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Updated: 03 दिसम्बर, 2018 12:58 PM
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राजस्थान विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोट बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए जितना महत्वपूर्ण है, उतनी ही बड़ी चुनौती भी. दोनों ही पार्टियां एक दूसरे के खिलाफ मुस्लिम कार्ड खेल भी अपने अपने तरीके से खेल रही हैं. बीजेपी का उन इलाकों पर खास जोर है जहां कांग्रेस के मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में हैं - यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ खासतौर पर ऐसे ही इलाकों में चुनाव प्रचार कर रहे हैं.

बीजेपी उम्मीदवारों के लिए वोट मांग रहे योगी आदित्यनाथ को बारी बारी कई कांग्रेस नेता चुनौती दे चुके हैं. कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार और टोंक से उम्मीदवार सचिन पायलट जोर जोर से गा रहे हैं - 'केशरिया... पधारो म्हारे टोंक'.

दरअसल, टोंक में बीजेपी ने यूनुस खान को टिकट दिया है जो सचिन पायलट के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं. कांग्रेस द्वारा योगी चुनौती देने की वजह भी यही है.

राजस्थान में योगी का चुनाव प्रचार

यूनुस खान राजस्थान में बीजेपी के एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार हैं, जबकि कांग्रेस ने तीन महिलाओं सहित कुल 15 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दे रखा है. ध्यान देने वाली बात ये है कि इनमें आठ उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिनकी किस्मत 2013 में दगा दे गयी थी. शुरुआती दौर में योगी आदित्यनाथ फतेहपुर चुनाव अभियान के तहत गये थे जहां कांग्रेस के हाकम खान मैदान में हैं. मुस्लिम उम्मीदवारों के बूते कांग्रेस ये सीट अपनी झोली में डालती रही है.

yogi adityanathयोगी को टोंक बुला रही है कांग्रेस

हाल ही में योगी आदित्यनाथ मकराना में थे. रैली में योगी ने कांग्रेस पर विभाजन की राजनीति का इल्जाम लगाया और कहा कि ये बंटवारे की राजनीति का दुष्परिणाम है कि इस देश के अंदर आतंकवाद सिर चढ़कर बोल रहा है. फिर बोले - 'जिन आतंकवादियों को कांग्रेस बिरयानी खिलाती थी, हम उन्हें गोली खिला रहे हैं.'

योगी के कार्यक्रम भी उन्हीं इलाकों में रखे गये हैं जहां कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में हैं - लिहाजा योगी अपने पूरे फॉर्म में नजर आते हैं. वो फॉर्म जिसको लेकिन उनकी ख्याति है - 'राम भक्त भाजपा को वोट दें और रावण भक्त कांग्रेस को.'

योगी आदित्यनाथ की इसी खासियत के चलते कांग्रेस उन्हें टोंक में चुनाव प्रचार करने के लिए लगातार चैलेंज कर रहे हैं - और इसमें सचिन पायलट तक शामिल हैं.

योगी को कांग्रेस का सबसे बड़ा चैलेंज

टोंक में यूनुस खान को एक्सचेंज ऑफर में टिकट मिला है. हुआ ये था कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ बीजेपी से बगावत कर कांग्रेस का हाथ थाम लेने वाले मानवेंद्र सिंह को टिकट दिया गया - बदले में बीजेपी ने सचिन पायलट के खिलाफ यूनुस खान को उतार दिया. टोंक में कई साल बाद ये मौका आया जब कांग्रेस ने हिंदू और बीजेपी ने मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया.

सचिन पायलट को पता बीजेपी ने मुस्लिम उम्मीदवार टोंक भेज दिया, इसलिए अब योगी आदित्यनाथ वहां नहीं आने वाले. वैसे भी जो भाषण देकर दूसरे इलाकों में योगी आदित्यनाथ वोट मांगते हैं वैसी जबान तो बोलने से रहे.

अपनी रैलियों में सचिन पायलट कहते हैं - 'जो ऐतिहासिक जीत राजस्थान में कांग्रेस की होगी, मेरा मन ये चाहता है... उसमें सबसे बड़ी जीत... राजस्थान में कहीं हो तो टोंक विधानसभा क्षेत्र में हो.' टोंक में 50 हजार से ऊपर मुस्लिम वोट हैं और गुर्जर वोट की भी अच्छी तादाद है. यही वजह है कि सचिन पायलट अपनी जीत को लेकर ऐसे दावे कर रहे हैं.

यूनुस खान को लेकर सचिन पायलट कहते हैं कि निजी रिश्ते अच्छे हैं और रहेंगे, लड़ाई सिर्फ विचारधारा की है. मगर, योगी आदित्यनाथ को टारगेट करने के लिए यूनुस के नाम का इस्तेमाल जरूर करते हैं.

अली बनाम बजरंगबली की बहस योगी आदित्यनाथ ने मध्य प्रदेश में छेड़ी थी, जिसे वो राजस्थान भी साथ लाये हैं - और उनकी रैलियों में इसे अक्सर सुना जा सकता है. योगी ने ये थ्योरी कांग्रेस नेता कमलनाथ के एक वीडियो पर टिप्पणी के प्रसंग में प्रतिपादित की थी.

जब योगी ये बातें राजस्थान में करते हैं तो कांग्रेस नेताओं को मौका मिल जाता है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा पूछते हैं - 'क्या योगी आदित्यनाथ बीजेपी के एकमात्र अल्पसंख्यक उम्मीदवार यूनुस खान का प्रचार करने टोंक की सीट पर जाएंगे - और उनके खिलाफ ऐसी भाषा का प्रयोग करेंगे?

sachin pilotराजस्थान में सबसे बड़ी जीत टोंक में ही चाहते हैं सचिन पायलट

राजस्थान कांग्रेस के चुनाव सह-प्रभारी काजी निजामुद्दीन भी उसी अंदाज में योगी आदित्यनाथ को चैलेंज करते हैं - 'अगर वो वाकई स्टार प्रचारक हैं तो यहां भी आएं और अपने इकलौते मुस्लिम उम्मीदवार के लिए वोट की अपील करें.'

टोंक की सभाओं में सचिन पायलट का एक सवाल जरूर होता है - 'यूपी के मुख्यमंत्री राज्य के अलग-अलग हिस्सों में प्रचार के लिए जा रहे हैं, क्या वो यहां भी आएंगे?'

ऐसी ही एक चुनावी सभा में पायलट कहते हैं, 'मीडिया से कोई पूछ रहा था कि मैं भाजपा उम्मीदवार को लेकर क्या करने वाला हूं. मैंने कहा मैं कुछ भी नहीं करना चाहता लेकिन तब तक इंतजार करूंगा जब तक योगी आदित्यनाथ यहां आकर बीजेपी उम्मीदवार के लिए वोट नहीं मांगते. लेकिन वो ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वे मंदिर और मस्जिद की राजनीति करते हैं... बिजली, पानी और सड़क जैसे मुद्दों से उन्हें मतलब नहीं है.'

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