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समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
पंजाब के किसानों के लिए गेम चेंजर साबित होगी 'मालवा नहर', 250 गावों को मिलेगा भरपूर पानी
पंजाब...ये शब्द जुबान पर आते ही लहलहाते खेत, खनखनाती पकी फसलें, खुशियों से झूमता किसान आखों में तैरने लगता है. वहीं कुछ सालों से पंजाब में वाटर लेवल का नीचे गिरना, अनियमित बारिश और मिट्टी के क्षरण जैसी समस्याओं ने किसानों का मनोबल गिराने का काम किया है. लेकिन, अब इस समस्या को कंट्रोल करने का काम पंजाब की भगवंत मान सरकार ने किया है.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
डॉ. आशीष वशिष्ठ
जलवायु परिवर्तन वैश्विक समाज के समक्ष मौजूद सबसे बड़ी चुनौती है!
विश्व भर में जलवायु परिवर्तन का विषय सर्वविदित है. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन वैश्विक समाज के समक्ष मौजूद सबसे बड़ी चुनौती है एवं इससे निपटना वर्तमान समय की बड़ी आवश्यकता बन गई है.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
चावल के लुटेरे 'अरिकोम्बन' को अगर ठिकाने लगा पाई, तो ही अपनी साख बचा पाएगी केरल सरकार
2018 से एक जंगली हाथी केरल की सरकार की नाक में दम किये हुए है. कारण है हाथी का चावल का डकैत होना. तो आइये जानें क्या है अरिकोम्बन हाथी की कहानी और कैसे वो चावल चोर बना.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
रमेश ठाकुर
@ramesh.thakur.7399
किसानों की कैसे हो कुदरत के कहर से बर्बाद हुई फसल की भरपाई?
बीते लगातार कुछ वर्षों से बेमौसम बारिश ने समूचे देश में कहर बरपाया हुआ है. बेमौसम बारिश तभी होती है, जब किसानों की फसलें खेतों में अधकची लहलहाती होती हैं. लगता है खेतीबाड़ी को किसी की नजर लग गई. क्योंकि फसलें खेतों में जब पककर खड़ी होती है. तभी, कुदरत का रौद्र रूप उन्हें उजाड़ देता है.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
रोहित धोलिया
Legislative Assembly Election 2023: चुनाव में जीत का मुद्दा किसान रहेगा या रोजगार?
चुनाव आते ही कुछ मुद्दे जैसे बेरोज़गारी, महंगाई, किसान और महिला सशक्तिकरण, खुद-ब-खुद ट्रेंड में आ जाते हैं. 2018 में कांग्रेस ने किसान के नाम पर ही मध्यप्रदेश में मतदाताओं को आकर्षित करने में सफलता हासिल की थी. इसलिए अब भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस इन्ही मुद्दों को थामे रखना चाहेगी. भाजपा की बात करें तो मध्यप्रदेश में पार्टी हर सर्वे में जीत से दूर नज़र आ रही है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
शरद पवार को लेकर देवेंद्र फडणवीस ने अजीब दावा क्यों किया है?
नवंबर, 2019 में अपनी सरकार बनाने को लेकर देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने जो दावा किया है, शरद पवार (Sharad Pawar) ने सफेद झूठ करार दिया है. ऐसे में जबकि बीजेपी और एनसीपी आमने सामने आ गये हैं - उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) भी सीन में कहीं हैं क्या?
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
निर्मला सीतारमण ने इस बार लोक लुभावन नहीं, वोटबैंक बजट पेश किया है
मोदी सरकार की नजर बेशक अभी से 2024 के आम चुनाव पर ही टिकी हुई है, लेकिन आम बजट (Budget 2023) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने उससे पहले के विधानसभा चुनावों को देखते हुए वोटर (Budget for Vote Bank) के प्रति मेहरबानी दिखाने की कोशिश की है.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
विवेकानंद शांडिल
@vivekanand.shandil
अमृत काल के बजट में 100 साल के भारत का 'ब्लू प्रिंट'...
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2023-24 का वार्षिक बजट पेश किया. यह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट है. बजट में एक तरफ गरीब, मध्यमवर्गीय लोगों के लिए राहत दी गई तो दूसरी ओर 100 साल के भारत के लिए ब्लू प्रिंट भी नजर आता है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
आर.के.सिन्हा
@RKSinha.Official
अब वो वक़्त आ गया है जब हमें मोटे अनाज का सेवन शुरू कर देना ही चाहिए!
2023 को विश्व स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय 'मोटा अनाज वर्ष' (मिलेट्स इयर) के रूप में मनाया जा रहा है. इसका प्रस्ता्व भारत सरकार ने दिया था और संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसका सर्व सम्मति से अनुमोदन किया था. भारत के इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 5 मार्च 2021 को अपनी स्वीकृति दे दी थी. इसका उद्देश्य विश्व स्तर पर मोटे अनाज के उत्पादन और खपत के प्रति जागरूकता पैदा करना है.