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Updated: 04 सितम्बर, 2016 11:44 AM
संतोष चौबे
संतोष चौबे
  @SantoshChaubeyy
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मदर टेरेसा को संत घोषित किया जा रहा है. उनको समर्पित आधिकारिक वेबसाइट (Hyperlink 1) के मुताबिक़ पूरे एक सप्ताह तक इससे सम्बंधित कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे जिनकी शुरुआत 1 सितंबर से हो चुकी है. बहरहाल, रविवार को मदर टेरेसा को संत घोषित कर दिया जाएगा.

भारत के लिए ये गौरवपूर्ण क्षण है क्योंकि भारत ही मदर टेरेसा की कर्मभूमि रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष रूप से इसका ज़िक्र मन की बात में भी किया था और भारतीय सरकार और लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अगुवाई में भारतीय दल वेटिकन सिटी पहुंच चुका है.

लेकिन यदि मदर टेरेसा में संत देखने वाले लोग बहुतायत में हैं तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने मदर टेरेसा की आलोचना को ही अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया है. ऐसे लोगों ने किताबें लिखी हैं. घूम घूम कर इंटरव्यू और संबोधन देते रहते हैं और दुनिया को बताते रहते हैं की कैसे मदर टेरेसा एक कट्टर धर्मांध थीं जिनका मानवता से कुछ लेना देना नहीं था और जो कुछ भी करती थीं उसमें उनका निजी स्वार्थ था.

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दो दिन पहले इंटरनेट पर मदर टेरेसा के बारे में कुछ ढूंढने के लिए जब मैंने गूगल का सहारा लिया तो एक बड़ी ही विचित्र बात हुई. गूगल सर्च पेज पर जो विकिपीडिया की समरी आ रही थी उसके अनुसार मदर टेरेसा का जन्म और उनकी मृत्यु स्पेन में १६वीं सदी में हुई थी. हम इसे स्क्रीनशॉट में देख सकते हैं.

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 विकिपीडिया पर मदर टेरेसा के बारे ंमें गलत जानकारी

इसके अनुसार मदर टेरेसा का जन्म 28 मार्च 1515 को स्पेन के गोतररेन्दुरा नामक स्थान पर हुआ था और उनकी मृत्यु 4 अक्टूबर 1582 को स्पेन के ही अल्बा दे टॉरमेस में हुई थी. जबकि ऊपर की तीन लाइनें कोलकाता वाली मदर टेरेसा के बारे में ही थीं जिनका जन्म सोप्जे, मेसेडोनिया में हुआ था. 

मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को मेसेडोनिया के सोप्जे में हुआ था जो उस समय ओटोमन साम्राज्य का हिस्सा था। उनकी मृत्यु 5 सितंबर 1997 को कोलकाता में हुई थी.

अब ये गलती विकिपीडिया के एडिटर्स से भी हो सकती है क्योंकि 28 मार्च 1515 को स्पेन गोतररेन्दुरा में अविला के संत टेरेसा का जन्म हुआ था. लेकिन ऐसे समय पर जब पूरी दुनिया की निगाहें मदर टेरेसा पर लगी हुईं हैं और जब मदर टेरेसा निर्विवादित रूप से दुनिया की सबसे लोकप्रिय हस्तियों में से एक रहीं हैं, तब विकिपीडिया के एडिटर्स से मदर टेरेसा को संत घोषित किये जाने के सिर्फ दो दिन पहले ऐसी गलती होनी स्वाभाविक नहीं लगती. उस स्थिति में आपका ध्यान स्वाभाविक रूप से मदर टेरेसा के आलोचकों पर जाता है जिन्होंने बुरे से बुरे शब्दों का इस्तेमाल उनके लिए किया है.

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हो सकता है की कोई ऐसा ही कुंठित व्यक्ति मदर टेरेसा के विकिपीडिया पेज को भ्रामक बनाने और बिगाड़ने की कोशिश कर रहा हो जो विकिपीडिया द्वारा पकड़ में आ गया हो. अगर ऐसा नहीं है तो क्या ये किसी तकनीकी कारण से हुआ था? बहरहाल, सच्चाई तो विकिपीडिया ही बता सकता है.

अच्छी बात ये है की विकिपीडिया ने भूल सुधार दी है और मदर टेरेसा के बारे में सही जानकारी वाला पेज फिर से गूगल पर आने लगा है. और ये महत्वपूर्ण है क्योंकि किसी भी विषय की जानकारी इन्टरनेट से लेने के क्रम में जो पहला पेज खुलता है वो विकिपीडिया का ही होता है. ज्यादातर लोग जो बुनियादी जानकारी चाहते हैं वो इससे आगे जाते नहीं हैं. और अगर जानकारी गलत है तो इसके दुष्परिणाम हम सभी जानते हैं. ये सुधार के बाद का स्क्रीनशॉट है.

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 शरारत थी या गलती..

इन्ही वजहों से विकिपीडिया को कई बारअपनी एडिटिंग नीति में बदलाव करना पड़ा है. लेकिन फिर भी कुछ एक विषयों को छोड़ दिया जाए अभी भी विकिपीडिया अनाम एडिटिंग के लिए एक स्वतंत्र प्लेटफार्म है, जिसका लोग गलत इस्तेमाल करते रहे हैं. ऐसे कई उदहारण हैं. अभी हाल फिलहाल में 2014 में रूस ने एमएच 17 विमान दुर्घटना वाले विकिपीडिया पेज से ये जानकारी हटा दी थी कि विमान को गिराने वाला मिसाइल रूस ने मुहैया कराया था और उसकी जगह एडिट कर दिया था कि विमान को यूक्रेनियन सैनिकों ने गिराया.

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लेखक

संतोष चौबे संतोष चौबे @santoshchaubeyy

लेखक इंडिया टुडे टीवी में पत्रकार हैं।

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