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Updated: 29 जुलाई, 2018 07:00 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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भारत में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है और जो लोग थॉमसन रॉयटर्स की रिपोर्ट को गलत ठहरा रहे हैं उन्हें भी जरा आंखें खोलकर देखना चाहिए कि आखिर किस तरह हमारे समाज में महिलाएं जी रही हैं और क्या हो रही है उनकी हालत. थॉमसन रॉयटर्स की रिपोर्ट में आया था कि भारत महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश है. इस रिपोर्ट में एक और चीज़ जोड़नी चाहिए थी और वो ये कि क्या ये देश जानवरों के लिए भी सुरक्षित है?

दरिंदों ने प्रेग्नेंट बकरी को भी नहीं छोड़ा-

एक ऐसा वाक्या हुआ है भारत में जिसने ये साबित कर दिया कि जनाब देश में इंसानियत मर चुकी है. हरियाणा में एक आदमी ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई. रिपोर्ट में बताया गया कि उसकी बकरी के साथ 8 लोगों ने गैंगरेप किया है. असलू यानी बकरी के मालिक ने बताया कि उनकी बकरी मर गई है.

पुलिस के मुताबिक बकरी के शरीर को मेडिकल एग्जामिनेशन के लिए भेज दिया गया है. बताया जा रहा है कि उसके साथ 8 लोगों ने गैंगरेप किया था. बकरी प्रेग्नेंट थी. सावकार, हारून, जफ्फार और पांच अलग लोगों के नाम बताए गए हैं. अभी तक किसी अपराधी को पकड़ा भी नहीं गया है.

कुछ समय पहले ऐसा ही एक केस सामने आया था जहां एक कुत्ते के साथ रेप किया गया था और उसे भी अधमरी हालत में छोड़ दिया गया था.

बकरी वाले इस मामले में पुलिस ने धारा 377 (अप्राकृतिक जुर्म) और धारा 429 (जानवरों को मारना या उनके साथ कुछ गलत करना) के तहत केस दर्ज कर लिया है. बकरी की मौत कई चोटें लगने से हुई. उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी आनी बाकी है.

अब इस मामले को क्या कहा जाए? ये तो ऐसा मामला है जो पकड़ में आ गया, लेकिन बाकी जानवरों का क्या? क्या आप जानते हैं कि कितने जानवरों के साथ ऐसा होता आया है? ये दरिंदे हमारे बीच ही होते हैं और हमारी जिंदगी का हिस्सा ही होते हैं. पहले ये जानवरों पर अपनी जोर आजमाइश करते हैं और फिर इंसानों पर.

बकरी, रेप, गैंगरेप, सोशल मीडिया

एक बेजुबान जानवर जिसे कुछ नहीं पता उसके साथ ऐसी हरकत की. वो तड़प-तड़प कर मर गई. हम कैसे खुद को इंसान कह सकते हैं जब इंसानियत रही ही नहीं हममे. 60 हज़ार साल पहले डायनासोर मरे थे और अब इंसानियत मर गई है. ऐसा कितनी ही बार हुआ है कि इंसानियत को शर्मसार करने वाला कोई वाक्या हमें पता चला हो. एक दो नहीं बल्कि हज़ारों ऐसी खबरें मिल जाएंगी जहां इंसान हैवान बना हो. 

भारत में हैवानियत और गुस्से की नई ही परिभाषा गढ़ी जाती है. हैवानियत वो जहां जानवर, बूढ़े, बच्चे, मां, बेटी किसी को नहीं छोड़ा जाता और गुस्सा, गुस्सा तो जनाब कुछ नया ही है. आजकल भारतीय मर्द बहुत गुस्से में हैं. अब अपनी जोर आजमाइश शुरू कर दी है. सड़कों पर लोगों को घसीट कर पीटने लगे हैं. गाय के लिए. जो एक जानवर है. जिसे हमारी मां माना जाता है, लेकिन बाकी जानवरों के बारे में क्या? बाकी सभी जानवर और इंसान एक ही दरिंदगी का शिकार हो रहे हैं. ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब गाय का भी रेप होगा. घरों में मां, बहन, बेटी, बहू सुरक्षित नहीं है, राह चलते महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, अस्पताल में जन्मी 4 दिन की बच्ची सुरक्षित नहीं है. रोड पर घूमती कुतिया सुरक्षित नहीं है, फार्म में बंधी हुई बकरी सुरक्षित नहीं है तो आखिर सुरक्षित कौन है? कितने नियम कितने कानून बनाए जाते हैं पर होगा क्या?

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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