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Updated: 01 अक्टूबर, 2017 02:38 PM
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अमेरिका से लौट कर राहुल गांधी सीधे गुजरात गये थे. तीन दिन के दौरे में हर वक्त उनके निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे. राहुल गांधी ने इस दौरान दर्शन-पूजन भी खूब किये. अब बीजेपी की बदला लेने की बारी है.

राहुल गांधी से हिसाब बराबर करने बीजेपी नेताओं की टीम 10 अक्टूबर को अमेठी जा रही है. इस टीम की अगुवाई खुद अमित शाह कर रहे हैं जिसमें कई मंत्री भी शामिल हैं. जाहिर है अमेठी पहुंचने वाले मंत्रियों में स्मृति ईरानी का नाम ही सबसे ऊपर होगा. 2014 में राहुल गांधी को अमेठी सीट से चुनौती देने वाली ईरानी इलाके में अक्सर जाती रहती हैं. इससे पहले स्मृति ईरानी मई में अमेठी गयी थीं, जबकि अमित शाह यूपी चुनावों के वक्त फरवरी में अमेठी में रैली करने गये थे.

बीजेपी का काउंटर स्लोगन

राहुल गांधी के गुजरात पहुंचने के काफी पहले से कांग्रेस सोशल मीडिया पर एक कैंपन चला रही है - 'विकास पागल हो गया है.' असल में कांग्रेस बीजेपी के उसी विकास मॉडल पर चोट कर रही है जो 2014 के लोक सभा चुनाव में जोर शोर से प्रचारित किया गया. विकास का गुजरात मॉडल बीजेपी के दिल्ली पहुंचने में सत्ता की सीढ़ी भी बना.

बहरहाल, बीजेपी ने भी गुजरात में कांग्रेस के स्लोगन की काट ढूंढ ली है. कांग्रेस के सोशल मीडिया कैंपेन के स्लोगन 'विकास पागल हो गया है' से मुकाबले के लिए बीजेपी जो नारा गढ़ा है वो है - 'मैं ही गुजरात हूं, मैं ही विकास हूं.' इसी नारे के साथ बीजेपी गुजरात गौरव यात्रा निकाल रही है. ये यात्रा 15 अक्टूबर तक चलने वाली है.

narendra modiविकास बोले तो गुजरात...

बीजेपी ने बड़ी ही होशियारी से विकास को गुजराती अस्मिता से जोड़ दिया है. बीजेपी लोगों को समझा रही है कि विकास ही गुजरात है और गुजरात ही विकास का पर्यायवाची है और एक दूसरे के पूरक भी हैं. बीजेपी के लिए ये समझाना आसान हो जाता है क्योंकि इससे भावनाएं जुड़ जा रही हैं. बीजेपी को ऐसी तरकीबें आती भी खूब हैं. एक बार अगर लोगों को बीजेपी की बात समझ में आ गयी फिर तो कांग्रेस को अपना स्लोगन बोलने से पहले भी दो बार सोचना पड़ेगा.

'गांधी परिवार मुक्त' अमेठी अभियान

कांग्रेस मुक्त भारत के बाद बीजेपी फिलहाल कांग्रेस मुक्त गुजरात मिशन में जुटी है. बीजेपी के इस मिशन में राहुल गांधी रोड़ा डालने पहुंचे थे, लेकिन उनकी गतिविधियां देख कर बीजेपी को भी लगा कि चुनौती तो बढ़ गयी है.

rahul gandhiतीन दिन के तूफानी दौरे पर रहे राहुल गांधी...

राहुल गांधी नये आइडिया और ऊर्जा के साथ गुजरात पहुंचे थे. राहुल गांधी ने कदम कदम पर बीजेपी को घेरा और विकास के नाम पर हर कार्यक्रम में कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की. बीजेपी को परेशान करने के लिए ये सब काफी था.

बीजेपी जब भी कांग्रेस पर धावा बोलती है तो अमेठी और रायबरेली ही उसे माकूल ठिकाने दिखते हैं. असल में, अमेठी राहुल गांधी तो रायबरेली सोनिया गांधी का चुनाव क्षेत्र है. अब बीजेपी इन दोनों ही क्षेत्रों को गांधी परिवार मुक्त कराना चाहती है.

अमित शाह के साथ स्मृति ईरानी तो अमेठी जाएंगी ही, नितिन गडकरी के अलावा कुछ और भी मंत्रियों के पहुंचने की संभावना है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अमित शाह अमेठी में मुसाफिरखाना रोड पर एक जगह जन सभा को संबोधित करने वाले हैं. स्मृति ईरानी और नितिन गडकरी शिलान्यास और कुछ उद्घाटन करने वाले हैं जिनमें शामिल हैं - एफएम रेडियो स्टेशन, सैनिक स्कूल, अमेठी जिला मुख्यालय और सिविल कोर्ट की इमारत, तीन आईटीआई और कुछ सड़क और रेल परियोजनाएं.

amit shah, smriti iraniगुजरात का बदला अमेठी में...

बीजेपी का इल्जाम रहा है कि गांधी परिवार का गढ़ होने के बावजूद अमेठी का विकास नहीं हो पाया. बीजेपी इसके लिए केंद्र में यूपीए के दस साल के शासन की दुहाई भी देती रहती है. कांग्रेस ने बीजेपी नेताओं के कार्यक्रम को ड्रामा जैसा बताया है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मोदी सरकार के आने के बाद विकास के जो काम हो नहीं पाये उसी को कवर करने के लिए ये इवेंट आयोजित किया जा रहा है.

गुजरात में मोदी, अमेठी में राहुल

राहुल के तीन दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी खुद दो दिन की गुजरात यात्रा पर जा रहे हैं 7 और 8 अक्टूबर को. इसी तरह अमित शाह के अमेठी पहुंचने से पहले भी कहा जा रहा है कि राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र में जाने वाले हैं. जाहिर है दोनों ही नेताओं की यात्राओं का मकसद भी हिसाब बराबर करने जैसा ही है. राहुल गांधी के ये कह देने के बाद कि वो प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार हैं, रिस्पॉन्स भी ज्यादा मिलने लगा है. अमित शाह के पूरे लाव लश्कर के साथ अमेठी पहुंचने की सबसे बड़ी वजह भी यही है.

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