क्या पाकिस्तान का बढ़ता परमाणु प्रेम भारत के लिए खतरे की घंटी है?
पाकिस्तान के पूर्व साइंटिस्ट के अनुसार पाकिस्तान कहूटा से दिल्ली को सिर्फ पांच मिनट में टारगेट कर सकता था. और अब इसी कहूटा में पाकिस्तान द्वारा एक नए यूरेनियम समृद्ध काम्प्लेक्स का निर्माण किया जाना भारत के लिए बहुत ही चिंताजनक खबर है
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पाकिस्तान लगातार अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को काफी तेजी से बढ़ाए जा रहा है. इतनी तेजी से की कुछ एक्सपर्ट ये भी कहने से नहीं हिचक रहे हैं कि पाकिस्तान विश्व में सबसे तेजी से अपने न्यूक्लियर मंसूबे को अंजाम दे रहा है, जो न केवल भारत बल्कि ग्लोबल वर्ल्ड के लिए भी खतरे की घंटी है.
एक नया सेंट्रीफ्यूज बना रहा है पाकिस्तान |
आज खबर आ रही है कि पाकिस्तान बहुत तेजी से कहूटा में स्थित अपने 'खान रिसर्च लैबोरेट्रीज' के एक पुनर्संसाधन साइट के लिए एक नया सेंट्रीफ्यूज बना रहा है. इसका खुलासा एक ताजा व्यावसायिक उपग्रह की इमेजरी से हुआ है. ये किसी से छुपा हुआ नहीं है कि सेंट्रीफ्यूज का प्रयोग परमाणु कार्यक्रम और परिक्षण के लिए किया जाता है.
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आईएचएस मार्केट नाम की विश्लेषक कंपनी जो बिजनेस और इंटेलिजेंस से जुडी हुई जानकारियों का विश्लेषण करती है उसने एक रिपोर्ट में दिखाया है कि पाकिस्तान कैसे तेजी से कहूटा में नए यूरेनियम समृद्ध काम्प्लेक्स का निर्माण करा रहा है. और उसके लिए उसने 28 सितम्बर 2015 और 18 अप्रैल 2016 को एयरबस डिफेन्स द्वारा लिए गए उपग्रह इमेजरी को आधार बनाया है.
उसने साथ में ये भी बताया है कि ये यूरेनियम समृद्ध काम्प्लेक्स करीब 1.2 हेक्टेयर में फैली हुई है और सबसे सुरक्षित 'खान रिसर्च लैबोरेट्रीज' के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में स्थित है.
विश्व के कई देश पहले भी पाकिस्तान पर ये आरोप लगाते रहे हैं कि वो गुप्त परमाणु हथियार बनाने में लिप्त है. ये ताजा खबर पाकिस्तान की मंशा को पुष्ट करती है. कई संस्थाए पिछले कई सालों से उपग्रह इमेजरी के आधार पर पाकिस्तान में ये आरोप लगाते रहे हैं कि वो अपने परमाणु जखीरे में लगातार बढ़ोतरी करते जा रहा है.
पिछले साल भी ये रिपोर्ट आयी थी कि पाकिस्तान अपने चश्मा, पंजाब स्थित प्लूटोनियम पुनर्संसाधन प्लांट द्वारा परमाणु गतिविधियों को तेजी प्रदान कर रहा है.
आपको ये बताना जरुरी है की न्यूक्लियर तकनीक की स्मगलिंग के आरोपी पाकिस्तान के पूर्व साइंटिस्ट अब्दुल कादिर खान ने मई 2016 में कहा था कि पाकिस्तान कहूटा से दिल्ली को सिर्फ पांच मिनट में टारगेट कर सकता था. और अब इसी कहूटा में पाकिस्तान द्वारा एक नए यूरेनियम समृद्ध काम्प्लेक्स का निर्माण किया जाना भारत के लिए बहुत ही चिंताजनक खबर है.
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एक अमेरिकी थिंक टैंक के अनुसार पाकिस्तान के पास फिलहाल 120 परमाणु हथियार मौजूद हैं, और उनके परमाणु हथियारों का बढ़ता जखीरा पुरे विश्व के लिए गंभीर खतरा है. सभी जानते हैं कि पाकिस्तान में कई आतंकवादी संगठन जिसमें तालिबान भी सम्मलित है काफी सालों से अपने खतरनाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए इन परमाणु हथियारों पर आंख गड़ाए हुए हैं. अगर ये हथियार इन आतंकवादियों के हाथ लग गई तो कल्पना कीजिये कि वे विश्व के लिए कैसी कयामत ला सकते हैं.
पाकिस्तान में परमाणु शस्त्रागार की सुरक्षा को लेकर काफी आशंकाएं कई देशों द्वारा उठाया जा चुका है. हालांकि हाल में ही पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने इन खबरों का खंडन किया है कि उनके देश का परमाणु प्रोग्राम सुरक्षित नहीं है.
हाल ही में नार्थ कोरिया द्वारा पांचवा परमाणु परीक्षण किया गया था. इस परीक्षण से अगर अमेरिका और जापान की नींद उड़ी हुई है तो भारत भी कम परेशान नहीं हैं. पाकिस्तान, चीन और नार्थ कोरिया नेक्सस भारत के लिए सरदर्द उत्पन्न करने के लिए काफी है. अगर प्लूटोनियम आधारित इस परीक्षण की टेक्नोलॉजी पाकिस्तान हासिल कर लेता है तो वो किसी भी तरह का हथियार बना सकता है और कैसे भी प्रयोग कर सकता है.
पाकिस्तान की ताजा परमाणु प्रेम की बानगी इस समय आ रही है जब पाकिस्तान, परमाणु सप्लायर समूह(एनएसजी) में एंट्री चाहता है. भारत को इस मुद्दे को उठाना चाहिए ताकि उसके इस परमाणु उड़ान को रोका जा सके. जाहिर है भारत के लिए पाकिस्तान का बढ़ता हुआ परमाणु प्रोग्राम काफी चिंताजनक है. भारत को सतर्क रहने की जरुरत है.
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