जलगांव के अपराध को राहुल गांधी ने बड़ी चतुराई से दलित बनाम सवर्ण बना दिया
हर अपराध में बिना तथ्यों की जांच किए मनुवाद को कोसना, राहुल जैसे राष्ट्रीय नेता को शोभा नहीं देता. राहुल को पता होना चाहिए कि यदि वह बार-बार तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करेंगे तो लोग उनकी बातों पर विश्वास करना छोड़ देंगे.
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हमारे देश के राजनेताओं को हर आपराधिक घटना को जाति की नजर से देखने की आदत पड़ गई है. अपराध के मामलों में जाति का दृष्टिकोण जोड़कर अपनी राजनीति चमकना कोई राहुल गांधी से सीखे.
महाराष्ट्र के इन दलित बच्चों का अपराध सिर्फ इतना था कि ये एक "सवर्ण" कुएं में नहा रहे थे।
आज मानवता भी आखरी तिनकों के सहारे अपनी अस्मिता बचाने का प्रयास कर रही है।
RSS/BJP की मनुवाद की नफरत की जहरीली राजनीति खिलाफ हमने अगर आवाज़ नहीं उठाई तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा pic.twitter.com/STeBSkI1q1
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 15, 2018
महाराष्ट्र के जलगांव जिले के वाकाड़ी गांव में तीन किशोर कुएं में नहाने के लिए गए थे. उनके इस कृत्य से गुस्सा होकर कुएं के मलिक और उसके मित्र ने इन तीनों युवकों को निर्वस्त्र कर पिटाई की. फिर इन किशोरों को पूरे गांव में निर्वस्त्र अवस्था में घुमाया. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद ही पुलिस हरकत में आई और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया.
राहुल गांधी ने इस मामले को दलित बनाम सवर्ण बना दिया
आरोपियों ने अपराध किया है जिसकी उन्हें सज़ा मिलनी चाहिए, लेकिन इसे दलित बनाम सवर्ण के रूप में प्रस्तुत करना बिल्कुल गलत है. हर अपराध को धर्म और जाति से जोड़कर, राहुल गांधी हमारे समाज को और कितना बांटेंगे? कोई प्रताड़ना या कोई अपराध यदि व्यक्ति की जाति देखकर किया जाए तो अवश्य उसे दलित समाज पर हो रहे अत्याचार के रूप में पेश करना चाहिए, लेकिन जलगांव की इस घटना में ऐसा कुछ नहीं था. कुएं का मलिक स्वयं पिछड़ी जाति (घुमंतू/खानाबदोश जाति) से आता है और इस अपराध में उसका सहभागी आरोपी भी अन्य पिछड़े वर्ग से आता है. तीनों किशोंरों में से दो अनुसूचित जाति और एक अनुसूचित जन-जाति से आता है.
जळगावच्या घटनेवरील प्रतिक्रियेवर @RahulGandhi नी सर्वांची माफी मागावी. कारण, घटनेतील पीडित मुलं अनुसूचित जाती व अनुसूचित जमाती वर्गातील आहेत. तर कायदा हातात घेणारा व्यक्ती भटक्या जाती/ विमुक्त जमातीतील आहेत. https://t.co/YgOvI26d1h
— Chandrakant Patil (@ChDadaPatil) June 15, 2018
Lies, lies and more lies. The well in which the boys ventured is owned by someone who comes from a ‘nomadic tribe’ and is not a ‘सवर्ण’. Notwithstanding he and his helper have been booked under various provisions of law. Only thing RG is better at than losing elections is lying! https://t.co/WUNJXMYCPX
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 15, 2018
घटना में आरोपी और प्रताड़ित होने वाले दोनों पक्ष पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन-जाति से संबंधित हैं. ऐसे में इस घटना को राहुल गांधी ने दलित बनाम सवर्ण कैसे बना दिया? हर अपराध में बिना तथ्यों की जांच किए मनुवाद को कोसना, राहुल जैसे राष्ट्रीय नेता को शोभा नहीं देता. राहुल को पता होना चाहिए कि यदि वह बार-बार तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करेंगे तो लोग उनकी बातों पर विश्वास करना छोड़ देंगे. कुछ समय पहले भी राहुल का आरक्षण के मुद्दे पर बोला गया झूठ पकड़ा गया था. उस समय राहुल ने कहा था कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन-जाति क़ानून को रद्द कर दिया गया है.
Lies and only Lies!
See how @RahulGandhi fictitiously revokes the SC/ST Act to incite hatred in society. pic.twitter.com/4vcnM0zltM
— Amit Shah (@AmitShah) April 5, 2018
आज भारत में कई संगठन समाज को जाति के आधार पर तोड़ने में लगे हैं. विशेष प्रयास हो रहे हैं कि दलित समाज को भ्रमित किया जाए और ऐसा माहौल बने जिसमें लगे कि दलितों पर अनगिनत अत्याचार हो रहे हैं. राहुल गांधी को विशेष ध्यान रखना चाहिए कि उनके वक्तव्यों से ऐसे संगठनों को मदद न मिले.भारत ने कई शताब्दियों तक जाति आधारित कलह और प्रताड़ना झेली है. वर्तमान में राजनेताओं को हमारे समाज की विभिन्न जातियों को जोड़ने का प्रयास करना चाहिए, न कि तोड़ने का. राहुल गांधी को सकारात्मक राजनीति करनी चाहिए, न कि अलगाव आधारित राजनीति.
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