कुत्ते भी शिकारी होते हैं, ये सच जानना बहुत जरुरी है
कुछ कुत्ते शिकार नहीं करते हैं. ये सही हो सकता है. लेकिन ज्यादातर कुत्ते शिकार करते हैं.
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पृथ्वी पर सबसे सफल पशु, इंसान है. और इंसान के बाद दूसरा सबसे सफल पशु कुत्ता है.
वफादार, प्यार करने वाला, चंचल, उत्साही, क्षमाशील: ये वो संज्ञाएं है जिसे आम तौर पर मनुष्य कुत्तों के लिए उपयोग करते हैं. कुत्ते की तरह कोई साथी जानवर नहीं है. घरेलू कुत्ते लोगों के साथ सह-विकसित हुए हैं और वो मनुष्यों को अपना हिस्सा मानते हैं. अगर उन्हें पालतू जानवरों की तरह माना जाता है तो वो मानव की रक्षा करेंगे और उनके परिवार की भी. पालतू कुत्तों ने अपने मालिकों के लिए अपना जीवन तक त्याग दिया है. और हर समय में वो उनके साथ रहते हैं. फिर चाहे खुशी का पल हो या फिर कठिनाई का. किसी भी अन्य जानवर के विपरीत, लोग कुत्तों के बारे में ऐसे बात करते हैं जैसे कि वे उनमें से ही एक हैं. ज्यादातर लोगों के लिए कुत्ते की मौत का मतलब परिवार में किसी की मौत होना होता है.
फिर भी, कुत्ते गलत कारणों से भी चर्चा में रहते हैं. कुत्तों ने उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में 14 बच्चों की हत्या कर दी और कई बच्चों को घायल कर दिया. यह कोई अकेली घटना नहीं है: कुत्ते, लोगों और पशुओं का तेजी से पीछा कर रहे हैं. कुत्ते वन्यजीवन का तीसरा सबसे बड़ा स्तनधारी शिकारी भी हैं. वो हिरनों और पंक्षियों का शिकार करते हैं, पीछा करते, परेशान करते हैं और बीमारियां फैलाते हैं.
हरियाणा में हिरन का शिकार करते कुत्ते (फोटो-नेहा सिन्हा)
यहां दो सवाल हैं: एक, कैसे "मुलायम, प्यार करने वाले" कुत्ते शिकारी बन जाते हैं? और दो, हम इसके बारे में क्या करते हैं? इन दोनों ही सवालों को एक साथ देखने की जरूरत है, क्योंकि दोनों के लिए जवाब वही है. स्पष्ट शब्दों में कहें: आज के इन खतरों के लिए लोग खुद ही पूरी तरह से उत्तरदायी हैं.
पहला सवाल पहले लेते हैं. क्या कुत्ते मारते हैं? किसी के लिए भी ये विश्वास करना मुश्किल हो सकता है कि कुत्ते, लोगों या अन्य जानवरों का शिकार कर सकते हैं. सीतापुर की घटनाओं पर लोगों ने इसी तरह के प्रश्न पूछे थे और उन हत्याओं के लिए "रहस्यमय जानवरों" को दोषी ठहराया था. हालांकि जैविक तथ्य यह है कि कुत्ते, शिकारी और मांसाहारी दोनों हैं. कुत्ते शिकार कर सकते हैं और करेंगे.
मेंगलोर के बीच पर शिकार करते कुत्ते (फोटो-नेहा सिन्हा)
एक अन्य विचार ये होगा: कई जानवर लोगों को मार देते हैं, इससे कुत्ते कैसे अलग हो सकते हैं? इसका जवाब इस सवाल के साथ है कि हमें क्या करना चाहिए. घरेलू कुत्ते को लोगों ने भेड़िया से पालतू बनाया गया था. कुत्तों को इस बात का फायदा मिलता है कि लोगों के साथ वो बहुत ही ज्यादा सरल और इनका मेलजोल बहुत अधिक रहता है. ये रिश्ता हजारों वर्षों के सह-विकास के बाद बना है. एक कुत्ता मनुष्यों के साथ भौतिक निकटता के बावजूद किसी भी समय शिकार कर सकता है. अक्सर इसमें मनुष्य से डर नहीं होता. इसकी किसी अन्य जंगली जानवर से तुलना करें. यहां तक कि लोगों को मारने के लिए जाना जाने वाला बाघ भी लोगों के समूह से दूर रहता है.
तो, हमें क्या करने की ज़रूरत है?
जो भी कुत्ते लोगों और वन्यजीव का शिकार करते हैं उन्हें पूरी तरह से हटाने की जरुरत है. ऐसे मामलों में स्टेरलाइजेशन यानी बंध्यीकरण मदद नहीं करता है. बंध्यीकरण से भले ही शिकार करने की संख्या कम हो जाए पर खतरा कम नहीं होता.
अब यह हमें एक संबंधित मुद्दे पर लेकर जाता है- आंशिक रूप से लोगों द्वारा खिलाए जाने वाले कुत्तों का क्या? अगर आप किसी को बताते हैं कि उसका प्यारा पालतू ब्राउनी या टॉमी पक्षियों को शिकार कर रहा है, तो आपको उनके इंकार और अविश्वास के लिए तैयार रहना चाहिए. ये ठीक वैसा ही जैसे माता-पिता को ये बताया जाए कि उनके बच्चे सप्ताहांत में ड्रग्स का सेवन करते हैं. लेकिन खुला घूमने वाले कुत्ते अक्सर शिकार करते हैं. भले ही उन्हें खिलाया जाता हो फिर भी. सड़क पर कुत्तों के खुला होते हैं और उन्हें भोजन दिया जाता है. पर उन्हें घर नहीं दिया जाएगा. यही कारण है कि कुत्ते तापमान के बढ़ने पर बीमारियों के संपर्क में आ जाते हैं. जिन लोगों को कुत्तों का खिलाने खेलने का जुनून है. जिसमें मैं भी शामिल हूं. समय आ गया है कि हम कुत्तों की जिम्मेदारी लें.
हिरन का शिकार करता कुत्ता (फोटो-नेहा सिन्हा)
कुछ कुत्ते शिकार नहीं करते हैं. ये सही हो सकता है. लेकिन ज्यादातर कुत्ते शिकार करते हैं.
जो कुत्ते शिकार करते हैं उन्हें बांधकर रखने की जरुरत है. लोग व्यक्तिगत रूप से या किसी समुदाय की सहायता से कुछ कुत्तों की जिम्मेदारी ले सकते हैं. और बाकी के लिए, मानवीय समाधान ये होगा कि उनके लिए राष्ट्रव्यापी आश्रय खोले जाएं. जहां नसबंदी के बाद कुत्ते की देखभाल हो. इसके लिए भारी निवेश की आवश्यकता होगी. लेकिन चंदा इकट्ठा करके, व्यक्तिगत और सरकारी नेतृत्व वाले निवेश के माध्यम से इसे पूरा किया जा सकता है. समस्या पैदा करने वाले कुत्ते प्राथमिकता होने चाहिए.
एक बार मार्क ट्वेन ने कहा था: "अगर आप एक भूखे कुत्ते को उठाते हैं और उसे समृद्ध बनाते हैं, तो वह आपको काटेगा नहीं. कुत्ते और एक आदमी के बीच यह बुनियादी अंतर है."
यह सच है. कुत्ते अविश्वसनीय जीव हैं. वे शिकार करते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि पूरी प्रजाति को ही बदला लेने के लिए मौत के घाट उतार दिया जाए. इसका मतलब यह है कि, हमें अपनी समस्या का समाधान खोजने की आवश्यकता है.
(ये लेख नेहा सिन्हा ने DailyO के लिए लिखा था)
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