर्थन !
हिंदुस्तान के अलावा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी गुरमेहर कौर चर्चा का विषय बनी हुई है. गुरमेहर के जरिए पाकिस्तान को भारत के खिलाफ भड़ास निकालने का मौका जो मिल गया है.
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विश्वविद्यालय अब सियासत का अखाड़ा बनते जा रहे हैं. देशभक्ति के नाम पर कुछ भटके छात्र उन्माद फैलाने का काम कर रहे हैं. छात्रा गुरमेहर भी इसी रास्ते पर चल पड़ी हैं. गुरमेहर तंग सोच की सियासी विचारधारा का शिकार हो गई हैं. भारत तेरे टुकड़े-टुकडे बयान करने वाले कन्हैया की राह पर चलती नजर आ रही हैं. कल तक गुरमेहर कौर को कोई नहीं जानता था. रातों-रात सोशल मीडिया पर इनके फॉलोअर्स की संख्या लाखों में पहुंच गई है. हिंदुस्तान के अलावा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी गुरमेहर कौर चर्चा का विषय बनी हुई है. गुरमेहर के जरिए पाकिस्तान को भारत के खिलाफ भड़ास निकालने का मौका मिल गया है.
गुरमेहर की पहचान देश की राजधानी दिल्ली के एक कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा की है. पर, कथित बलात्कार की धमकी को लेकर इस समय यह लड़की चर्चा का विषय बनी हुई है. उनके एक बयान से सियासी गलियारों में भूचाल लाकर खड़ा कर दिया है. पिछले कुछ दिनों से लोग सिर्फ गुरमेहर कौर नाम को ही सर्च कर रहे हैं? कौन है, क्या करती है, उन्माद फैलाने का मकसद क्या है, उसके बोल में सच्चाई है या पीड़ा! तरह-तरह की जिज्ञासा लेकर लोग उसे खबरों में खोज रहे हैं. पूरा मीडिया गुरमेहर को ही फॉलो कर रहा है. खबरिया चैनलों पर डिबेट हो रही हैं. राह चलते लोग सिर्फ इसी लड़की की चर्चा कर रहे हैं. असल में इस लड़की की पहचान दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में पढ़ने वाली एक सामान्य छात्रा की है, जिसके पिता करगिल की लड़ाई में शहीद हुए थे. लेकिन अपने पिता को शहीद नहीं, बल्कि युद्व में मरने को लेकर कहे एक सवाल ने भूचाल ला दिया है.
गुरमेहर ने आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सच्चाई यह है कि गुरमेहर ने अपने अमर शहीद पिता का नाम उपयोग करके भारत की राजनीति में हलचल तो मचा ही दी है, साथ ही भारत तेरे टुकड़े करने वाले गैंग का साथ देने का समर्थन भी कर दिया है. पूरे मसले को अगर ठीक से देखें तो लगता है कि गुरमेहर को सिर्फ गुमराह किया जा रहा है. गुरमेहर के कथित बयान के आड़ में कुछ लोग तंग सोच वाली राजनीति कर रहे हैं.
देश में इस समय कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर चर्चा और मंथन करने की जरूरत है. गरीबी, रोजमर्रा की जरूरतें, बेरोजगारी, सड़क, पानी का अभाव आदि ऐसे मुद्दे मुंह खोले खड़े हैं जिनपर हमें फोकस करने की जरूरत है. दरअसल गुरमेहर जैसे युवाओं को इन्हीं मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद करने की जरूरत है. लेकिन ऐसे युवा सियासत के मोहरा बहुत जल्द बन जाते हैं. इस समय गुरमेहर के साथ भी सही हो रहा है. देश के खिलाफ उसने यह बयान खुद दिया या किसी के कहने पर दिया. इस बात की तासीद तक जाने की जरूरत है. गुरमेहर ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पर जो आरोप लगाए हैं उनका खंडन करके एबीवीपी ने खुद पुलिस में शिकायत करके पूरे मामले की जांच करके आरोपी पर कार्रवाई करने की मांग की है.
पाकिस्तान में गुरमेहर को मिल रहा है समर्थन
पाकिस्तान में भी गुरमेहर का समर्थन किया जा रहा है. पाकिस्तानी महिला पत्रकार मेहर तरार ने गुरमेहर के पक्ष में ट्वीट करके समर्थन किया है. बाकी पाकिस्तानी भी मानते हैं कि गुरमेहर के पिता को उनके ही लोगों ने मारा होगा. पाकिस्तानी मीडिया लगातार गुरमेहर पर निगाह बनाए हुए है.
BJP threatens Indian girl with rape for posting pro-Pakistan messages https://t.co/DH8q19aIon pic.twitter.com/N0R1xCP5Mj
— Geo English (@geonews_english) February 27, 2017
पाकिस्तानी मीडिया में गुरमेहर को लेकर इस तरह की खबरें चलाई जा रही हैं-
गुरमेहर के वायरल वीडियो पर ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले पाकिस्तानी युवक फयाज खान ने गुरमेहर का सपोर्ट करते हुए वैसा ही एक वीडियो बनाया था जो इस वक्त फिर से वायरल हो गया है.
पाकिस्तान के अलावा हिंदुस्तान में भी इस लड़की के समर्थन और मुखालफत में कई ट्वीट सामने आने का सिलसिला जारी है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी गुरमेहर की वकालत करते हुए ट्वीट किए. वहीं दूसरी ओर अब खेल जगत के खिलाड़ी भी इस दंगल में कूदे गए हैं. बबीता फोगाट ने गुरमेहर के खिलाफ ट्वीट करते हुए लिखा था कि जो अपने जो अपने देश के हक में बात नहीं कर सकती उसके हक में बात करना ठीक है क्या? बबीता के बाद रेसलर योगेश्वर दत्त ने भी गुरमेहर कौर आड़े हाथों लेते हुए उनके खिलाफ एक तस्वीर को ट्वीट किया है, जिसमें ओसामा बिन लादेन, हिटलर की तस्वीर के जरिए निशाना साधा है. गुरमेहर पर समर्थन व खिलाफ की चारो ओर से बौछारें हो रही हैं. हमारे लिए यह बहुत शर्म की बात है.
कुछ सियासी लोग गुरमेहर का इस्तेमाल करना चाहते हैं. यह बात अब गुरमेहर भी भांप गईं हैं, तभी दिल्ली छोड़कर पंजाब अपने घर चली गईं. संपर्क करने के लिए फोन का इस्तेमाल भी नहीं कर रही हैं. अगर यही बात शुरू में समझ जाती तो यह बखेड़ा नहीं खड़ा होता. गुरमेहर को शायद खुद की गलती का अहसास हो गया है. कहते हैं कि इंसान के पास ज्ञान, बुद्धि, विवेक सबकुछ होने के बावजूद दूरदृष्टि नहीं होती जिससे वो अपने आनेवाले वक्त को देख सके या महसूस कर सके. कभी-कभी नासमझी का आलम ऐसा होता है कि जिंदगी के फिल्मी सीन खत्म हो जाने के बाद भी क्लाइमैक्स देर से समझ आता है. और जबतक समझ आता है बात आउटडेटेड हो जाती है. ये गुस्ताखियां, नादानियां पता नहीं कब खत्म होंगी! लगता है अब गुरमेहर को सब माजरा समझ आ गया है, तभी उसने अपने ट्विटर अकाउंट से कैंपेन वाली तस्वीरें भी हटा दी हैं. साथ ही ट्विटर पर अपनी प्रोफाइल पिक्चर भी बदल दी है जिसमें वह अब बेहद हल्के अंदाज में कॉफी पीती नजर आ रही हैं. फेसबुक पर भी गुरमेहर ने अपना संदेश दिया है और अपनी प्रोफाइल पिक्चर को बदल लिया है. पूरे मामले को नॉर्मल बताया है.
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क्या वाकई गुरमेहर को नहीं पता था कि उसके पिता कैसे और कहां शहीद हुए ?
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