New

होम -> सियासत

 |  5-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 17 मार्च, 2022 05:42 PM
अरविंद मिश्रा
अरविंद मिश्रा
  @arvind.mishra.505523
  • Total Shares

आम आदमी पार्टी की सरकार अब दिल्ली के अलावा पंजाब में भी बन गयी. पंजाब में कांग्रेस की सरकार का सूफड़ा साफ़ करते हुए 117 में से 92 सीटें जीत ली. पिछली बार के पंजाब विधानसभा के चुनाव में इसने 20 सीटें और 24 फीसदी वोट पायी थी जिसे बेहतर करते हुए इस बार 42 फीसदी वोट प्राप्त किये. आम आदमी पार्टी की स्थापना नवम्बर 2012 में हुआ था और दस साल के अंदर ही यह एकमात्र ऐसी गैर-कांग्रेसी और गैर-भाजपा पार्टी बन गई जिसकी एक से ज्यादा राज्यों में सरकार है. पहले दिल्ली और अब पंजाब, दोनों राज्यों में जहां कांग्रेस की सरकारें थी अब 'आप' का कब्ज़ा हो गया. अब ये  सवाल उठना लाज़िमी ही है कि क्या 'आप' केलिए कांग्रेस ही "सॉफ्ट टारगेट' है और वो ही उसके मुख्य विपक्षी दल का असली हकदार है?

Aam Aadmi Party, Arvind Kejriwal, Punjab Election, Bhagwant Mann, Chief Minister, Punjab, Congress, Navjot Singh Sidhuपंजाब में आम आदमी पार्टी का इतिहास रचना पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा सकता है

कुछ दिन पहले ही आप नेता और पंजाब चुनाव प्रभारी राघव चड्ढा ने कहा था कि AAP प्रमुख राष्ट्रीय ताकत बनकर उभरी है और यह कांग्रेस का “स्वाभाविक और राष्ट्रीय” प्रतिस्थापन होगा. इसके जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा था कि "नौ साल पुरानी पार्टी कई दशकों की कांग्रेस की विरासत और प्रमुख  विपक्षी पार्टी के रूप में प्रतिस्थापित नहीं कर सकती है".

कांग्रेस पार्टी की स्थापना दिसंबर 1885 में हुयी थी यानि करीब 136 साल पुरानी.  भारतीय जनता पार्टी की स्थापना अप्रैल 1980 में हुई यानि 42 साल पुरानी पार्टी. वहीं  आम आदमी पार्टी की स्थापना नवंबर 2012 में यानि 10  साल से भी कम.

'आप' अब  136 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी का टक्कर देते नज़र आ रही है.  'आप' के बढ़ते जनाधार को इस तालिका से समझा जा सकता है. 

 

BJP 

Cong 

AAP 

Part of a State Govts in Number of states 

18 

Number of Chief Ministers 

12 

 

BJP 

Cong 

AAP 

Total Number of MLAs as of 2022 

1339 

762 

156 

 

BJP 

Cong 

AAP 

Overall strike rate in 2022 Elections 

57.7 

8.1 

16.3 

Lok Sabha Performances

  

2019 

2014 

 PARTY NAME  

Seat Contested 

 WON  

Vote % 

Seat Contested 

 WON  

Vote % 

Bharatiya Janata Party 

436 

303 

37.70 

428 

282 

31.30 

Indian National Congress 

422 

52 

19.67 

464 

44 

19.50 

Aam Aadmi Party 

35 

0.40 

432 

2.10 

आम आदमी पार्टी के पास  'वैकल्पिक शासन' एजेंडा मतदाताओं की आशाओं को दर्शाता है

'आप' एक ऐसी राजनैतिक पार्टी है जो शासन का एक वैकल्पिक रूप प्रदान करता है जो जीवन यापन की लागत को कम करता है. यानि जनता जनार्दन के नब्ज़ को पहचानता है और कुछ निशुल्क सेवाएं प्रदान करने के साथ ही शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाएं को बेहतर बनाने के क्षेत्र में  काम करता है.

'आप' के पास अरविन्द केजरीवाल के रूप में एक करिश्माई, संगठन निर्माता,सक्षम नेता है

आम आदमी पार्टी के पास अरविन्द केजरीवाल जैसा एक करिश्माई नेता है जो कांग्रेस के राहुल गांधी में  जनता का अपने तरफ खींचने की कला नहीं है. अरविन्द केजरीवाल तीन बार दिल्ली मुख्यमंत्री रहे हैं और अपने शासन रिकॉर्ड के आधार पर फिर से चुने गए हैं। वहीं राहुल गांधी को शासन को कोई तजुर्बा नहीं है इसलिए वो मतदाताओं में विश्वास पैदा करने में असमर्थ हैं. केजरीवाल एक  शक्तिशाली संगठन निर्माता और एक अधिक विश्वसनीय सार्वजनिक वक्ता भी हैं जो राहुल गांधी में नहीं है.

राहुल गांधी के खिलाफ अक्षम प्रतिनिधित्व का तमगा

राहुल गांधी को व्यापक रूप से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के लिए जिम्मेदार वंश के अक्षम प्रतिनिधि के रूप में माना जाता है, जिसने आम आदमी की आकांक्षाओं को निराश किया. वहीं केजरीवाल को एक स्वच्छ छवि अला ईमानदार व्यक्ति के रूप में जाना जाता है.

केजरीवाल एक स्व-निर्मित नेता हैं

केजरीवाल को एक स्व-निर्मित व्यक्ति के रूप में माना जाता है, जिन्होंने IIT और सिविल सेवा प्रवेश परीक्षा दोनों को पास किया है; सामाजिक सेवाओं के लिए मैगसेसे पुरस्कार जीता; और एक प्रसिद्ध भ्रष्टाचार विरोधी योद्धा रहे हैं. यह उन्हें एक ऐसे विपक्षी चेहरे के रूप में उभरने के लिए बेहतर स्थिति में रखता है जिसके पीछे जनता एकजुट हो सकती है और मोदी को विश्वसनीय रूप से चुनौती दे सकती है.

'आप' एक मिशन के साथ 'राजनैतिक युद्ध' के लिए तैयार पार्टी

कांग्रेस का नेतृत्व हताश, प्रेरणाहीन नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाता है जो लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं हैं. यह नई प्रतिभाओं को आकर्षित करने में विफल रहा है, जबकि इसके अपने नेताओं ने इसे अपनी पार्टियां बनाने या अपने प्रतिद्वंद्वियों में शामिल होने के लिए छोड़ दिया है.

ठीक इसके विपरीत, 'आप' के पास युवा, निष्ठावान, समर्पित कार्यकर्ताओं की फौज है, जो पार्टी के मिशन में अटल विश्वास रखते हैं. और इसे यह एक धारणा की लड़ाई जीतने में मदद करता है.

जब आम आदमी पार्टी दिल्ली में सरकार बनाई तब से दो विधान सभा चुनावों में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पायी है. और अब पंजाब में इसकी धमाकेदार जीत यानि क्लीन स्वीप....आगे कांग्रेस का वहां क्या होगा पता नहीं.  लेकिन अभी तक तो ये साफ़ है कि आम आदमी पार्टी का 'सॉफ्ट टारगेट' कांग्रेस ही रही है और उसका राजनैतिक गिरावट इसी तरह होता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब 'आप' उसके द्वारा खाली जगह को भरने में सक्षम हो जाए.

ये भी पढ़ें -

सिद्धू का एक लाइन का इस्तीफा, लोगों ने ठोको ताली और शायरी की यूं दिलाई याद

सोनिया गांधी जान लें पंजाब में कैप्टन बुझे कारतूस थे, हार के वास्तविक कारण और हैं!

The Kapil Sharma Show में जाने लायक भी नहीं बचे नवजोत सिंह सिद्धू!

लेखक

अरविंद मिश्रा अरविंद मिश्रा @arvind.mishra.505523

लेखक आज तक में सीनियर प्रोड्यूसर हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय