योगी की सुनी - अनसुनी बातें और यूपी की नई सरकार !
कई दावेदारों को पीछे छोड़ते हुए योगी आदित्यनाथ यूपी सीएम बनने में बी बाज़ी मर गए. जानिए योगी आदित्यनाथ के बारे में कुछ सुनी-अनसुनी बातें.
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आखिर एक हफ्ते से चला आ रहा एक और सस्पेंस खत्म हुआ. जितना यूपी विधान सभा के चुनाव नतीजे चौंकाने वाले थे उससे भी ज़्यादा वहां के मुख्यमंत्री का नाम चौंकाने वाला आया. काफी दावेदारों को पीछे छोड़ते हुए योगी आदित्यनाथ इसमें बाज़ी मर गए.
जानें योगी आदित्यनाथ के बारे में
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा रैलियां करने वाले आदित्यनाथ पूर्वांचल के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं. अपने भाषणों में लव जेहाद और धर्मांतरण जैसे मुद्दों को उन्होंने जोर शोर से उठाया था.
योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह है. उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड में हुआ था, उन्होंने गढ़वाल विश्विद्यालय से गणित में बीएससी किया है. वो गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं. आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महंत अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी हैं. वो हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं, जो कि हिन्दू युवाओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है.
मात्र 26 साल की उम्र में 12वीं लोकसभा के चुनाव साल 1998 में योगी आदित्यनाथ पहली बार गारेखपुर लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर सांसद बने. इसके बाद लगातार 13वीं, 14वीं, 15वीं और 16वीं लोकसभा के चुनाव में गोरखुपर से सांसद चुने गए.
महंत योगी आदित्यनाथ हिन्दु युवा वाहिनी नामक एक संगठन के संरक्षक हैं जिसका पूर्वांचल के गांवों से लेकर शहरों तक में बड़ा जनाधार है. इसके अलावा आदित्यनाथ विश्व हिन्दू महासंघ नामक एक अंतराष्ट्रीय संस्था के अध्यक्ष हैं. गोरखुपर में गोरखनाथ क्षेत्र में एक बड़ा चिकित्सालय भी वह चलाते हैं. अमेरिका, मलेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, कम्बोडिया और नेपाल की यात्रा कर चुके योगी नाथ परंपरा के सबसे बड़े संत हैं.
ऐसे आए राजनीति में योगी
- अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था यहीं से योगी आदित्यनाथ ने अपनी राजनीतिक पारी शुरू की.
- 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कम उम्र के सांसद थे, वो 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने.
- 1998 से लगातार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. योगी यूपी बीजेपी के बड़े चेहरे माने जाते थे. 2014 में पांचवी बार योगी सांसद बने.
- राजनीति के मैदान में आते ही योगी आदित्यनाथ ने सियासत की दूसरी डगर भी पकड़ ली, उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया और धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी.
- कट्टर हिंदुत्व की राह पर चलते हुए उन्होंने कई बार विवादित बयान दिए. योगी विवादों में बने रहे, लेकिन उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई.
- 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया, गिरफ्तारी हुई और इस पर कोहराम भी मचा. योगी के खिलाफ कई अपराधिक मुकदमे भी दर्ज हुए हैं.
जब संसद में रो पड़े थे योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ एक बार लोकसभा में यूपी पुलिस की बर्बरता का वर्णन करते हुए रो पड़े थे. वर्ष 2006 में लोकसभा में पुलिस की प्रताड़ना का जिक्र करते हुए योगी रोने लगे थे, तब मुलायम सिंह यादव यूपी के सीएम थे. 2006 में गोरखपुर से बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ ने अपनी बात रखने के लिए लोकसभा अध्यक्ष से विशेष अनुमति ली थी. तब पूर्वांचल के कई कस्बों में सांप्रदायिक हिंसा फैली थी. जब आदित्यनाथ अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए तो फूट-फूट कर रोने लगे. कुछ देर तक वे कुछ बोल ही नहीं पाए और जब बोले तो कहा कि उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार उनके खिलाफ षड्यंत्र कर रही है और उन्हें जान का खतरा है.
योगी आदित्यनाथ को पूरा विश्वास है कि जल्द ही राम मंदिर का निर्माण शुरू किया जाएगा. इसपर उन्होंने कई बार तीखी बातें भी कही हैं-
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