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Updated: 13 जनवरी, 2017 09:28 PM
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केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार जनवरी 9 को कहा कि पूरी दुनिया के लिए यह बात ज्यादा स्पष्ट है कि भारत में आतंकवाद को असल में पाकिस्तान बढ़ावा दे रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों बड़ी संख्या में पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिशों को सुरक्षा बलों ने नाकाम किया है.

लेकिन भारत के खुफ़िया एजेंसी की सूचनाओं के आधार पर एक बड़ी खबर ये आई है कि पाकिस्तान के 12 आतंकवादी केंद्रों पर भारत सरकार की नजरें केंद्रित हैं और उनकी तमाम गतिविधियों को सरकार लगातार ध्यान से देख रही है, फिर भी अगर गत वर्ष सितंबर में भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जिसमें ये दावा किया गया था कि सीमा से सटे पाकिस्तान नियंत्रित क्षेत्र में आतंकवाद के केंद्र और लांच पेड को नष्ट कर दिया गया है, अगर फिर से वहां 12 केंद्रों का पता चलता है, जहां भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियां शुरू हो गयी हैं, तो सचमुच ये चिंता की बात है. 12 लॉन्चिंग पैड राडार पर हैं, और वो हैं- बालाकोट, गढ़ी हबीबुल्लाह, बतरसी, मशर-ए-अकशाह, अब्दुल्लाह बिन मौसम, दलाई, छेला बंदी, कोटली, दुंगी, गुल्पर, बाराली और मंदाकुली.

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 पाकिस्तान के 12 कैंपों में तैयार हो रही है आतंक की नई खेप

रिपोर्ट में खुलासा इस बात का भी किया गया है कि 26/11 का मास्टरमाइंड हाफिज सईद, जैश-ए-मोहम्मद चीफ मौलाना मसूद अजहर और हिज्बुल-मुजाहिदीन चीफ सैयद सलाहुद्दीन ने अपने आतंकियों से हालात का फायदा उठाने और इंडियन सिक्युरिटी फोर्सेज पर लगातार हमले करने को कहा है. आतंकी संगठनों द्वारा जम्मू-कश्मीर के लोकल लोगों की भर्ती भी चिंता का विषय है. ऐसा अनुमान है कि पिछले कुछ महीनों में 100 से ज्यादा नौजवान अपने घरों से लापता हुए हैं. 8 जुलाई 2016 को कश्मीर के हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से घाटी लंबे वक्त तक हिंसा का शिकार रही है.

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इन भारत विरोधी आतंकवादी केंद्रों में 300 से ज्यादा आतंकवादी भारत में घुसपैठ को तैयार हैं, और उनके संभावित भारत के प्रवेश स्थानों पर भी खुफ़िया एजेंसियां अपना ध्यान केंद्रित किये हुए हैं. सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी आतंकवादियों की बौखलाहट साफ देखी जा सकती है, कि जिस तरह से पिछले कुछ महीनों में कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में लगातार पाकिस्तानी आतंकवादियों ने धावा बोला है, और जिनमें 2009 से 2016 तक  करीब 300 छोटे मोटे आतंकी घटनाओं में  75 भारतीय जवान शहीद हुए हैं, साल 2016 में ही करीब 100 बार सीमा पार के आतंकवादियों ने भारत में उधम मचाया है, 2016 में पठानकोट से शुरू हुई आतंकवादी घटना नगरोटा तक चलती रही. 2016 में कुल 146 आतंकियों को जवानों ने मार गिराया .

पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने आठ 'खुंखार आतंकवादियों' की मौत की सजा पर मुहर लगा दी, जिसमें ये भी कहा गया कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ अपनी मुहीम में कमी नहीं आने देगा, पर निश्चय ही ये दुनिया को दिया जाने वाला एक दिलासा है.

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भारत में जो सारा आतंकवाद आयात या निर्यात किया जा रहा है वह असल में पाकिस्तानी धरती से प्रेरित है, उसे वहां से बढ़ावा दिया जा रहा है और निरंतर जारी रखा जा रहा है. अब समय आ गया है की अंतराष्ट्रीय समुदाय को भारत के साथ पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ नयी नीति लानी होगी और उसपर सख्ती से अमल करना होगा .

लेखक

जगत सिंह जगत सिंह @jagat.singh.9210

लेखक आज तक में पत्रकार हैं.

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