यूपी चुनाव में पार्टियों को सता रहा है एक डर, जानिए
यूपी में अब केवल आखिरी चरण का चुनाव बचा है. सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी जीत के दावे ठोंक रही हैं. लेकिन कहीं न कहीं उन्हें त्रिशंकु विधानसभा होने का भी डर सता रहा है.
-
Total Shares
यूपी में अब केवल आखिरी चरण का चुनाव बचा है. सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी जीत के दावे ठोंक रही हैं. लेकिन कहीं न कहीं उन्हें त्रिशंकु विधानसभा होने का भी डर सता रहा है. हर कैंप एक दूसरे कैंप से डरा हुआ है- तभी तो सभी जनता को आगाह करते हुए सुने जा सकते हैं कि वोट उन्हीं को दें नहीं तो दूसरा कैंप मिलकर सरकार बना लेंगे.
यानी यूपी में चुनाव खत्म होने को आए लेकिन पिक्चर अभी साफ़ नहीं हो पाई है. चुनाव नतीजे से पहले वैसे तो हर पार्टी बहुमत का दावा कर रही है उनकी सरकार आने वाली है जबकि सच्चाई यही है कि किसको कितनी सीटें आएंगी, कौन जीतेगी और कौन हारेगा किसी को मालूम नहीं है. तो आइये सबसे पहले समझते हैं यूपी का मिजाज.
यूपी का मिजाज साल 1991 के बाद से लगातार 16 सालों तक किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है जबकि 2007 के चुनाव से स्पष्ट बहुमत मिलने लगा है. मायावती को समर्थन देने से पहले बीजेपी ने साल 1989 में मुलायम सिंह की सरकार बनवाई थी, लेकिन राम मंदिर आंदोलन के मुद्दे पर उनसे समर्थन वापस ले लिया था.
1991 में बीजेपी की बहुमत वाली सरकार बनी लेकिन अयोध्या में विवादत ढांचा गिराने की वजह से वहां राष्ट्पति शासन लगा दिया गया था. 1993 में मुलायम और मायावती ने मिलकर जीत हासिल की थी. मायावती पहले 6 महीने के लिए मुख्यमंत्री बनी थी, लेकिन 6 महीने बाद जब उन्होंने मुलायम को सत्ता देने से मना कर दिया तो सरकार गिर गई. 1993 से लेकर 2007 तक फिर किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला.
अब जानते हैं कि कैसे नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से जिस राज्य में भी विधान सभा का चुनाव हुए हैं वहां किसी पार्टी या गठबंधन को पूर्ण बहुमत हासिल हुए हैं.
असम चुनाव 2016 : 126 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में भाजपा ने 60 सीटों के साथ बढ़त हासिल की और सरकार बनाने में कामयाब रही. भाजपा के सर्वानंद सोनोवाल ने 15 वर्षों से असम में जारी तरूण गोगोई की कांग्रेस सरकार को हराकर भारतीय जनता पार्टी को जीत दिलाई
पश्चिम बंगाल चुनाव 2016 : 294 सदस्यीय पश्चिम बंगाल चुनाव में आल इण्डिया तृणमूल कांग्रेस 211 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में आई और दूसरी बार ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनी.
तमिलनाडु चुनाव 2016 : तमिलनाडु में जयललिता की एआईएडीमके ने 134 सीटों पर जीत के साथ पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई.
केरल चुनाव 2016 : 140 सदस्यीय केरल विधान सभा UDF की सरकार को हराकर LDF ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई.
दिल्ली चुनाव 2015 : 70 सदस्यीय दिल्ली विधान सभा चुनाव का परिणाम तो ऐतिहासिक ही रहा. यहां आम आदमी पार्टी (आप) ने 67 सीटें जीतकर इतिहास रचा और अरविन्द केजरीवाल मुख्यमंत्री बने.
बिहार चुनाव 2015 : 243 सदस्यीय बिहार विधान सभा में राजद और जदयू साथ मिलकर चुनाव लड़े और पूर्ण बहुमत के साथ नितीश कुमार मुख्यमंत्री बने.
जम्मू-कश्मीर चुनाव 2014 : 87 सदस्यीय विधानसभा में हालांकि भाजपा 25 सीटें ही जीतने में कामयाब रही लेकिन जम्मू एण्ड कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी जिसने 28 सीटें जीती थी और गठबंधन कर सरकार बनाई थी.
झारखंड चुनाव 2014 : 81 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 37 सीटें जीती, जबकि उसकी सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) 5 सीटें जीती. राज्य से भाजपा का चेहरा रहे रघुबर दास यहां से मुख्यमंत्री बनाए गए
हरियाणा चुनाव 2014 : 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में भाजपा ने 47 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए सरकार बना ली. भाजपा की तरफ से मनोहर लाल खट्टर को सीएम बनाया गया
महाराष्ट्र चुनाव 2014 : 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा ने 122 सीटों पर शानदार जीत दर्ज करते हुए पूर्ण बहुमत प्राप्त किया और देवेंद्र फडणवीस को राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया.
उपरोक्त उदाहरणों से साफ़ पता चलता है कि जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं और जहां जहां भी राज्यों में चुनाव हुए वहां किसी एक पार्टी या गठबन्धन को पूर्ण बहुमत मिला है. अब चूकि उत्तर प्रदेश के चुनावों का नतीजा 11 मार्च को ही आएगा, ऐसे में उसी दिन ही ये पता भी चल पायेगा कि यह प्रदेश इस रुझान को जारी रख पायेगा या नहीं?
ये भी पढ़ें-
पूर्वांचल पार्ट 2 में वोटिंग प्रतिशत और मुस्लिम वोटों की प्रमुख भूमिका
आपकी राय