कोई सरकार 'सर्प शांति यज्ञ' कराए, क्या कहेंगे ?
भारी बारिश के कारण आए सांपों को भगाने का जो प्रबंध आंध्र प्रद्रेश सरकार के अधिकारियों ने किया है वो और कुछ नहीं बस अंधविश्वास को बढ़ावा देता नजर आ रहा है.
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दुनिया चांद पर जा रही है. मंगल पर जीवन तलाशा जा रहा है. वैज्ञानिकों द्वारा इस बात की योजना बनाई जा रही है कि सौर्य मंडल में ऐसे कौन-कौन से ग्रह हैं जहां सुगमता से पहुंचा जा सकता है. बता भारत की हो तो यहां इंडिया को डिजिटल कर न्यू इंडिया की तरफ ले जाने की बातें हो रही हैं. मुहीम तेज हो गई है कि अब कैश की जगह प्लास्टिक मनी का इस्तेमाल किया जाए. सब तरफ सब अच्छा है मगर इन अच्छी चीजों के बीच ऐसी बहुत सी चीजें होती हैं जो किसी भी व्यक्ति को विचलित करने की क्षमता रखती हैं. इस बात को समझने का सबसे बेहतर माध्यम एक खबर समझना है. खबर भारत के दक्षिण में स्थित आंध्र प्रदेश से है और सांपों और बारिश से जुड़ी है. खबर के अनुसार लोगों को सांप न काटें इसलिए सरकारी पैसे से सर्प यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है.
सांपों को दूर भगाने के लिए आंध्र प्रदेश सरकार का यज्ञ कराने का फैसला कई मायनों में हैरत में डालता है
आपको बताते चलें कि आंध्र प्रदेश में भारी बारिश के चलते जन जीवन अस्त व्यस्त है. सूबे के कृष्णा जिले में खेतों और निचले इलाकों में पानी भर गया है. खेतों और निचले इलाकों में पानी भरने के कारण सूखे इलाके में जहरीले सांपों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो गई है. अब सांप निकलेंगे और आबादी होगी तो दोनों में संघर्ष होना लाजमी है. यहां भी हो रहा है. पहले बरसात और अब सर्पदंश इलाके के लोग डरे हुए हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार सर्पदंश की वजह से 144 से ज्यादा लोगों को भर्ती कराया गया है. सांप के काते जाने की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए जिले के कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि वो अपने घरों में सांप देखकर बिल्कुल भी न घबराएं. कलेक्टर ने लोगों को आश्वासन दिया है कि गवर्नमेंट हॉस्पिटल में सांपों के जहर से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में एंटी वेनम का स्टॉक मौजूद है.
संकट कितना बड़ा है इसके लिए राज्य सरकार के एक विभाग ने मोपादेवी के श्री सुब्रह्मण्येश्वर मंदिर में 'सर्प शांति यज्ञ' का आयोजन किया है. आपको बताते चलें कि इस सरकारी अनुष्ठान में करीब 15 पुजारियों ने हिस्सा लियाहै और सांप हटाने के लिए मंत्रोच्चार किया है. इस यज्ञ पर जानकारी देते हुए एक नगर निकाय के अधिकारी ने बताया है कि यह 'यज्ञ' लोगों के दिल से सांपों के डर को दूर कर देगा. ज्ञात हो कि सांपों के कारण स्थानीय लोग काफी डरे हुए हैं. आंकड़ों के अनुसार सर्पदंश से अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है और सर्पदंश के शिकार हुए लोगों को 2,000 रुपए का मुआवजा देकर राज्य सरकार ने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है.
बरसात के बाद सांपों का शहर में आना एक बेहद आम बात है कारण हैं कटते हुए जंगल
गौरतलब है कि कृष्णा जिले के अवनिगड्डा और गन्नवारम से ऐसी ख़बरें खूब आ रही थीं जिनमें ये कहा जा रहा था कि घरों में लगातार जहरीले सांप निकल रहे हैं. लोगों को कोई खतरा न हो इसलिए सरकारी महकमे द्वारा सरकारी खर्च पर अनुष्ठान करने का फैसला लिया गया था. बहरहाल, हो सकता है कि सुनने वाले इस खबर की तारीफ करें और कहें कि राज्य सरकार ने एक तारीफ के काबिल काम किया है. मगर जब गंभीरता के दायरे में रहकर इस खबर का अवलोकन किया जाए तो पता चलता है कि राज्य सरकार ने एक बेहद बचकाना काम किया है और कहीं न कहीं अंधविश्वास को बढ़ावा देने का काम किया है.
एक ऐसे समय में जब वनों को काटकर उसे कंक्रीट के जंगल में बदला जा रहा हो. पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हो राज्य सरकार का सांप भगाने का ये फैसला हास्यास्पद है. यदि सरकार वाकई इस समस्या से निजात चाहती है तो अब वो वक़्त आ गया है जब उसे वनों और वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में काम करना चाहिए.
अंत में बस इतना ही कि यदि सरकार ने इस बात को समझ लिया और इस दिशा में काम किया तो बहुत अच्छी बात है अन्यथा दुनिया चांद तारों पर जाएगी और हम यज्ञ करते हुए उसे उन स्थानों की सैर करते हुए देखेंगे.
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