एक महिला के खूबसूरत लगने का वैज्ञानिक कारण भी जान लीजिए
सुपर मॉडल Bella Hadid की जिन्हें साइंस के मुताबिक दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला घोषित किया गया है. तो पहले इस पैमाने को जान लेते हैं जो खूबसूरती की परिभाषा तय करता है.
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कहते हैं खूबसूरती का कोई पैमाना नहीं होता, नजर-नजर का फर्क होता है. लेकिन बात जब शारीरिक सुंदरता की हो तो ये कहा जा सकता है कि खूबसूरती को मापा जा सकता है. और इस माप का पैमाना खुद वैज्ञानिकों के पास है.
यानी अगर विज्ञान किसी चीज को खूबसूरत कहता है तो उसके पीछे वैज्ञानिक कारण होता है. फिलहाल चर्चा हो रही है सुपर मॉडल Bella Hadid की जिन्हें साइंस के मुताबिक दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला घोषित किया गया है. एक रिसर्च के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया कि बेला का चेहरा ही 'perfect face' है.
बेला हदीद हैं दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला
शारीरिक खूबसूरती को मापने वाला मानक यानी Golden Ratio of Beauty Phi के मानकों के आधार पर, 23 साल की Bella Hadid का चेहरा मानक से 94.35% तक मिलता है. बेला की आंखें, भौंह, नाक, होंठ, ठुड्डी, जबड़े और चेहरे का आकार मापा गया जो प्राचीन यूनानियों के मुताबिक सुंदरता के सबसे करीब है.
सुंदरता की इस रेस में सबसे ऊपर अगर बेला हदीद हैं तो दूसरे नंबर पर रही हैं 38 साल की सिंगर Beyoncé जिनका चेहरा सुंदरता के मानक से 92.44% मिलता है. और तीसरे स्थान पर रहीं 26 साल की एक्ट्रेस Amber Heard जिनका चेहरा 91.85% तक सुंदरता के करीब है. ये नतीजे कॉस्मेटिक सर्जन डॉ जूलियन डी सिल्वा ने नई computerised mapping techniques का उपयोग कर निकाले हैं. तो पहले इस पैमाने को जान लेते हैं जो खूबसूरती की परिभाषा तय करता है-
बेला हदीद सुपरमॉडल हैं
कैसे मापा जाता है Golden Ratio of Beauty Phi
गोल्डन रेशियो यूरोप से आया है जहां के कलाकारों और वास्तुकारों ने एक समीकरण का उपयोग किया - जिसे गोल्डन रेशियो कहा जाता है- यानी अपने किसी भी मास्टरपीस को बनाने के लिए इसी मानक का इस्तेमाल किया जाता है. वैज्ञानिकों ने इसे समझाने के लिए इसका गणितीय सूत्र दिया है. किसी के चेहरे की लंबाई और चौड़ाई को मापकर नतीजा निकाला जाता है. Golden Ratio के अनुसार आदर्श परिणाम लगभग 1.6 है.
माथे की हेयरलाइन से आंखों के बीच की जगह का माप लिया जाता है, आंखों के बीच की जगह से नाक के नीचे तक मापा जाता है और नाक से लेकर ठुड्डी तक के नाप लिए जाते हैं. अगर इन माप एकसमान हो तो व्यक्ति को सुंदर माना जाता है.
यानी चेहरे की समरूपता और अनुपात को तवज्जो दी जाती है. गोल्डन रेशियो के अनुसार कान की लंबाई नाक की लंबाई के बराबर होनी चाहिए, और आंखों की चौड़ाई दोनों आंखों के बीच की दूरी के बराबर होनी चाहिए.
बेला हदीद का चेहरा मानक से 94.35% तक मिलता है.
बेला की सुंदरता पर अब भी सवाल हैं
अगर किसी कलाकृति की बात की जाए तो सुंदरता के ये पैमाने समझ में आते हैं. एक कलाकार मूर्ति को गढ़ते वक्त उन्हीं मानकों का ध्यान रखता है. लेकिन किसी इंसान की सुंदरता तो तभी मायने रखती है जब वो प्राकृतिक रूप में इसी मानक के हिसाब से हो. यानी बेला हदीद कितनी ही खूबसूरत क्यों न हों, लेकिन ये परफेक्ट खूबसूरती उन्होंने कॉस्मेटिक सर्जरी की बदौलत ही पाई है.
मॉडल या एक्ट्रेस हमेशा अपने लुक्स को बेहतर करने के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी करवाते रहते हैं. लेकिन कभी इस बात को नहीं मानते कि उन्होंने ऐसा कुछ करवाया है. बेला ने भी हमेशा इस बात को नकारती आई हैं कि उन्होंने अपने चेहरे पर किसी तरह की कोई सर्जरी करवाई है. लेकिन समय समय पर कई कॉस्मेटिक डॉक्टर्स इस बात की तरफ इशारा करते आए हैं कि बेला के चेहरे में पहले से काफी बदलाव दिखाई देते हैं जो बिना सर्जरी के नहीं हो सकते.
लेकिन कुछ तस्वीरें साफ-साफ बता रही हैं कि बेला ने ये परफेक्ट लुक आखिर सर्जरी से ही लिया है.
बेला की नाक के बारे में कॉस्मेटिक सर्जन कहते हैं कि इसे पहले से बेहतर किया गया है.
बेला हदीद की नाक में फर्क दिखाई देता है
बेला के होंठों के बारे में भी कहा जाता है कि वो पहले ऐसे नहीं थे, पहले पतले थे लेकिन अब बेहतर दिखाई देते हैं.
होठों का फर्क भी साफ दिखाई देता है
कहा जाता है कि बेला कि jaw line पहले से ज्यादा दिखाई देती है और उनके गाल पहले की तरह भरे हुए नहीं दिखते. डॉक्टर्स का कहना है कि ये buccal fat pad reduction की वजह से संभव होता है जिसमें गाल में से फैट निकाला जाता है. ढुड्डी भी पहले से बेहतर नजर आती है जो chin implant की वजह से हो सकती है.
ये तस्वीर खुद बयां करती है कि बेला पहले क्या थीं और अब क्या हैं
तो इन तस्वीरों के देखकर ये तो साबित होता है कि बेला पहले से और भी खूबसूरत हो गई हैं. लेकिन सारा कमाल कॉस्मेटिक सर्जरी का ही लगता है. हालांकि इस बात को बेला और उनकी मां कई बार नकार चुकी हैं लेकिन जो दिखाई दे रहा है उसे कैसे झुठला सकते हैं.
अगर परफेक्ट सुंदरता के पीछे ये कॉस्मेटिक सर्जरी और प्लास्टिक सर्जरी ही है तो फिर बेला को दुनिया की सबसे ज्यादा खूबसूरत महिला कैसे कहा जा सकता है. लेकिन बात शारीरिक सुंदरता की है और मानक भी माप के आधार पर ही हैं तो फिर सुंदर बनने के लिए सिर्फ पैसे की ही जरूरत समझिए. क्योंकि ये सुंदरता तो पैसा देकर पाई जा सकती है. कॉस्मेटिक सर्जन डॉ जूलियन डी सिल्वा ने जिस भी आधार पर खूबसूरती मापी है, उनका उद्देश्य भी अपनी दुकान चलाना ही है.
इसलिए सौंदर्य प्रतियोगिताओं में सबसे खूबसूरत महिला को चुनना हो या फिर वैज्ञानिक तरीके से खूबसूरती परखनी हो, ये खूबसूरती परखना ही बहुत अजीब है. क्योंकि शारीरिक सौंदर्य क्षणभंगुर है, कुछ समय बाद बेला को दूसरे नंबर पर रखने वाली कोई और महिला नंबर 1 हो जाएगी जो परफैक्शन के और ज्यादा करीब होगी. इसलिए मैं तो इस बात पर हमेशा कायम रहूंगी कि सुंदरता का कोई पैमाना नहीं है, सिर्फ नजर-नजर का फर्क है. और मेरी नजर में हर महिला खूबसूरत है.
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