तो क्या इस वजह से हो रहे हैं आप मोटे?
क्या आपने कभी सोचने की कोशिश की है कि मोटापे का क्या कारण हो सकता है. डायट करने, एक्सरसाइज करने के बाद भी मोटापा कम नहीं हो रहा, ऐसा क्यों? साइंस ने इसका जवाब भी दे दिया है.
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कुछ लोग ज्यादा खाते हैं फिर भी फिट रहते हैं और कुछ डायट करने के बाद भी वजन कम नहीं कर पाते. ऐसा क्यों? वैसे तो वजन बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के एक्सपर्ट्स ने रिसर्च कर एक ऐसी वजह पर से पर्दा उठाया है जिसके कारण लोगों का मोटापा बढ़ता है. रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार मोटापा बढ़ने की सबसे बड़ी वजह चिंता यानि स्ट्रेस है.
चिंता चिता के समान है ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी, लेकिन चिंता मोटापे की चाभी है ये शायद पहले ना सुना हो. ये रिसर्च लोगों के बालों के सैंपल लेकर की गई. इसमें कॉर्टिसॉल नामक एक हार्मोन को टेस्ट किया जाता है. रिसर्च में सामने आया है कि अगर आपने ज्यादा स्ट्रेस लिया तो ये हार्मोन डिस्बैलेंस हो जाएगा और मोटापा बढ़ेगा. इस रिसर्च को 2500 लोगों पर किए गए परिक्षण के आधार पर बनाया गया है.
भारत में स्थिती है भयावह:
एक सर्वे के मुताबिक भारत में 51% लोग स्ट्रेस से परेशान हैं. इनका स्ट्रेस लेवल इतना ज्यादा है कि ये डिप्रेशन की कगार पर पहुंच रहे हैं और स्ट्रेस को काबू करने के लिए गुस्सा निकालते हैं.
36% भारतीय हैं डिप्रेशन के शिकार...
WHO के आंकड़ों के अनुसार भारत दुनिया के सबसे डिप्रेसिंग देशों में से एक है. यहां 36 प्रतिशत लोग डिप्रेशन से जूझ रहे हैं. यानी कुल 47 करोड़ 52 लाख भारतीय डिप्रेशन के शिकार हैं. यानी हर 10 में से एक इंसान को डिप्रेशन है. क्या ये अपने आप में चौंकाने वाला आंकड़ा नहीं है.
डिप्रेशन के शिकार लोग बढ़ रहे हैं, लोगों को नींद नहीं आती ये सब पागलपन की निशानी नहीं है. अगर कोई डिप्रेशन के लिए मनोचिकित्सक के पास जाता है तो उसके आस पास वाले उसे पागल करार देते हैं. लोग छुपकर अपनी बीमारी के बारे में बात करते हैं. क्या इस छवि को तोड़ने की जरूरत नहीं? अगर कोई स्ट्रेस, डिप्रेशन, ओसीडी जैसी किसी बीमारी के लिए डॉक्टर के पास जाता है तो वो पागल नहीं है. फिर उसे क्यों बाकी बीमारियों की तरह सामान्य नजरिये से नहीं देखा जाता. स्ट्रेस के कारण डिप्रेशन, मोटापा और चिड़चिड़ापन कुछ भी हो सकता है.
हमारे देश में हर मानसिक स्वास्थ्य को पागलपन करार दिया जाता है. कोई बच्चा अपनी मां से नींद ना आने की शिकायत करता है तो खिसियाई हुई मां उसे डांटकर सोने को कहती है. कोई पत्नी अपने पति से कहती है कि उसे चीजें सही से रखनी है तो पति ध्यान नहीं देता. कोई ब्वॉय फ्रेंड अपनी गर्लफ्रेंड को अगर कहता है कि उसे स्ट्रेस हो रहा है तो झगड़ा पक्का समझें. क्यों कोई नहीं समझता कि ये सब मनोरोग के ही लक्षण हैं. इनके लिए जागरुक होने की जरूरत है. ये सब पागलपन तो कतई नहीं है.
स्ट्रेस है तो बड़ी समस्या, लेकिन इसका हल क्या हो सकता है? कुछ ऐसी चीजें भी हैं जिन्हें खाने से स्ट्रेस कम होता है. जैसे-
1.दही: अगर आप बहुत ज्यादा स्ट्रेस में हैं तो दही खा लीजिए. इससे स्ट्रेस में राहत मिलेगी.
2. मछली: अगर आप बहुत परेशान हैं तो मछली खा सकते हैं. इससे घबराहट पैदा करने वाले हार्मोन्स कम होते हैं.
3. ब्लूबेरी: ब्लूबेरी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट स्ट्रेस कम करने में मदद करते हैं.
4. पिस्ता: अगर आपके दिमाग में हमेशा निगेटिव चीजें आती हैं तो पिस्ता इसमें आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.
5. डार्क चॉकलेट: डॉर्क चॉकलेट खाने से स्ट्रेस देने वाले हार्मोन्स कम होते हैं और दिमाग शांत होता है.
6. बीज: सरसों, जीरा, अजवाइन जैसी चीजें खाने से भी स्ट्रेस कम होता है.
7. काजू: काजू में जिंक होता है जो स्ट्रेस कम करने में मदद करता है.
8. दूध: भले ही सुनने में अजीब लगे, लेकिन दूध में मौजूद विटामिन्स पैनिक अटैक को रोकने में मदद करते हैं.
9. ओट्स: स्ट्रेस से ब्लडशुगर लेवल बढ़ सकता है और ऐसे में ओट्स काफी फायदा करेंगे.
10. पालक: पालक से डोपामाइन नाम का एक कैमिकल पैदा होता है जो दिमाग को आराम पहुंचाता है.
जहां तक भारत का सवाल है लगातार हो रही रिसर्च में ये सामने आ रहा है कि यहां लोग ज्यादा काम भी करते हैं और परेशान भी रहते हैं. भारत में ओबेसिटी (मोटापे) की बीमारी 12% जनता को है. लाइफ स्टाइल को तो एकदम से नहीं बदला जा सकता है, लेकिन हां ऐसा जरूर किया जा सकता है कि किसी ना किसी तरह से खुद को खुश रखने की कोशिश की जाए. भले ही ये फिल्मी बात लगे, लेकिन यकीन मानिए इससे फायदा बहुत होगा.
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