राहुल गांधी ने गुजरात में गलती से ये बड़ा मिस्टेक कर दिया
अपनी अमेरिका यात्रा में राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज जरूर कसे लेकिन तारीफ भी की थी - लेकिन गुजरात पहुंच कर सब गुड़ गोबर कर दिया.
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गुजरात दौरे के आखिर में भी राहुल गांधी ने श्रद्धा का संदेश दिया - और अपनी फिटनेस को लेकर भी. खबर है कि पहाड़ी पर चामुंडा देवी के दर्शन के लिए राहुल गांधी एक हजार सीढ़ियां चढ़ गये - और वो भी महज 15 मिनट में. गुजरात दौरे पहले दिन भी राहुल ने सौराष्ट्र के प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन के साथ नवसृजन यात्रा की शुरुआत की थी.
अपनी अमेरिका यात्रा में राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज जरूर कसे लेकिन तारीफ भी की थी - लेकिन गुजरात पहुंच कर सब गुड़ गोबर कर दिया.
झूठ बोले कौवा काटे
ज्ञान तो राहुल गांधी ने स्तनपान से लेकर डिलीवरी के बाद बरती जाने वाली सावधानियों तक पर दे डाला, लेकिन राजनीतिक तौर पर वही भूल कर डाली जिसकी आशंका थी. राहुल गांधी के सारे किये धरे पर पानी फिर सकता है. उनकी एक ही गलती भारी पड़ सकती है - और वो है मोदी पर पर्सनल अटैक.
गुजरात के चौबाड़ी गांव में राहुल गांधी की एक छोटी मीटिंग महिलाओं के साथ भी हुई. इस दौरान राहुल ने महिलाओं के सवालों का जवाब तो दिया ही, उनसे सवाल भी पूछे. एक महिला से राहुल का सवाल था - 'क्या बच्चे को गाय का दूध दिया जाना चाहिए?
ज्ञान ही हक दिलाता है...
राहुल ने ये भी जानना चाहा कि क्या मां के दूध की पहली बूंद किसी नवजात को शुरू में ही दी जानी चाहिए? फिर राहुल ने बताया कि यूपी में लोग मानते हैं कि मां के दूध की पहली बूंद बच्चे को नहीं पिलाई जानी चाहिये.
राहुल गांधी गुजरात दौरे के तीनों दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर हमलावर रहे. पहले से ही चल रहे कांग्रेस के सोशल मीडिया कैंपेन को प्रमोट करने में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को बार बार झूठा साबित करने की कोशिश की. राहुल गांधी जहां कहीं भी जाते रहे विकास को लेकर सवाल जरूर पूछते और भीड़ का एक ही जवाब होता. वैसे भी भीड़ तो वो उन्हीं के लिए जुटी या जुटाई गयी होती रही.
फिर राहुल गांधी बोलते, "लोगों में सरकार के खिलाफ गुस्सा है. मोदी जी ने एक के बाद एक इतने झूठ बोले कि विकास पागल हो गया."
ये बात कांग्रेस के सोशल मीडिया कैंपेन के प्रमोशन तक तो ठीक थी, लेकिन बार बार मोदी पर निजी हमले आने वाले चुनाव में घातक साबित हो सकते हैं. वैसे ये पहला मौका नहीं जब गुजरात में मोदी को टारगेट कर निजी हमले किये गये हों.
मोदी पर निजी हमले
ज्यादातर मामलों में देखने को मिला है कि जिस किसी ने चुनावों के वक्त विरोधी नेता पर निजी हमले किये उसे भारी नुकसान हुआ. दो मिसालें तो बीजेपी के चुनाव प्रचार से ही मिल जाती हैं. दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने आप नेता अरविंद केजरीवाल को टारगेट किया उनके गोत्र पर सवाल खड़े कर. बिहार चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने नीतीश कुमार को निशाना बनाया उनके डीएनए में खोट बताकर. दोनों ही चुनावों में बीजेपी बुरी तरह हार गयी.
राहुल गांधी के टारगेट पर रहे मोदी
निजी हमलों के मामले में तो सबसे खराब अनुभव कांग्रेस का ही रहा है. नतीजा ये रहा कि दो दशक से कांग्रेस सत्ता से बाहर है.
1. मई, 2007 में नवसारी में एक चुनावी रैली में सोनिया ने कहा था, “गुजरात की सरकार चलाने वाले झूठे, बेईमान और मौत के सौदागर हैं."
2. 2012 के चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस सांसद हुसैन दालवई ने पालनपुर रैली में कहा कि सरदार पटेल के सामने मोदी सिर्फ चूहे भर हैं.
3. 2012 में ही गुजरात कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष अर्जुन मोडवाडिया ने एक चुनावी रैली में मोदी की तुलना बंदर से की और यहां तक कह डाला कि वो रैबिज से पीड़ित हैं.
फरवरी, 2014 में कर्नाटक में भी सोनिया गांधी ने मोदी पर निजी हमला किया, लेकिन उसके बाद उन्हें ऐसा करने से बचते देखा गया. तब सोनिया ने कहा था, “मुझे पूरा भरोसा है कि आप ऐसे लोगों को मंजूर नहीं करेंगे जो जहर के बीज बोते हैं."
अक्टूबर, 2016 में जब राहुल गांधी किसान यात्रा से लौटे तो सर्जिकल स्ट्राइक के लिए सेना और प्रधानमंत्री मोदी की खूब तारीफ हो रही थी. तब केजरीवाल ने जरूर सवाल खड़े किये थे, लेकिन राहुल गांधी ने तो कोई संकोच नहीं दिखाया. राहुल गांधी ने मोदी पर सैनिकों के खून की दलाली का इल्जाम लगाया. ये यूपी चुनाव से ठीक पहले की बात है.
राहुल गांधी ने गुजरात दौरे में कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व का संदेश भी देने का प्रयास किया है. हालांकि, इसी बात को लेकर वो बीजेपी नेता सुब्रहमण्यन स्वामी के निजी हमले का शिकार भी हुए हैं. स्वामी का कहना है कि पहले उन्हें ये घोषित करना चाहिये कि वो हिंदू हैं.
He should first declare he is Hindu,I suspect he is Christian&has Church inside 10 Janpath: S.Swamy on Rahul Gandhi's temple tour in Gujarat pic.twitter.com/k2NILBn4gf
— ANI (@ANI) September 28, 2017
महिला सशक्तीकरण का मुद्दा उठाते हुए राहुल गांधी ने बीजेपी को एक चुनौती जरूर दे डाली है - महिला मुख्यमंत्री बनाने के लिए. मोदी के पीएम बन जाने के बाद आनंदीबेन पटेल मुख्यमंत्री बनीं थीं लेकिन पाटीदार आंदोलन और ऊना दलित कांड के चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. महिला आरक्षण को लेकर सोनिया गांधी भी प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख चुकी हैं - और चुनौती दी है कि 'आपके पास बहुमत है महिला आरक्षण बिल पास करके दिखाइए, हम सपोर्ट करेंगे.'
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