बाजवा के खिलाफ 'बगावत', 7 पाकिस्तानी जनरल लामबंद!
सिर्फ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ही नहीं है जो बाजवा के एक्सटेंशन (Qamar Javed Bajwa extension) के रास्ते की बाधा बन गया है, बल्कि 7 पाकिस्तानी जनरल (Pakistan Generals) भी यही चाह रहे हैं कि बाजवा को एक्सटेंशन ना दिया जाए.
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पाकिस्तान (Pakistan) में इन दिनों आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) मुसीबतों में फंसे हुए हैं. उनके फंसने की वजह बने हैं इमरान खान (Imran Khan), जो चाहते तो थे बाजवा को फायदा पहुंचाना, लेकिन नादानी में उनका ही नुकसान कर बैठे. इमरान खान ने बाजवा का कार्यकाल 3 साल के लिए बढ़ा दिया, लेकिन अब जब मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंचा तो साफ हो गया कि कार्यकाल बढ़ाने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. कोर्ट ने बाजवा के एक्सटेंशन (Qamar Javed Bajwa extension) को 3 साल से घटाकर 6 महीने कर दिया. खैर, सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही नहीं है जो बाजवा के एक्सटेंशन के रास्ते की बाधा बन गया है, बल्कि 7 पाकिस्तानी जनरल भी यही चाह रहे हैं कि बाजवा को एक्सटेंशन ना दिया जाए. इन सब की वजह से बाजवा तो टेंशन में हैं ही, इमरान खान के माथे पर भी शिकन साफ देखी जा सकती है. बता दें कि इमरान खान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने में बाजवा का अहम योगदान है.
पाकिस्तान (Pakistan) में इन दिनों आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) मुसीबतों में फंसे हुए हैं.
7 जनरल कर रहे हैं 'बगावत'
पाकिस्तान सेना के 7 जनरल ऐसे हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट का फैसला पसंद आया है. वह सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस आसिफ सईद खोसा के साथ हैं और इमरान खान सरकार के खिलाफ हैं. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार ये 7 जनरल इसलिए विरोध कर रहे हैं, क्योंकि बाजवा का कार्यकाल बढ़ने से इन जनरल को बाजवा का पद मिलने की संभावनाएं लगभग खत्म हो जाएंगी.
कौन हैं ये 7 जनरल?
इन 7 जनरल में मुल्तान के कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सरफराज सत्तार सबसे ऊपर हैं, जिन्हें आर्मी स्टाफ का प्रमुख बनाया जा सकता है. इनके अलावा लेफ्टिनेंट जनरल नदीम रजा, लेफ्टिनेंट जनरल हुमायूं अजिज, लेफ्टिनेंट जनरल नईम अशरफ, लेफ्टिनेंट जनरल शेर अफगान और लेफ्टिनेंट जनरल काजी इकराम हैं. इनके अलावा लेफ्टिनेंट जनरल बिलाल अकबर बाजवा के पद की रेस में सातवें नंबर पर हैं. बता दें कि सभी ने सार्वजनिक रूप से तो बाजवा का विरोध नहीं किया है, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों ने बाजवा को कार्यकाल बढ़ाए जाने का विरोध किया है. उनका मानना है कि इस तरह बाजवा सुप्रीम अधिकारी बने रहकर सिस्टम को अपने हिसाब से बदलने की कोशिश कर रहे हैं.
बाजवा के बाद सबसे अधिक वरिष्ठ हैं लेफ्टिनेंट जनरल सत्तार, जो उनकी जगह ले सकते थे, लेकिन अब वह खुद ही इस्तीफा दे चुके हैं. जब उन्हें लगा कि बाजवा नियमों का उल्लंघन कर के उनका हक मार रहे हैं तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया. आपको बता दें कि बाजवा को 29 नवंबर को रिटायर होना था और उन दिन तक सत्तार सबसे वरिष्ठ जनरल थे. वह मिलिट्री इंटेलिजेंस प्रमुख, सियालकोट इंफैंट्री डिवीजन के कमांडिंग ऑफिसर और भारत में डिफेंस अटैच के तौर पर रह चुके हैं. सूत्रों की मानें तो जनरल राहिल शरीफ ने आर्मी स्टाफ प्रमुख के पद से इस्तीफा देते समय सत्तार का नाम भी प्रस्तावित किया था.
पाकिस्तान की राजनीति का एनालिसिस करने वाले अली सलमान अंदानी बताते हैं- 'अगर बाजवा को 3 साल का एक्सटेंशन मिल जाता है तो बहुत से वरिष्ठ जनरल इस पद के लिए अपनी योग्यता खो देंगे. वह कहते हैं कि पाकिस्तान में बाजवा भगवान हैं, लेकिन उनके जैसे पाकिस्तान में कई भगवान हैं.' आपको बता दें कि अगर बावजा को 3 साल का एक्सटेंशन मिल गया तो अगली बारी आने तक करीब 24 लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर हो चुके होंगे. इनमें से कई ऐसे भी हैं, जो बाजवा की जगह लेने के दावेदार हैं, लेकिन एक्सटेंशन के बाद जब तक नंबर आएगा, वह रिटायर हो चुके होंगे. अब तक सुप्रीम कोर्ट तो बाजवा के खिलाफ था ही, अब 7 जनरल भी बगावती रुख अख्तियार कर चुके हैं. इन सबकी वजह से बाजवा और उनके जिगरी दोस्त इमरान खान की चिंताएं बढ़ना तय ही मानिए.
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