चाटुकारिता की हद: गांधी परिवार देश की फर्स्ट फैमिली, भारतीय सेना मोदी की!
पार्टी नेतृत्व की नजर में अपना कद ऊंचा करने के लिए हर नेता कई जतन करता है. लेकिन हद तो तब हो जाती है जब तारीफों के पुल अतिशयोक्ति की ऊंचाई को छूने लगते हैं. अब इसे चाटुकारिता नहीं तो फिर क्या कहा जाएगा.
-
Total Shares
हर नेता को अपनी राजनीति पार्टी प्यारी होती है और उसमें बने रहने के लिए वह हर जतन करता है. कभी पार्टी के नेतृत्व की तारीफ करता है तो कभी उसके ही पद चिन्हों पर चलता है. सीधे-सीधे कहा जाए तो ये सब सिर्फ नंबर बढ़ाने (चापलूसी) के लिए किया जाता है, ताकि पार्टी नेतृत्व की नजर में उसका कद और भी बढ़ सके. लेकिन हद तो तब हो जाती है जब तारीफों के पुल अतिशयोक्ति की ऊंचाई को छूने लगते हैं. अब इसे चाटुकारिता नहीं तो फिर क्या कहा जाएगा.
लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां जगह-जगह चुनाव प्रचार कर रही हैं. इसी बीच योगी आदित्यनाथ का एक बयान विवाद में घिर गया है. उन्होंने देश की सेना को मोदी की सेना कहकर संबोधित किया. आपको बता दें कि इन दिनों देश में आचार संहिता लागू है और चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी अपने चुनाव प्रचार में देश की सेना का नाम इस्तेमाल नहीं करेगा. ऐसा नहीं है कि योगी आदित्यनाथ अकेले हैं, जिन्होंने ऐसा बयान दिया है. भाजपा-कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों में भी ऐसे नेता हैं, जो अपने नेतृत्व की तारीफों के पुल बांधते दिखे हैं.
योगी आदित्यनाथ ने सेना को मोदी की बना दिया और पीसी चाको ने गांधी परिवार को फर्स्ट फैमिली कह दिया.
'मोदी जी की सेना' कहकर फंस गए योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद के बिसहाड़ा गांव में सोमवार को रैली करते हुए कहा- 'कांग्रेस के लोग आतंकवादियों को बिरयानी खिलाते थे और 'मोदी जी की सेना' आतंकवादियों को गोली और गोला देती है.' योगी आदित्यनाथ के इस बयान की विपक्ष ने आलोचना की और दूसरी ओर चुनाव आयोग ने भी इस पर सख्त रुख अख्तियार किया है. चुनाव आयोग ने योगी आदित्यनाथ के भाषण की कॉपी मंगवाई है, क्योंकि उन्होंने चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन किया है.
गांधी परिवार को कहा देश की 'फर्स्ट फैमिली'
कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता पीसी चाको ने गांधी परिवार को 'फर्स्ट फैमिली' यानी देश का पहला परिवार कहा था. उन्होंने कहा था- 'भारत के पहले परिवार के लिए पीएम मोदी नकारात्मक राय रखते हैं. भारत का पहला परिवार वास्तव में भारत का पहला परिवार है. भारत उनके प्रति आभारी है.' उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर विरोध दिखने लगा था. वैसे भी, एक लोकतांत्रिक देश में कोई फर्स्ट फैमिली कैसे हो सकती है? पीसी चाको का बयान भी चाटुकारिता का ही एक नमूना है.
#WATCH Congress leader PC Chacko says, "PM Modi has negative opinion for the first family of India, the first family of India is truly the first family of India. India is obliged to them... India is India today because of the planning and leadership of Pandit Jawaharlal Nehru..." pic.twitter.com/lOK9ztpcEj
— ANI (@ANI) March 30, 2019
इंदिरा इज इंडिया एंड इंडिया इज इंदिरा
आपातकाल के दौरान 1975 में कांग्रेस अध्यक्ष देव कांत बरुआ ने नारा दिया था- इंदिरा इज इंडिया एंड इंडिया इज इंदिरा. यानी इंदिरा ही भारत हैं और भारत ही इंदिरा है. ये नारा अब तक का सबसे बड़ा बयान माना जाता है. चाटुकारिता करने वालों की अगर लिस्ट बने तो इसमें देव कांत बरुआ को पहला स्थान मिलना तय है. उन्होंने ये बयान देकर मक्खन लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, लेकिन आपातकाल के बाद 1977 में कांग्रेस बुरी तरह से हार गई और देश में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी. आपातकाल का फैसला तो इंदिरा के खिलाफ गया ही था, बरुआ के नारे ने आग में घी का काम किया.
'अम्मा' के जाने के बाद मोदी हमारे 'डैडी' हैं
हाल ही में तमिलनाडु सरकार में मंत्री केटी राजेंद्र बालाजी ने पीएम मोदी को 'डैडी' कहा है. उन्होंने कहा कि 'अम्मा की अनुपस्थिति में आज के संदर्भ में देखा जाए तो मोदी हमारे डैडी हैं, भारत के डैडी हैं.' यहां दिलचस्प है कि जब 2014 के चुनाव में जयललिता और मोदी में तुलना करते हुए जनता से पूछा गया था कि कौन बेहतर है तो लोगों ने जयललिता को बेहतर बताया था, अब एआईएडीएमके के ही नेता अम्मा के ना रहने पर मोदी को डैडी बना चुके हैं. कल तक इनके लिए अम्मा यानी जयललिता ही सब कुछ हुआ करती थीं, लेकिन अब मोदी का नेतृत्व बड़ा है तो मोदी की नजरों में छाने के लिए उन्होंने मोदी को डैडी कह दिया है.
#WATCH Tamil Nadu Minister K T Rajendra Balaji: Amma's (Jayalalithaa) decisions were her own. So it was different, but in today's context due to absence of Amma, Modi is our daddy, he is our daddy, India's daddy. (8.3.19) pic.twitter.com/2zzETpaEIo
— ANI (@ANI) March 9, 2019
इतना ही नहीं, कोई पीएम मोदी को भगवान विष्णु का अवतार कहता है तो कोई कृष्ण का. वहीं दूसरी ओर, बहुत से ऐसे नेता और समर्थक हैं जो राहुल गांधी को राम का अवतार कहने लगते हैं. चुनावी मौसम आते ही इस तरह के बयान सामने आना शुरू हो ही जाते हैं. इस तरह की बयानबाजी के कुछ लोग नेतृत्व की नजरों में आना चाहते हैं तो जो पहले से ही नेतृत्व के चहेते हैं वो अपना कद और बढ़ाना चाहते हैं. बात भले ही कांग्रेस की हो या भाजपा की या किसी अन्य पार्टी की, हर जगह ऐसे नेताओं की भरमार है जो चाटुकारिता करते हैं.
ये भी पढ़ें-
क्या वाकई गांधी परिवार देश की 'फर्स्ट फैमिली' है?
वायनाड से चुनाव लड़कर राहुल गांधी अपनों को ही धोखा देने का काम कर रहे हैं!
कांग्रेस से जुड़े करीब 700 फेसबुक पेज झूठा प्रचार करते पकड़े गए!
आपकी राय