आनंद महिंद्रा ने खुद को पद्म सम्मान के नाकाबिल बताकर अपना कद और बड़ा कर दिया
पद्मा पुरस्कारों को लेकर महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा भी खूब उत्साहित हैं. उन्होंने ऐसा बहुत कुछ कह दिया है जिसने इस बात की तस्दीख कर दी है कि आनंद सिर्फ बड़े आदमी ही नहीं हैं, बल्कि उनका दिल उनके कद से कहीं ज्यादा बड़ा है. पुरस्कार मिलने के बाद आनंद महिंद्रा ने कहा है कि वह पद्म सम्मान के योग्य नहीं हैं.
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एक अमेरिकन साइकोलोजिस्ट हुए हैं. नाम है बीएफ स्किनर. इन्होंने तमाम बातें कहीं हैं और साथ ही ये भी कहा है कि यदि किसी को पुरस्कृत किया जाए तो वो और बेहतर की तरफ अग्रसर होता है. पुरस्कार को लेकर स्किनर की बातों का निचोड़ वही है जो हाल फिलहाल में हमने भारत के राष्ट्रपति भवन में देखा.जहां तमाम लोगों की तरह देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा को भी पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया है. आनंद महिंद्रा इस वर्ष पद्म पुरस्कार पाने वालों की लिस्ट में शामिल थे. बात पद्म पुरस्कारों की चल रही है तो बताते चलें कि ये वो पुरस्कार हैं जिनको पाने की तमन्ना हर भारतीय को रहती है. किसी भी भारतीय के लिए ये पुरस्कार मिलना अपने आप में बहुत बड़ी बात है.
पद्मा पुरस्कार पर अपनी बातों से आनंद महिंद्रा ने बता दिया वो बड़े यूं ही नहीं हैं
ध्यान रहे कि पुरस्कार को लेकर आनंद महिंद्रा भी बहुत उत्साहित हैं और उन्होंने ऐसा बहुत कुछ कह दिया है जिसने इस बात की तस्दीख कर दी है कि आनंद सिर्फ बड़े आदमी ही नहीं हैं, बल्कि उनका दिल उनके कद से कहीं ज्यादा बड़ा है. पुरस्कार मिलने के बाद आनंद महिंद्रा ने कहा है कि वह पद्म सम्मान के योग्य नहीं हैं.
This Govt has made a long-overdue, transformational shift in the texture of the Padma Awards recipients. Now, the focus is largely on individuals making seminal contributions to the improvement of society at grassroots levels. I truly felt undeserving to be amongst their ranks. https://t.co/jor34tqx1w
— anand mahindra (@anandmahindra) November 9, 2021
साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सरकार ने पद्म पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के चयन मानक में व्यापक बदलाव किया है. अब मुख्य रूप से जमीनी स्तर पर समाज के सुधार में मौलिक योगदान देने वाले व्यक्तियों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है. अपने ये विचार आनंद ने ट्विटर पर एक ट्वीट के जरिये साझा किए हैं आजफी खुदको ध्यान में रखकर ये भी कहा है कि, मैं वास्तव में उस स्तर में खुद को शामिल होने के योग्य नहीं महसूस कर रहा हूं.
अपने ट्वीट में आनंद ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को टैग किया है और कर्नाटक की पर्यावरणविद तुलसी गौड़ा का जिक्र किया है. ध्यान रहे कि तुलसी गौड़ा ने अब तक कोई 30,000 पेड़ों को लगाया है और वो पिछले 6 दशकों से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रही हैं.
हो सकता है कि आनंद महिंद्रा को सरकार द्वारा राष्ट्रपति के हाथों पद्म पुरस्कार दिया जाना कुछ लोगों को रास न आए और वो इसपर सवाल खड़े कर दें. ऐसे लोगों को ये बताना बहुत जरूरी है कि सरकार द्वारा आनंद महिंद्रा को ये पुरस्कार किसी लोभ के चलते नहीं दिया गया है. आनंद महिंद्रा इस पुरस्कार के हकदार हैं. हाल फिलहाल में आनंद महिंद्रा ने कई ऐसे काम किये हैं जो देश और देशवासियों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है.
?? for all your congratulations on my Padma Bhushan award. Repeating my tweet from last year: “There’s an old saying: If you see a turtle on top of a fence, you know for sure it didn’t get there on its own! I stand on the shoulders of all Mahindraites.” https://t.co/tdJBbjNNWo
— anand mahindra (@anandmahindra) November 9, 2021
पद्म पुरस्कार के मद्देनजर आनंद महिंद्रा की सादगी के अलावा उनके द्वारा कही बातों पर हैरत इसलिए भी होती है. क्योंकि पद्म पुरस्कार एक ऐसा पुरस्कार है, जिसके लिए आदमी तरसता है. जैसा माहौल है व्यक्ति की यही कोशिश रहती कि वो कुछ ऐसा करे जिससे वो देश और देश की सरकार की नजरों में आए और उसे देश के इतने बड़े सम्मान से नवाजा जाए.
अपने ट्वीट में जिस तरह आनंद महिंद्रा ने इस सम्मान के लिए उनसे भी ज्यादा योग्य लोगों की बात की है साफ़ हो गया है कि पैसा भले ही इंसान को बड़ा बना दे लेकिन वो बड़ा तभी बनेगा या कहलाएगा जब उसका दिल बड़ा होगा और महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा इस कसौटी पर पूरी तरह से खरे उतारते हैं.
बात सीधी और साफ़ है वर्तमान में पद्म पुरस्कार हासिल कर चुके आनंद महिंद्रा हर उस इंसान के लिए प्रेरणा हैं जिनके जीवन का उद्देश्य अपना स्वार्थ सिद्ध करना या ये कहें कि उल्लू सिद्ध करना और जीवन जीना है. आनंद महिंद्रा ने आज फिर हमें बता दिया है कि व्यक्ति इंसान तब तक नहीं है, जब तक उसके अंदर इंसानियत न हो.
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