Nadav Lapid ने कश्मीर फाइल्स को प्रोपोगेंडा बताया, twitter पर गाज अनुराग ठाकुर पर गिरी
गोवा में आयोजित 53वें इंटरनेशनल इंडियन फिल्म फेस्टिवल में जूरी हेड नदव लापिड ने विवेक अग्निहोत्री की फिल्म कश्मीर फाइल्स को प्रोपोगेंडा करार दिया है. बयान क्योंकि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के सामने आया और वो चुप्पी साधे रहे इसलिए लोग ख़फ़ा है. देखा जाए तो लोगों का गुस्सा जायज भी है.
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केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर सुर्ख़ियों में हैं. कारण बनी है फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म कश्मीर फाइल्स और गोवा में आयोजित 53 वें इंटरनेशनल इंडियन फिल्म फेस्टिवल में आईएफएफआई 2022 के जूरी हेड नदव लापिड का उसे एक प्रोपोगेंडा फिल्म बताना. फिल्म को लेकर लापिड का बयान आना भर था पूरे सोशल मीडिया पर बवाल हो गया है. चूंकि कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और पलायन के मुद्दे पर बनी कश्मीर फाइल्स पर लापिड ने अपना ये विवादित बयान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की उपस्थिति में दिया है, लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है.ट्विटर पर तमाम यूजर्स ऐसे हैं जिनका मानना है कि जिस विषय पर ये फिल्म बनी है वो फिक्शन न होकर एक ऐसा सच है जिसे देश के प्रत्येक नागरिक को जानना चाहिए. ऐसे में यदि कोई विदेशी इसे ख़ारिज कर रहा है या फिर इसे सवालों के घेरे में डाल रहा है तो उसे फ़ौरन ही बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए. वहीं इंटरनेट पर तमाम यूजर्स ऐसे भी थे जो इस बात को लेकर एकमत हैं कि आखिर लापिड जैसे लोग जो खुद तमाम तरह के विवादों में रहे हैं आखिर कैसे उन्हें आईएफएफआई 2022 की कॉमन सौंप दी गयी?
कश्मीर फाइल्स को लेकर जो बयानबाजी हुई है लोग अनुराग ठाकुर से खासे खफा हैं
चूंकि लापिड द्वारा फिल्म पर की गयी बातों के बाद एक बार फिर चर्चाओं के दौर की शुरुआत हो गयी है बड़ा सवाल ये भी है कि जब लापिड मंच से फिल्म को लेकर तमाम तरह की अनर्गल बातें कर रहे थे तो उस वक़्त अनुराग या फिर आईएफएफआई 2022 से जुड़े बाकी के लोग क्यों चुप्पी साधे बैठे हुए थे.
Only an ignorant will call a movie based on well documented daylight killing of Hindus in Kashmir as a Propaganda. I pity those minds who want to ignore the plight of #kashmiriHindus by calling such names. Also hope @ianuragthakur acts. pic.twitter.com/WPiqjBTsF8
— Singh Varun (@singhvarun) November 28, 2022
जैसा कि हम ऊपर ही इस बात को जाहिर कर चुके हैं कि लोग आहत हैं तो आइये आगे कुछ बात करने से पहले ट्विटर का रुख कर लें और देखें कि कश्मीर फाइल्स जैसे बेहद अहम और जरूरी मसले पर लोग क्या कह रहे हैं और कैसे शब्दों के जरिये अपने गुस्से को जाहिर कर रहे हैं.
Inviting Nadav Lapid isn't the first time Anurag Thakur has goofed. As I&B Minister, he has a habit of giving space to wokes. What Thakur fails to understand is the BJP was elected on a Hindutva mandate and and therefore his Ministry must respect that mandate by keeping wokes out pic.twitter.com/5eRqZEa8kM
— Rakesh Krishnan Savarkar (@ByRakeshSimha) November 29, 2022
लापिड की बातें सिर्फ ट्विटर तक सीमित नहीं हैं. पूरे सोशल मीडिया पर एक अजब सी बेचैनी है. कहा तो यहां तक जा रहा है कि इजराइल के फिल्म मेकर नदव लापिड ने जो कुछ भी कहा है वो उन लोगों के साथ घिनौना मजाक है जिन्होंने कश्मीर में जेनोसाइड की पीड़ा को भोगा और अपनों के साथ साथ अपने घर को खोया.
I am outraged not so much against Nadav Lapid for speaking, as I am against Anurag Thakur for not speaking.The Kashmir Files is not vulgar propaganda but a mirror. For the victims it reflects the truth while for the perpetrators, guilt.My views: pic.twitter.com/MK7mTBOw0X
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) November 29, 2022
सवालों के घेरे में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर हैं और जैसा लोगों का मूड है साफ़ है कि नदव ने जो बात शुरू की है वो इतनी जल्दी ख़त्म नहीं होने वाली है.
Modi ji said we need more films like Kashmir Files. He goes on to say that till date we don't have any movie on PARTITION HORRORS.Meanwhile Jury Of Goa Film Festival Selected By Government Itself Is Calling It PROPAGANDA. Minister @ianuragthakur ji heads must roll in I&B. pic.twitter.com/nYbzyhxYP8
— Sameet Thakkar (@thakkar_sameet) November 28, 2022
Nadav Lapid statement from Government of India platform is against Kashmiri Hindu genocide and ethnic cleansing. This is akin to Antisemitism. Like abusing Jews and denying brutal Holocaust. I hope Govt officially rejects it and puts him in his place. @narendramodi @ianuragthakur
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) November 28, 2022
Fire Anurag Thakur and deport the Israeli filmmaker. People will take you seriously only when you overreact
— Opinion Bakery (@IndiaSpeaksPR) November 28, 2022
चूंकि नदव के बयान ने धार पकड़ ली है सोशल मीडिया पर ऐसे भी लोग हैं जिनका मानना है कि इस अहम मसले पर केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत में इजराइल के राजदूत को तलब न करके अनुराग ठाकुर को तालाब करें.
Jaishankar should not summon the Israeli Ambassador.He should instead summon Anurag Thakur.
— ??. ?????? (@Our_Levodopa) November 29, 2022
जैसा कि हमें ज्ञात है तमाम मौके ऐसे आए हैं जब हमने भाजपा के नेताओं को डीएनए चेक और बैकग्राउंड चेक करने जैसी बातों को करते सुना है. ऐसे में लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब नदव को आईएफएफआई की ज्यूरी का हेड बनाया जा रहा था तो उनकी पृष्ठभूमि क्या थी इसकी कोई जांच क्यों नहीं की गयी?
Ask for interview from any BJP Minister & they’ll ask about all forms of background checks that exist in this human world except your DNA test. But, Anurag Thakur forgot to do Background Check before appointing Head of Jury at IFFI simply because he was Israeli?Let that Sink in.
— Vaibhav Singh (@vaibhavUP65) November 29, 2022
Appointed by Indian govt, speaking on govt's channel, with PIB and Azaadi ka Amrit mahotsav logo in backdrop.. Instead of attacking this Hinduphobic, people should ask questions about his appointment by GoI without any background check. Seems like another gem by @ianuragthakur.
— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) November 28, 2022
Kashmir Files was Vulgar & a Propaganda Film. Anurag Thakur & Anupam Kher sat there and were listening to the Vulgar Propagandist. Is it true that Anurag Thakur appointed that man as Head of Jury? If yes, then he’ll be fine. Government will not take any action. Just Chill.
— Vaibhav Singh (@vaibhavUP65) November 29, 2022
A Palestine symphatiser makes mockery of Kashmir Files and a minister of ruling party Anurag Thakur is helpless.The eco system which had issues with a Canadian are now sucking up to a Israeli.
— Viक़as (@VlKASPR0NAM0) November 28, 2022
मामले के तहत ट्विटर पर हजारों प्रतिक्रियाएं हैं, और जैसा कि जाहिर है, लोग, प्रोग्राम में मौजूद रहे और इजराइल के फिल्म मेकर की कश्मीर फाइल्स को लेकर बात सुनते रहे अनुराग ठाकुर की कार्यप्रणाली से खफा हैं सवाल ये है कि क्या इसपर अनुराग अपनी तरफ से कोई प्रतिक्रिया देंगे? देंगे भी या इस मामले को इग्नोर कर देंगे?
बाकी बात फिल्म को प्रोपोगेंडा कहने को लेकर हुई है तो इतना तो तय है कि इस नयी कंट्रोवर्सी ने भविष्य के लिए अनुपम खेर और विवेक अग्निहोत्री दोनों की बल्ले बल्ले कर दी है.
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