8 आंतकी, 8 घंटे, 8 किलोमीटर, 8 मौतें और ये 8 सवाल...
आखिर क्यों लग रहा है भोपाल में हुआ सिमी आतंकियों का एनकाउंटर फर्जी? 8 घंटे में सिर्फ 10 किलोमीटर ही क्यों भाग पाए थे आतंकी? आखिर कौन देगा इन सवालों के जवाब?
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सिमी के 8 आतंकवादी रात को ही भोपाल की सेंट्रल जेल से भाग निकले. बताया जा रहा है कि भागने के लिए उन्होंने चादर की मदद से बनी रस्सी का इस्तेमाल किया. इस घटना में एक हवलदार की भी मौत हो गई. सिमी के इन आतंकियों में से 3 वे थे जो खंडवा जेल से भी भागे थे. सब के सब जेल से 10 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर नहीं जा पाये थे और उन्हें जेल से फरार हुए 8 घंटे ही बीते थे कि सभी एनकाउंटर में ढेर हो गये.
कुछ सवाल हैं जो अब हर किसी के ज़हन में आ रहे हैं...
1. सबसे पहला सवाल है कि ये हाईटेक जेल थी. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की सेंट्रल जेल. मगर कैसे इतनी आसानी से आतंकी भाग निकले? खंडवा जेल से भागने के कारण ही इन्हें भोपाल जेल में भेजा गया था.
2. फोटो देखने से पता चलता है कि सभी के सिर में गोली मारी गई है. ऐसा कौन सा एनकाउंटर होता है जिसमें पुलिस की गोली सीधे सिर में ही लगी हो. बाकी बातें और हैं लेकिन मध्य प्रदेश की पुलिस को ऐसी निशानेबाज़ी के लिए इनाम जरूर मिलना चाहिए.
आतंकियों के एनकाउंटर की फोटो |
3. आतंकी जींस-टीशर्ट पहने हुए थे. उनके हाथों में घड़ी और पैरों में जूते थे. या तो आतंकी जेल में भी ऐसे ही रहते थे, या फिर जब जेल से भागे तो रात को 3 बजे किसी ने उन्हें सबसे पहले जींस-टीशर्ट पहनने के लिए दी, घड़ी पहनाई और जूते दिए ताकि तेज़ी से भाग सकें.
4. आतंकी 8 घंटे में सिर्फ 8 किलोमीटर ही जा पाए. आम तौर पर आतंकी भीड़ वाले इलाके में भागते हैं मगर इस बार वो जंगल की ओर भागे.
5. सभी 8 आतंकी एक ही समय में, एक ही जगह मारे गए. ऐसा लगता है सबकी तगड़ी दोस्ती थी. सोचा हो मरेंगे तो साथ ही.
6. उनके पास कट्टे बरामद हुए हैं. इतनी जल्दी ये हथियार उन्हें किसने दिए? पुलिस का दावा है कि उनके पास हथियार थे. मगर, राज्य के गृह मंत्री का कहना है कि उनके पास कोई हथियार नहीं था. पता नहीं ऐसा कन्फ्यूजन क्यों है?
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7. क्या किसी पुलिस वाले ने ही आतंकियों की भागने में मदद की?
8. क्या जेल से चंद किलोमीटर दूर वाले गांव से किसी ने आतंकियों की मदद की, मगर मदद की तो कैसे की? कैसे उसने जेल में संपर्क किया?
ये ही सब सवाल उठने लगे थे कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का बयान आया है कि इस मामले की जांच अब NIA करेगी. अब इन सवालों के जवाबों का इंतज़ार रहेगा. हम ये नहीं कह रहे कि आंतकियों को नहीं मारना चाहिए था. अगर वो भागे हैं तो शत प्रतिशत जो हुआ बहुत अच्छा हुआ. दुख इस बात की है कि इस हादसे में एक हेड कांस्टेबल की भी मौत हो गई. भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें.
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