Mirzapur वाले गुड्डू भइया ने किसान आंदोलन पर कुछ कहा है, लंका तो लगनी ही थी!
गिने चुने सेलेब्रिटियों की तरह मिर्ज़ापुर फेम अली फज़ल किसानों के समर्थन में आए हैं और पोस्ट किया है. क्योंकि नागरिकता संशोधन कानून पर मुखर होकर बोलने के कारण पहले ही अली फज़ल की किरकिरी खूब हुई है इसलिए अब अगर इनके साथ कुछ हुआ तो बस दुआ ही की जा सकती है कि ईश्वर अली की रक्षा करे.
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एक ऐसा समय जिसे सोशल मीडिया का कमोड काल कहा जा रहा हो. दौर 'सहमत दद्दा', 'वाह दीदी' का हो. चंद लाइक्स, कमेंट्स, शेयर के लिए नैतिकता को खंड खंड किया जा रहा हो. फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर अपने मन की बात लिखने वाला हर दूसरा व्यक्ति सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर है. उद्देश्य जनता को अपने पाले में रखना है. वक़्त जब सोशल मीडिया पर ख़लीफ़ा बनने का हो तो ये जो सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर हैं इन तक ने अपनी को 'विचारधारा' की तरह बांट लिया है. एक ग्रुप सरकार के साथ हैं तो दूसरे सरकार का धुर विरोधी. सरकार समर्थक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स का तो ये है कि अगर सिरिंज में सुई लगाकर खून भी सोख लिया जाए तो ये फेसबुक ट्विटर पर यही लिखेंगे कि सरकार ने किया है तो कुछ सोच समझ कर ही किया है वहीं विरोधी सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स कुछ इस हद तक आलोचना के मारे हैं कि अगर इनका भला सोचते हए देश की सरकार इन्हें कोरोना से बचाव की वैक्सीन पिला दे तो ये उसे सल्फास बताएंगे और कहेंगे कि सरकार जहर देकर बुलंद आवाज़ों को सदा के लिए खामोश करना चाह रही है. ज़िक्र जब सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स का हो रहा है तो हम अमेजन प्राइम की वेब सीरीज मिर्ज़ापुर में गुड्डू भइया का किरदार निभा चुके अली फ़ज़ल को क्यों भूलें. देश में किसान आंदोलन ज़ोरों पर हैं और ये सही मौका है सरकार विरोध के नाम पर अपने को इंटीलेक्चुअल दर्शाने का. अली फ़ज़ल ने दर्शा दिया.
किसानों के कारण फिर एक बार अली वर्ग जनता के निशाने पर हैं
अमेजन प्राइम की वेब सीरीज में गुड्डू पंडित का रोल करने वाले अली फ़ज़ल उन चुनिंदा सेलेब्रिटियों में हैं जो मुखर होकर सरकार की आलोचना करते हैं इसलिए एक बार फिर मोदी सरकार के विरोध में उन्होंने किसान आंदोलन को हथियार बनाया है. अली ने किसानों के समर्थन में पोस्ट किया है.
अली फजल ने सिख किसान का एक कैरीकेचर शेयर किया है, जिसमें उसकी आंखों में भारत का नक्शा लाल रंग में दिख रहा है. हालांकि इस फ़ोटो को पोस्ट करते वक़्त अली ने कोई कैप्शन तो नहीं लिखा है. लेकिन जब तीन नए कृषि कानूनों के चलते किसान सड़कों पर तांडव मचा रहे हों तो साफ हो जाता है कि अली फजल का एजेंडा क्या है और उन्होंने इसी तस्वीर को ही क्यों शेयर किया.
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अली के इस पोस्ट पर भांति भांति के कमेंट आ रहे हैं और जैसी जिसकी विचारधारा है वो वैसे कमेंट करके अपनी जिम्मेदारी से मुक्ति पा रहा है. कमेंट्स में जहां एक तरफ अली फ़ज़ल की 'रीढ़' की तारीफ हो रही है तो. जैसा बॉलीवुड को लेकर जनता में रोष है बॉलीवुड का तो पता नहीं हां लेकिन बॉयकॉट अली फ़ज़ल की मांग ज़ोरों पर है.
दिलचस्प ये है कि सरकार समर्थक जहां एक तरफ अली फ़ज़ल को एन्टी नेशनल आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला और न जाने क्या क्या बता रहे हैं तो वहीं जो अली फ़ज़ल के समर्थन में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं उनका तो यही कहना है कि भई वाह असली सेलेब तो अली फ़ज़ल हैं कम से कम हिम्मत तो खूब है उनमें.
ये कोई पहली बार नहीं है जब अली फ़ज़ल ने 'किसान आंदोलन' के नाम पर उड़ता तीर लपका है. अभी दिन ही कितने हुए हैं एन्टी सीएए प्रोटेस्ट के नाम पर सरकार विरोधी ट्वीट्स के कारण अली फ़ज़ल की खूब लानत मलामत हुई थी साथ ही उनके किये का खामियाजा अमेजन प्राइम की वेब सीरीज मिर्ज़ापुर को झेलना पड़ा था जिसका असर भी खूब दिखा.
गौरतलब है कि किसान आंदोलन को लेकर बॉलीवुड ने भी अपने को बांट लिया है. जिसमें कंगना रनौत, अजय देवगन, अक्षय कुमार, विवेक अग्निहोत्री, पायल रोहतगी एक पाले में हैं जबकि तापडी5 पन्नू, स्वरा भास्कर, दिलजीत दोसांझ, गौहर खान, नसीर उद्दीन शाह एक साइड से बैटिंग कर रहे हैं.
बहरहाल क्योंकि एंटी सीएए प्रोटेस्ट के दौरान मुखर होकर बोलंने के कारण पहले ही अली फज़ल सरकार समर्थकों के निशाने पर थे इसलिए अब जबकि उन्होंने किसान आंदोलन पर भी अपनी राय रखी है देखना दिलचस्प रहेगा कि अली फज़ल के साथ आगे क्या सुलूक होता है. अच्छा हां बताते चलें कि सरकार की आलोचना के चलते अली को पाकिस्तान तो पहले ही भेजा जा चुका है.
बाकी बात सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स के मद्देनजर भी हुई थी. तो चूंकि अली सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और उनकी बातें लोगों को प्रभावित भी खूब करती हैं. तो इस तस्वीर के, जो इसबार उन्होंने किसान आंदोलन के मद्देनजर डाली है, इसकी भारी कीमत उन्हें चुकानी होगी. देश न तो उनकी बातें एंटी सीएए प्रोटेस्ट के दौरान भूला था और न ही अब भूलेगा.
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