मोदी की रैली में आई भीड़ के बारे में प्रियंका गांधी का खुलासा हर पार्टी का सच है!
प्रियंका गांधी एक बार फिर भाजपा पर हमलावर हैं और उन्होंने भीड़ और जनता के पैसे को मुद्दा बनाया है. प्रियंका ने जो खुलासा किया है ये कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में वो केवल भाजपा का नहीं बल्कि सभी दलों का सच है.
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बस कुछ दिन और फिर आचार संहिता, उसके बाद पंजाब, उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्यों के चुनाव हो जाएंगे. आगामी चुनावों में तमाम दलों की तरह कांग्रेस ने भी कमर कस ली है. कांग्रेस, प्रियंका गांधी के बल बूते सत्ता में आने का सपना देख रही है. वहीं बात अगर प्रियंका गांधी की हो तो विधानसभा चुनावों के मद्देनजर प्रियंका गंभीर हैं. भाजपा और समाजवादी पार्टी की तर्ज पर उनका भी उद्देश्य यूपी का किला फतेह करना है जिसके लिए प्रियंका ने भी जी जान एक की हुई है. हर दिन नयी रणनीति के साथ प्रियंका मैदान में होती हैं और उन बातों को मुद्दा बनाती हैं जिसका प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से वास्ता जनता से है. प्रियंका एक बार फिर भाजपा पर हमलावर हैं और उन्होंने भीड़ और जनता के पैसे को मुद्दा बनाया है. प्रियंका ने जो खुलासा किया है ये कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में वो केवल भाजपा का नहीं बल्कि सभी दलों का सच है.
भाजपा पर हमला करते हुए प्रियंका ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की रैलियों के लिए जो कुछ भी कहा है उसमें कोई नयी बात नहीं है
बताते चलें कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी सरकार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की रैलियों के लिए भीड़ जुटाने के लिए जनता का पैसा खर्च करने का गंभीर आरोप लगाया है. साथ ही प्रियंका ने ये भी कहा है कि राज्य में हर कोई भाजपा की जुमलों की राजनीति को समझ गया है.
अपनी बात को वजन देने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्विटर का सहारा लिया है. प्रियंका ने अपनी ट्विटर टाइम लाइन पर मीडिया रिपोर्टों की क्लिपिंग साझा की है. प्रियंका का दावा है कि इन रैलियों में भीड़ इकट्ठा करने के लिए अधिकारियों द्वारा 'पब्लिक मनी'की मांग बिना संकोच के की जा रही थी.
बात प्रियंका ने ट्वीट की हो तो प्रियंका ने कोरोना वायरस लॉक डाउन का जिक्र किया है और लिखा है कि लॉक डाउन के दौरान जब लाखों मजदूर दिल्ली से उत्तर प्रदेश में अपने गांवों को पैदल लौट रहे थे, तो भाजपा सरकार ने उन्हें बसें नहीं दीं.
लॉकडाउन के दौरान जब दिल्ली से लाखों श्रमिक बहन-भाई पैदल चलकर उप्र में अपने गांवों की तरफ लौट रहे थे, उस समय भाजपा सरकार ने श्रमिकों को बसें उपलब्ध नहीं कराई थीं.लेकिन, पीएम और गृहमंत्री की रैलियों में भीड़ लाने के लिए सरकार जनता की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. pic.twitter.com/jV3yG2Qx8n
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 16, 2021
प्रियंका का आरोप है कि, सरकार जनता की गाढ़ी कमाई का करोड़ों रुपया प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की रैलियों में भीड़ लाने के लिए खर्च कर रही है.' प्रियंका गांधी का दावा है कि पूरे उत्तर प्रदेश में गांव तक में लोगों में बीजेपी के प्रति गहरी नाराजगी है. प्रियंका ने कहा है कि, 'जुमलों की दुकान, फीके पाकवां' की भाजपा की राजनीति को हर कोई समझ चुका है.
उप्र के गांव-गांव में भाजपा के प्रति गहरी नाराजगी है. भाजपा की 'जुमलों की दुकान, फीके पकवान' वाली राजनीति को बच्चा-बच्चा समझ चुका है. इसलिए करोड़ों लगाकर बस चेहरा बचाने की कवायद चल रही है.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 16, 2021
प्रियंका ने भले ही देश के पीएम और गृह मंत्री की रैली को मुद्दा बनाया हो लेकिन बात फिर वही है कि ये सिर्फ अकेले भाजपा का नहीं है. चाहे वो सपा बसपा रहे हों. या ख़ुद कांग्रेस. जो भी दल कहीं पर भी पावर में होता है इस सुविधा का भरपूर फायदा उठाता है.
प्रियंका ने जिस तरह पीएम मोदी और अमित शाह की रैली को मुद्दा बनाया है और इस बात का जिक्र किया है कि इन रैलियों में भीड़ लाने के लिए जनता की गाढ़ी कमाई की बलि ली जाती है इसमें नया कुछ नहीं है.
जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रियंका यदि कोई बड़ा खुलासा कर रही थीं तो उन्हें कोई नई बात बतानी चाहिए थी. उन्होंने जो कहा है उससे जनता बहुत पहले से ही वाकिफ है. विषय बहुत सीधा है. इसे व्यर्थ में ही तूल दिया जा रहा है. एक नेता के तौर पर प्रियंका इस बात से परिचित होंगी कि दल कोई भी हो, नेता कोई भी और कैसा भी हो कोई अपनी जेब से चुनाव नहीं लड़ता. खेल टिकट का है और आज का नेता कुछ जाने न जाने वो इस चीज को बखूबी जानता है और समझता है.
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