अवार्ड फंक्शन में फ्रेंच एक्ट्रेस Corinne Masiero का कपड़े उतरना शौक नहीं, मजबूरी है!
फ्रांस के ऑस्कर माने जाने वाले सीजर अवार्ड्स में एक्ट्रेस Corinne Masiero ने जिस तरह कपड़े उतार के सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है, आलोचक कुछ भी कहें। उन्होंने जो कुछ भी किया है, वो शौक या मीडिया लाइम लाइट के लिए नहीं बल्कि मज़बूरी के चलते किया है.
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ये तो हम सभी जानते हैं कि सभ्यता, संस्कृति, खानपान, वेशभूषा के मद्देनजर वेस्ट, हिंदुस्तान से अलग है. वहीं बात जब अपनी मांग मनवाने, विरोध प्रदर्शन, या फिर हक बयानी की हो तो कम ही देखा गया है कि वहां के लोगों ने अपनी किसी बात के लिए हिंसा का सहारा लिया हो.यानी इस लिहाज से भी वेस्ट हमसे बहुत ज्यादा ही अलग है. ध्यान रहे वेस्ट में लोग जब किसी बात को लेकर नाराज होते हैं और प्रदर्शन या रैली जैसी किसी गतिविधि को अंजाम दे रहे होते हैं तो प्रायः उनका अंदाज रचनात्मक ही रहता है. जिक्र प्रदर्शन के दौरान रचनात्मक होने का हुआ है. तो ये तो नहीं पता कि भरी सभा में कपड़े उतार देना कैसे क्रिएटिविटी को प्रदर्शित करता है लेकिन अब जबकि विदेश में लोग कर रहे हैं, शायद कोई तो कारण होगा. असल में फ्रांस की एक एक्ट्रेस ने एक सार्वजनिक पुरस्कार समारोह में अपने कपड़े उतार दिए हैं. एक्ट्रेस अपने देश की सरकार से नाराज है और यही चाहती है कि जिन समस्याओं के मद्देनजर उसने ये कदम उठाया है. सरकार न केवल उनका संज्ञान ले. बल्कि उनका निवारण भी करे. एक्ट्रेस ने कोरोना काल मे ये कदम कला और संस्कृति को बचाने के लिए उठाया है. एक्ट्रेस को महसूस होता है कि देश में आर्ट और कल्चर को बचाने की शुरुआत अब सरकार को करनी चाहिए.
फ्रेंच एक्ट्रेस ने जिस तरह सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज किया है वो अपने में अनूठा है
बताते चलें कि फ्रांस में सीजर अवार्ड्स अपने पूरे शबाब पर है. फ्रांस में इन अवार्ड्स की क्या प्रासंगिकता है? गर जो जानना हो तो इस इतना समझ लीजिए कि फ्रांस में सीजर अवार्ड्स को ऑस्कर से कम नहीं समझा जाता. इसी सीजर अवार्ड समारोह के मंच पर 57 साल की एक्ट्रेस कोरेन मासिरो ने अपने कपड़े उतार के सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया है. जैसी तस्वीरें आई हैं यदि उनपर ध्यान दें तो आयोजन स्थल पर मासिरो गधे का कॉस्ट्यूम पहनकर पहुंची थीं. मासिरो जैसे ही मंच पर आईं दर्शक उस वक़्त आश्चर्य में आ गए जब मासिरो ने अपने सारे कपड़े उतार दिए.
TW FAKE BLOODno culture no futureCorinne Masiero pic.twitter.com/cmlcE0Ypjm
— Lili꧂ (@psikdokota) March 13, 2021
गौरतलब है कि विश्व के तमाम मुल्कों की तरह फ्रांस भी कोरोना की चपेट में है. वायरस लोगों को संक्रमित न करे इसलिए सरकार ने जरूरी कदम उठाए हैं और उन जगहों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है जहां से वायरस फैल सकता है. सिनेमाघर ऐसे ही स्थान है. दिलचस्प बात ये है कि फ्रांस में सिनेमाघर तीन महीने से बंद हैं और तमाम लोग इससे नाराज हैं. मासिरो का भी शुमार ऐसे ही लोगों में है.
मासिरो का मानना है कि सरकार के इस निर्णय से तमाम लोगों के अलावा एक्टर्स को भारी नुकसान हो रहा है और आज नौबत कुछ ऐसी आ गई है कि एक्टर्स को नए प्रोजेक्टस मिलने बंद हो गए हैं. इस पूरे मामले का सबसे रोचक पहलू ये है कि आयोजकों ने मासिरो को बेस्ट कॉस्ट्यूम का अवार्ड देने के लिए मंच पर आमंत्रित किया था. लेकिन जब मंच पर आकर मासिरो ने अपने कपड़े उतारे तो आयोजन स्थल पर बैठे सभी लोगों के होश उड़ गए.
मासिरो ने अपने नंगे शरीर पर कुछ कैप्शन भी लिखे थे. उनकी बॉडी पर लिखा था कि कल्चर नहीं तो फ्यूचर नहीं. वहीं उन्होंने फ्रांस के प्रधानमंत्री जिएन कास्टेक्स के लिए भी एक संदेश लिखा था. जिएन को संबोधित करते हुए मासिरो ने अपनी पीठ पर लिखा था कि, 'हमें हमारी कला लौटा दो जिएन..
César 2021 : ce qu'il faut retenir de cette 46e cérémonie aux accents très politiqueshttps://t.co/xnvT2h6Ee1 pic.twitter.com/tK29aHLGyp
— franceinfo (@franceinfo) March 13, 2021
ऐसा नहीं था कि सरकार के निर्णय पर केवल मासिरो ने अपना रोष प्रकट किया है. उनके निर्वस्त्र होने से पहले भी तमाम कलाकारों ने देश की सरकार से मिलती जुलती अपील की थी. ध्यान रहे कि सरकार के खिलाफ फ्रांस के कलाकारों का एकसाथ आना कोई आज की घटना नहीं है. गुजरे साल के अंत में फ्रेंच सिनेमा से जुड़े कई महत्वपूर्ण लोगों ने देश की सरकार के खिलाफ राजधानी पेरिस में विरोध प्रदर्शन किया था. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि जिस तरह अन्य जगहों से प्रतिबंध हटाये गए हैं, कला के केंद्रों से भी प्रतिबंध हटाये जायें और उन्हें खोला जाये.
पिछले साल दिसंबर में, सैकड़ों कलाकारों, फ़िल्म निर्देशकों, संगीतकारों, फ़िल्म आलोचकों और कला-जगत के बहुत से अन्य लोगों ने पेरिस में सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया था. इनकी माँग थी कि जिस तरह अन्य जगहों से प्रतिबंध हटाये गए हैं, कला के केंद्रों से भी प्रतिबंध हटाये जायें और उन्हें खोला जाये.
Bravo à Marina Fois qui a su mener de main de maîtresse de cérémonie le franc parler, les phrases tellement pleines d'humour et de vérités assassines contre cette gestion de crise sanitaire. Je me suis régalée.
— maryl77 (@maryl775) March 13, 2021
एक स्थापित कलाकार के रूप में मासिरो का इस तरह अपना विरोध दर्ज करना फ़्रांस की सरकार को कोई दुःख देता है या फिर इसका कोई असर नहीं होना वाला सवाल तमाम है जिनके जवाब वक़्त की गर्त में छिपे हैं लेकिन इस तरह के विरोध ने एक नए तरह के वाद को जन्म दे दिया है. मामले पर जिस तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं यदि उनपर गौर करें तो मिलता है कि जहां एक तरफ लोग मासिरो के इस कदम को सही ठहरा रहे हैं तो वहीं उन लोगों की भी बड़ी संख्या है जिनका मानना है कि मासिरो ने जो किया वो पब्लिसिटी पाने और मीडिया की लाइम लाइट में रहने के लिए किया.
यूं तो मासिरो की इस गतिविधि पर तमाम तरह के तर्क दिए जा सकते हैं लेकिन जिस मुखरता से उन्होंने अपनी बात कही उसने फ्रांस की सरकार को अवश्य ही सकते में डाल दिया होगा। ध्यान रहे चाहे वेस्ट हो या फिर हिंदुस्तान निर्वस्त्र होना अपने में एक बहुत बड़ी बात है और ऐसा व्यक्ति तब ही करता है जब वो बहुत ज्यादा मजबूर हो जाता है. यदि मासिरो ने ऐसा किया है तो साफ़ है कि उन्होंने जो किया है मज़बूरी में किया है जिसे उनकी सरकार को समझना चाहिए.
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