पीडीपी-बीजेपी गठबंधन क्या टूटा, लगा जैसे कश्मीर समस्या हल हो गई
राजनीतिक रूप से विपरीत विचार रखने वाली पीडीपी और बीजेपी का जम्मू-कश्मीर में गठबंधन आखिर टूट ही गया. लेकिन इस खबर के आने के बाद सियासी गलियारों की चर्चा बता रही है कि कश्मीर में सरकार गिरने से सबने राहत महसूस की है.
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भाजपा और पीडीपी के बीच का गठबंधन आखिरकार खत्म हो चुका है. जैसे ही भाजपा ने इस गठबंधन से निकलने की घोषणा की, उसके कुछ ही देर बाद जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया. ये सब इतना सहज रूप से हुआ, जैसे कोई तनाव ही न हो. इतने सरल रूप से देश में शायद ही कोई सियासी गठबंधन टूटा हो. भाजपा के इस फैसले को हर कोई बेहद अहम बता रहा है. चलिए देखते हैं सोशल मीडिया पर लोग क्या-क्या कह रहे हैं, लेकिन पहले जान लीजिए इस फैसले को लेकर क्या कहना है महबूबा मुफ्ती का.
'लोगों की मर्जी के खिलाफ किया था गठबंधन'
इस गठबंधन के खत्म होने पर महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि उनकी कोशिश थी कि सुप्रीम कोर्ट में धारा 370 को बचाया जा सके. हालांकि, उन्होंने यह माना कि यह गठबंधन लोगों की मर्जी के खिलाफ किया गया था. वह बोलीं कि जम्मू कश्मीर में मस्कुलर पॉलिसी काम नहीं करेगी. महबूबा ने अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में यूनीलेटरल सीजफायर लागू किया और करीब 11,000 युवाओं के खिलाफ केस वापस लिए. महबूबा के मुताबिक कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान समेत हर किसी के साथ बात होनी चाहिए. अंत में महबूबा ने यह साफ किया कि उन्होंने यह गठबंधन लोगों के भले के लिए किया था, ना कि ताकत पाने के लिए.
I am not shocked. We didn't do this alliance for power. This alliance had a bigger motive- unilateral ceasefire, PM's visit to Pakistan, withdrawal of cases against 11,000 youth: Mehbooba Mufti #JammuAndKashmir pic.twitter.com/cp8RGqdOfF
— ANI (@ANI) June 19, 2018
कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद का कहना है कि जो भी हुआ वह अच्छा हुआ. इससे जम्मू-कश्मीर के लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी. भाजपा पर उंगली उठाते हुए वह बोले कि उन्होंने कश्मीर को बर्बाद कर दिया है और अब समर्थन वापस ले लिया है. वह बोले कि इन 3 सालों में सबसे अधिक नागरिक और सेना के जवान मारे गए हैं. जब उनसे कांग्रेस के पीडीपी के साथ गठबंधन करने की बात उठाई तो उन्होंने साफ कह दिया कि इसका तो सवाल ही नहीं उठता है.
Whatever has happened is good. People of J&K will get some relief. They (BJP) ruined Kashmir & have now pulled out, maximum number of civilian & army men died during these 3 years. That question does not arise (on forming alliance with PDP): GN Azad, Congress pic.twitter.com/rcfVelHdnT
— ANI (@ANI) June 19, 2018
पीडीपी के प्रवक्ता रफी अहमद मीर ने भाजपा के इस कदम पर कहा है कि उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर सरकार चलाने की बहुत कोशिश की. यह तो होना ही था. यह हमारे लिए हैरान करने वाला जरूर है क्योंकि हमें ये अंदाजा नहीं था कि भाजपा ऐसा फैसला ले सकती है. उन्होंने कहा कि फिलहाल हम इस पर साथ मिलकर इस बात पर चर्चा कर सकते हैं, जिसके लिए शाम को 4 बजे एक बैठक होगी.
We tried our best to run the govt with BJP. This had to happen. This is a surprise for us because we did not have any indication about their decision: Rafi Ahmad Mir, PDP Spokesperson on BJP pulling out of an alliance with PDP in #JammuAndKashmir pic.twitter.com/6laodyNY97
— ANI (@ANI) June 19, 2018
We can only put our heads together & discuss in the party meeting at 4 pm: Rafi Ahmad Mir, PDP Spokesperson on reasons why BJP pulled out of alliance with them in J&K
— ANI (@ANI) June 19, 2018
शिवसेना के संजय राउत ने तो इस गठबंधन को राष्ट्र विरोधी तक कह डाला. वह बोले कि यह गठबंधन राष्ट्र-विरोधी और अप्राकृतिक था. हमारे पार्टी प्रमुख ने तो पहले ही कह दिया था कि यह गठबंधन अधिक दिन नहीं चलेगा. वह बोले कि इसका जवाब भाजपा को 2019 के लोकसभा चुनावों में देना होगा.
This alliance was anti-national & unnatural. Our party chief had said, this alliance won't work out. Had they continued with it they would have had to answer in 2019 Lok Sabha election: Sanjay Raut, Shiv Sena on BJP calling off their alliance with PDP in #JammuAndKashmir pic.twitter.com/s2JVACZqxz
— ANI (@ANI) June 19, 2018
वहीं उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात कर के यह सलाह दी है कि फिलहाल किसी भी पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए बहुमत नहीं है, तो उन्हें राज्यपाल शासन लागू करना होगा. साथ ही उन्होंने राज्यपाल से यह अनुरोध भी किया है कि राज्यपाल शासन अधिक दिनों तक नहीं रहना चाहिए, क्योंकि लोगों को हक है कि उनकी चुनी हुई सरकार की राज्य चलाए. फिर से चुनाव होने चाहिए.
We also requested the Governor that Governor rule should not remain imposed for a long time period. After all, people have the right to choose their government. Fresh elections should take place & we will accept the mandate of the people: Omar Abdullah #JammuAndKashmir pic.twitter.com/OAs9VT1NzB
— ANI (@ANI) June 19, 2018
तहसीन पूनावाला भाजपा के इस फैसले पर नोटबंदी को याद करते हुए कह रहे हैं कि क्या किसी पत्रकार में इतनी हिम्मत है कि वह भाजपा के राम माधव जी से पूछ सके कि अगर अभी भी आतंकवाद है तो फिर नोटबंदी क्यों की गई थी. अगर अभी भी पत्थरबाजी हो रही है तो फिर नोटबंदी से क्या फायदा हुआ? यहां आपको बता दें कि जब नोटबंदी लागू की गई थी तो यह कहा गया था कि इससे आतंकवाद की कमर टूटेगी और पत्थरबाजी की घटनाओं में भी भारी कमी आएगी.
Did any journalist have the guts to ask @rammadhavbjp ji, if terror still existed what use was #Demonetisation ?If stones were being thrown ..Why the #Demonitisation ? #BJPDumpsPDP
— Tehseen Poonawalla (@tehseenp) June 19, 2018
भाजपा के इस फैसले पर फिल्म मेकर और सोशल एक्टविस्ट अशोक पंडित कहते हैं कि यह फैसला काफी अच्छा है, जिसकी काफी समय से जरूरत भी थी. अब सिर्फ राज्यपाल शासन ही एकमात्र विकल्प बचा है. इस गठबंधन से भाजपा और देश को काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने यह भी कहा है मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखा जाए तो इस बात पर हैरान होने की जरूरत नहीं होगी अगर पीडीपी, नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस साथ मिलकर जम्मू कश्मीर में सरकार बना लें.
Withdrawal of support to @jkpdp is a great decision by the @BJP4India, which we were demanding for long. #GovernorsRule is the only choice. The coalition had done more damage to the party and the country at large. #BJPDumpsPDP #JammuKashmir
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) June 19, 2018
Looking at the present political situation in the country, one should not be surprised if @jkpdp, @JKNC_ & @INCIndia come together to form the Govt. in J&K. #BJPDumpsPDP #BJPPDPAllianceOver
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) June 19, 2018
कांग्रेस की महिला विंग ने भाजपा के इस फैसले पर कमेंट करते हुए कहा है कि सही इरादों के बिना बस एक मौका देखते हुए किया गया गठबंधन देश और जनता की अधिक समय तक सेवा नहीं कर सकता है. जैसी की उम्मीद थी, जम्मू-कश्मीर सरकार गिर गई है, क्योंकि भाजपा ने महबूबा मुफ्ती से अपना समर्थन वापस ले लिया है.
Opportunistic alliances that are not backed by true intention and ideology cannot serve the nation or people for long. As anticipated, Jammu and Kashmir Government Crashes As BJP Splits With Mehbooba Mufti.#BJPDumpsPDP https://t.co/tAuEIK2QBP
— All India Mahila Congress (@MahilaCongress) June 19, 2018
कांग्रेस के कार्यकर्ता गौरव पंधी ने उम्मीद जताते हुए कहा है कि अब मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के साथ ही जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी हो सकते हैं. इसके बाद नीतीश कुमार सबसे अधिक चिंतित व्यक्ति होंगे.
So, most likely J&K to go for polls along with MP, Chhattisgarh & Rajasthan. Next, Nitish Kumar (at the mercy of BJP) should be a worried man.BJP would want to consolidate maximum states in a one Giant Campaign, including Lok Sabha. That's Modi's best chance! #BJPDumpsPDP https://t.co/hZVGyOppru
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) June 19, 2018
लोगों की प्रतिक्रिया से यह तो साफ है कि इस गठबंधन के टूटने से सभी खुश हैं. भले ही वह भाजपा हो, नेशनल कान्फ्रेंस हो, कांग्रेस हो या फिर खुद महबूबा मुफ्ती ही क्यों ना हों. महबूबा ने तो यहां तक कह दिया कि यह गठबंधन उन्होंने लोगों की मर्जी के खिलाफ किया था. अब जब वह खुद ही मान रही हैं कि गठबंधन को लोगों की मर्जी के खिलाफ किया गया था तो इसका टूटना तो लाजमी था. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि महबूबा की इस बात को जम्मू-कश्मीर के लोग पॉजिटिव तरीके से लेते हैं या निगेटिव. अगला चुनाव ये साफ कर देगा कि लोग क्या चाहते हैं.
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