गुजरात में गर्लफ्रेंड इतिहास बस रचने वाली थी फिर बीच में 'जलकुकड़ा' आ गया!
गुजरात के सूरत में एक गर्लफ्रेंड ने अपने बॉयफ्रेंड को पास कराने के लिए ऐतिहासिक काम किया है. लेकिन भूल चूक करा दी एक जलकुकड़े ने, जिसकी मुखबिरी ने गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड दोनों की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ की लंका लगा दी है. ये दिल की बात है, इसलिए दिल से कही गई है. पढ़ते वक्त दिल पर मत लीजियेगा.
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इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद,
अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता.
शेर में कितनी सही और डीप बात लिखी है शायर अकबर इलाहाबादी ने. आदमी चाहे प्यार में हो, या फिर सावन में रहे. उसे तो भइया सब हरा ही हरा दिखाई देता है. सामने पड़े कीचड़ और उसपर फिसलने की उसे कहां ही परवाह! लेकिन जब तक एहसास होता है लंका लग जाती है. कैसी और कितनी बुरी? आइये गुजरात चलें. जहां प्यार की मारी एक जूलिएट ने हॉलिडे पर गए अपने रोमियो के लिए पेपर दिया. सिर्फ इतनी बात सुनकर मुंह से Awww So Cute या Wow What A Beautiful Love Story निकालने की कोई जरूरत नहीं है. मैटर सीरियस था नहीं लेकिन एक जलकुकड़े के जलते कुछ इस हद तक सीरियस हुआ कि भूल चूक से लेनी देनी हो गयी और उसके बाद जो हुआ उसने रोमियो और जूलिएट दोनों को चिंता में डाल दिया. मामले के तहत ज्यादा परेशां जूलिएट है जिसकी सरकारी नौकरी और अपनी खुद की डिग्री महबूब के कारण खतरे में आन पड़ी है.
गुजरात के सूरत में एग्जाम हाल में जो कुछ गर्लफ्रेंड ने अपने बॉयफ्रेंड के लिए किया वो आश्चर्य में डालने वाला है
दरअसल गुजरात स्थित सूरत की वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनवर्सिटी में प्यार मुहब्बत का अपनी तरह का एक अलग ही मामला सामने आया है. यहां एग्जाम हॉल में एक लड़की को पकड़ा गया है. लड़की जो अपने बॉय फ्रेंड (जो छुट्टियां मनाने के लिए उत्तराखडं गया था) के बदले एग्जाम दे रही थी.
ऐसा नहीं था कि लड़की को नक़ल वकल करने के या इधर उधर तांका झांकी के एवज में पकड़ा गया है. लड़की इसलिए पकड़ी गयी क्योंकि जिस एग्जामिनेशन हॉल में लड़की डमी कैंडिडेट बन परीक्षा दे रही थी, वहां बैठे एक लड़के ने जांच दस्ते से मुखबिरी कर दी. फिर हरकत में आया फ्लाइंग स्कॉट जब थोड़ा सख्त हुआ तो सब दूध का दूध पानी का पानी हो गया.
मुखबिर ने दस्ते को बताया कि, जिस सीट पर आज लड़की बैठी पूरे तसल्लीबख्श तरीके से परीक्षा दे रही है, वो सीट एक लड़के की है जहां बीते दिनों एक लड़का परीक्षा दे रहा था. मामले की जब जांच हुई तो पता चला कि माशूका वाक़ई शातिर है. उसने कंप्यूटर की मदद से यूनिवर्सिटी का एडमिट कार्ड चेंज किया और बॉयफ्रेंड की जगह रोल नंबर में अपना फोटो लगा लिया. फिर लड़की ने एडमिट कार्ड में थोड़े बहुत और बदलाव किये और बेधड़क एग्जाम हॉल में एग्जाम देने बैठ गयी.
लड़की खुद बीकॉम पासआउट है और सरकारी नौकरी कर रही है. लड़की ने ये भी बताया है कि उसका और लड़के का स्कूल के दिनों से अफेयर है. क्योंकि लड़की को यूनिवर्सिटी वालों ने पकड़ लिया था, बाद में लड़के को भी यूनिवर्सिटी ने तलब किया. लड़के के मुताबिक वह उत्तराखंड की सैर पर निकला था.
ये कोई पहली बार नहीं था कि मुहब्बत की जंजीरों में जकड़ी लड़की ने इस तरह की डेयरिंग की है. लड़का पहले भी फेल हो चुका है इसलिए लड़की पहले भी डमी कैंडिडेट बनकर उसकी मदद कर चुकी है.यूनिवर्सिटी प्रबंधन अगर निष्पक्ष मूल्यांकन और परामर्शदात्री दल (FACT) की सिफारिश को स्वीकार करता है तो डमी उम्मीदवार के तौर पर परीक्षा देने बैठी लड़की की सरकारी नौकरी जा सकती है. और साथ ही उसकी खुद की डिग्री भी रद्द की जा सकती है, जिसने अपना ग्रेजुएशन इसी यूनिवर्सिटी से किया था. और अगर लड़के पर एक्शन हुआ तो अगले तीन वर्षों तक उसे कोई भी एग्जाम से रोका जा सकता है.
मामले में क्या होता है? लड़की की नौकरी जाती है? लड़का दोबारा एग्जाम देता है या नहीं इसका फैसला तो वक़्त करेगा. क्योंकि ये पूरा लफड़ा प्यार के चक्कर में हुआ है इसलिए बासिर सुल्तान काज़मी के उस शेर के साथ हम अपनी बातों को विराम देंगे जिसमें बासिर ने कहा था.
गिला भी तुझ से बहुत है मगर मोहब्बत भी,
वो बात अपनी जगह है ये बात अपनी जगह.
बाकी चाहे वो इस पूरे मामले में लड़का हो या लड़की शायद एक दूसरे से यही कह रहे हों कि
ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया,
जाने क्यों आज तिरे नाम पे रोना आया .
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