मोदी के ही नक्शेकदम पर चल रहे हैं राहुल गांधी
गुजरात में 2003, 2007 और 2012 में लगातार तीन चुनावों में हार का मुंह देखने के बाद अब कांग्रेस जीत की आस कर रही है. हाशिए पर जाती कांग्रेस पार्टी के लिए गुजरात चुनाव में जीत संजीवनी बूटी की तरह काम करेगी. वहीं हार उन्हें और गर्त में ढकेल देगी.
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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बीते दिनों अपने दो हफ्ते की अमेरीका में यात्रा के दौरान पीएम मोदी की तारीफ कर लोगों को चौंका दिया. राहुल गांधी ने कहा- 'पीएम बहुत अच्छे वक्ता है.' इसके दो हफ्ते बाद देश वापस आते ही राहुल गांधी ने गुजरात का रूख किया. इस साल के अंत में गुजरात के विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. तो जाहिर है पक्ष-विपक्ष दोनों ने ही कमर कस ली है.
गुजरात दौरे के दौरान राहुल गांधी को देखकर लगा कि वो कई मायनों में पीएम मोदी से सीख कर उनके ही गढ़ में उसे हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. आइए देखते हैं प्रधान मंत्री मोदी के प्रचार के उन कुछ तरीकों को जिसे राहुल गांधी प्रयोग कर रहे हैं-
1- संवाद के जरिए प्रचार
राहुल गांधी प्रचार के लिए जहां भी गए वहां उन्होंने लोगों से बातचीत करने और उन्हें अपने साथ जोड़े रखने की नीति अपनाई. किसानों, छात्रों और व्यवसायियों से बात करते समय राहुल गांधी ने वही किया जो पीएम मोदी अपने सार्वजनिक भाषणों में करते हैं. वो सवाल करते हैं और लोगों को अपना गुस्सा जाहिर करने का मौका देते हैं.
मोदी के ही पैंतरे अब राहुल अपना रहे हैं
राहुल गांधी ने भी यही किया. उन्होंने लोगों से लगातार सवाल किया- 'विकास को क्या हो गया है?' जनता ने पूरे गुस्से और जोश में जवाब दिया- 'विकास गांडो थयो छे (विकास पागल हो गया है).' राहुल गांधी का दूसरा सवाल- 'विकास कैसे पागल हुआ, क्या हुआ?' और लोगों की भावनाओं पर चोट करते हुए खुद भी जवाब भी दिया- 'झूठ बोल-बोलकर विकास पागल हो गया है.'
2- गुजराती अस्मिता
इसके पहले नरेंद्र मोदी गुजरात में चुनाव जीत रहे क्योंकि उन्होंने लोगों को इस बात का भरोसा दिलाया कि वे ही गुजरात और गुजराती पहचान का असली चेहरा और संरक्षक हैं. अब पीएम मोदी गुजरात से बाहर हैं. ऐसे में राहुल गांधी जनता को भरोसा दिला रहे हैं कि- गुजरात में सरकार किसी गुजराती की ही होगी. हालांकि अपने इस बयान में थोड़ी सावधानी भी बरती है क्योंकि पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह दोनों ही गुजराती हैं और वो किसी भी आलोचना से बचे रहें.
राहुल गांधी ने कहा कि- 'राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री सिर्फ एक कठपुतली हैं. उनकी पार्टी की सरकार नई दिल्ली से "रिमोट कंट्रोल" द्वारा नहीं चलेगी.'
3- हिंदुत्व
पीएम मोदी जहां कहीं भी जाते हैं वहां के किसी मंदिर के दर्शन जरुर करते हैं. इसी तर्ज पर राहुल गांधी ने भी अपने तीन दिवसीय गुजरात यात्रा की शुरूआत द्वारका के कृष्ण मंदिर में दर्शन से की. कांग्रेस पार्टी ये मान रही है कि अगर गुजरात में चुनाव जीतना है तो हिंदुओं को अपनी तरफ खींचना होगा. भाजपा से हिंदुओं का मोहभंग करना होगा. अपनी यात्रा के दूसरे दिन राहुल गांधी ने राजकोट में गरबा प्रोग्राम में भी शिरकत की. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने अपनी यात्रा के अंतिम दिन की शुरूआत सुरेंद्रनगर जिले के चामुण्डा मंदिर में दर्शन के साथ की.
हिंदुत्व का झंडा अब राहुल ने भी थाम लिया है
अपने तीन दिन के दौरे में राहुल गांधी ने 5 मंदिरों में माथा टेका और गरबा इवेन्ट में आरती भी की. राहुल गांधी की ये सारी कवायद बीजेपी द्वारा उनपर हिंदु विरोधी होने और अल्पसंख्यकों का नुमाइंदा होने के आरोपों का जवाब देने के लिए थी.
4- विरोधियों की दुखती रग पर जोरदार वार करना
हमारी अर्थव्यवस्था खास्ता हालत में है. सच्चाई ये है कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के सारे सरकारी दावे खोखले साबित हो रहे हैं. इसी बात का फायदा उठाते हुए राहुल गांधी ने गुजरात में अपने कैंपेन में पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने नोटबंदी, जीएसटी, बेरोजगारी, काला धन, शिक्षा की बदहाल स्थिति और स्वास्थ्य सेवाओं की खास्ता हालत पर सरकार को घेरा. खुद पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर यूपीए सरकार की क्लास लगाई थी. अब राहुल गांधी उसी तरह से पीएम को आड़े हाथों ले रहे हैं.
भारतीय अर्थव्यवस्था पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत की कठोर टिप्पणी को हथियार बनाते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर गरीबों की अनदेखी का आरोप लगाया.
5- अमीर बनाम गरीब
नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने अपनी छवि एक गरीब समर्थक और किसानों के हित चाहने वाली सरकार का बनाने में कड़ी मेहनत की. अब राहुल गांधी मोदी सरकार की इसी छवि उलटने का प्रयास कर रहे हैं और भाजपा सरकार को अमीरों की पार्टी बताने में जुटे हैं. इस कड़ी में राहुल गांधी ने विकास के गुजरात मॉडल पर हमला किया. मोदी सरकार पर हमला करते हुए राहुल ने कहा कि इस देश के उद्योगपतियों ने 7 लाख करोड़ रुपये वापस नहीं लौटाए. उनके ऋण को सरकार ने माफ कर दिया. लेकिन ऋण नहीं चुका पाने पर किसानों को डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है.
अपने ही बनाए चक्रव्यूह में फंसते नजर आ रहे हैं सरकार
राहुल गांधी ने कहा- 'मोदी जी मेक इन इंडिया की बात करते हैं. लेकिन उनका सारा ध्यान सिर्फ 15 लोगों पर होता है... लेकिन गुजरात में कांग्रेस की सरकार बनने पर उन 15 उद्योगपतियों को मिलने वाले पैसे आप लोगों को दिए जाएंगे. अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार आई तो वो किसानों, गरीबों और युवाओं के हित के लिए होगी. अमीरों के लिए नहीं.'
6- सरदार पटेल की विरासत को भुनाना
नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी के नेता सरदार पटेल हथिया लिया है. लेकिन अब राहुल गांधी ने इसका भी काट खोज निकाला और मोरबी जिले में पाटिदार समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'इसी समुदाय ने देश को सरदार पटेल दिया है. वो यहीं जन्में थे. लेकिन भाजपा सरकार ने उसी स्वतंत्रता सेनानी के लोगों को अपने अधिकारों की मांग करने पर गोलियां दीं.'
उन्होंने कहा, 'ये बड़े ही शर्म की बात है कि नर्मदा नदी पर लगने वाली सरदार पटेल की प्रतिमा चीन में बनाई जाएगी. यह सरकार के मेक इन इंडिया स्कीम की विफलता दिखाता है. क्योंकि सरकार तो सरदार पटेल की मूर्ति तक अपने देश में नहीं बनवा सकती.'
भाजपा ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए राहुल गांधी द्वारा उठाए गए इन मुद्दों को 'नाटकीय और हास्यस्पद' बताया. सरकार ने कहा कि कांग्रेस द्वारा गुजरात में बीजेपी पर किए गए हमले खुद उन्हें ही महंगे पड़ेंगे. इससे राज्य में बीजेपी को जीत ही मिलेगी. यही नहीं राहुल गांधी का मजाक बनाते हुए भाजपा नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी ने जहां भी प्रचार किया है कांग्रेस पार्टी को वहां चुनावों में हार का ही सामना करना पड़ा है. गुजरात में 2003, 2007 और 2012 में लगातार तीन चुनावों में हार का मुंह देखने के बाद अब कांग्रेस जीत की आस कर रही है.
हाशिए पर जाती कांग्रेस पार्टी के लिए गुजरात चुनाव में जीत संजीवनी बूटी की तरह काम करेगी. वहीं हार उन्हें और गर्त में ढकेल देगी.
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