'किम्भो' जैसे एडवेंचर करके रामदेव योगी छवि क्यों बर्बाद करना चाहते हैं
पतंजलि अब मैगी से लेकर मोबाइल एप तक सब कुछ बना चुकी है, लेकिन ये कंपनी कितने प्रोडक्ट्स कॉपी कर रही है उसे कोई नहीं देख रहा. आखिर इतने प्रोडक्ट्स कॉपी करने के बाद पतंजलि को स्वदेशी कैसे कहा जा सकता है.
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अगर मैं आपसे पूछूं कि बाबा रामदेव की खासियत क्या है तो आपका जवाब क्या होगा? पतंजलि या फिर योगा? पतंजलि ब्रांड की तरफ से हाल ही में नई सिम और वॉट्सएप के जुड़वां भाई Kimbho को लॉन्च किया गया है. किम्भो एप के बारे में अगर आपने अभी तक नहीं सुना तो मैं बता दूं कि ये वॉट्सएप का ही क्लोन है और इसे अब गूगल प्ले से हटा लिया गया है. कारण? बहुत से कारण हैं. पहली बात तो ये कि ये एप कॉपी है, दूसरे इसमें बहुत से टेक्निकल और सिक्योरिटी इशू भी थे.
इस एप का सोशल मीडिया पर मज़ाक भी उड़ रहा है और इसे देखकर ये भी साफ हो गया है कि पतंजलि कुछ भी कॉपी कर सकती है. चाहें वो मसाले हों, मैगी हो, मैरी बिस्किट हो या फिर कोई मैजिक आइडिया हो.
यकीनन पतंजलि बॉलीवुड के उस डायरेक्टर की तरह बनती जा रही है जिसे साउथ की फिल्में कॉपी करने में मज़ा आता है और फिल्में वैसी की वैसी ही उठा कर नए एक्टरों के साथ लॉन्च कर दी जाती हैं.
पतंजलि के कॉपी-पेस्ट के सबसे अनोखे उदाहरण देख लीजिए...
1. नूडल्स..
मैगी के विवाद के बाद पतंजलि ने जो सबसे पहली चीज़ कॉपी की थी वो थी नूडल्स. पैकेजिंग से लेकर साइज तक काफी कुछ एक जैसा ही था, लेकिन टेस्ट. पतंजलि मसाले और मैगी मसाले में जमीन आसमान का फर्क है. भले ही कुछ लोगों को ये अच्छा लगे, लेकिन यकीनन ये कॉपी तो थी ही जो सिर्फ एक विवाद से जन्मी थी.
नेस्ले मैगी और पतंजलि नूडल्स
2. पतंजलि मैरी (Marie)..
जी हां, मारी बिस्किट को मैरी बिस्किट बनाकर बेचा गया. ब्रिटैनिया का बिस्किट कब पतंजलि की कॉपी बन गया पता ही नहीं चला. पतंजलि चाय के साथ पतंजलि मैगी या भी मैरी बनाया गया.
ब्रिटैनिया मारी और पतंजलि मैरी
3. पतंजलि सुपर स्टार..
5 स्टार कैरेमल चॉकलेट का मिल्क और कॉपी वेरिएंट. इसके विज्ञापन में भी ऐसा दिखाया गया है कि ये हेल्दी चॉकलेट है. बच्चों को नुकसान नहीं करेगी. हालांकि, ये मानना थोड़ा मुश्किल है कि कोई भी चॉकलेट बिलकुल ही नुकसानदेह न हो. दूसरा नाम भी कॉपी कर लिया. मतलब क्या है ये?
कैडबरी 5 स्टार और पतंजलि सुपर स्टार
4. चॉको फ्लेक्स..
अंग्रेजों की कंपनी का कोई सामान नहीं बेचेंगे, लेकिन अंग्रेजी कंपनी का बनाया हुआ अंग्रेजी नाश्ता जरूर कॉपी कर लेंगे. केलॉग्स का चॉकोस और कॉर्न फ्लेक्स का नाम जोड़कर अपना प्रोडक्ट निकालना कितना आसान है.
पतंजलि चॉको फ्लेक्स और केलॉग्स चॉकोस
5. पावर विटा..
बचपन से हमने बॉर्नविटा (हमारा अपना बॉनविटा) सुना है, लेकिन पावर विटा?? ये पतंजलि का हेल्थ ड्रिंक है जिसे कैडबरी के प्रोडक्ट की कॉपी कहा जा सकता है. अब ये समझा नहीं जा सकता कि ये आयुर्वेदिक चॉकलेट फ्लेवर पतंजलि ने इजाद कैसे किया.
बॉनविटा और पावर विटा
6. केश कांति..
इमामी लिमिटेड ने इसके लिए पतंजलि को कोर्ट तक में घसीट लिया था. पतंजलि ने इमामी के पुराने तेल केश किंग का नाम, बॉटल डिजाइन और यहां तक फॉन्ट स्टाइल भी कॉपी कर लिया था.
केश किंग और केश कांति
और अब ..
7. किम्भो..
न सिर्फ लोगो बल्कि नाम भी वैसा ही है. अंग्रेजी शब्द Whats up का मतलब होता है 'क्या हाल है?'. संस्कृत में यही होगा 'किम्भो'. बाबा रामदेव ने इस संस्कृत शब्द को अपने नए एप का नाम दे डाला- Kimbho. फीचर्स भी वैसे ही.
वॉट्सएप और कम्भो
यहां तक कि पतंजलि कि नई सिम भी जियो के जैसे फीचर्स के साथ आई है. अब खुद ही बताइए कि क्या इसमें कोई भी ओरिजिनैलिटी बची? पतंजलि पर वैसे भी कई केस चल रहे हैं और एक आरटीआई की रिपोर्ट ये भी दावा करती है कि पतंजलि के कई प्रोडक्ट क्वालिटी टेस्ट फेल कर चुके हैं.
सस्ते के दाम पर कॉपी करके बेचने वाले चीन की बुराइयां तो बहुत निकाली जाती हैं, लेकिन क्या कभी सस्ते के दाम पर कॉपी बेचने वाली पतंजलि को नहीं देखा जाता? पतंजलि के दिव्य अमल जूस और शिवलिंगी बीज क्वालिटी स्टैंडर्ड भी क्रॉस नहीं कर पाए थे. और पतंजलि के कॉपी करने की हालत देखिए कि प्रोडक्ट के साथ-साथ नाम भी कॉपी हो जाता है. ऐसा नहीं है कि पतंजलि के सभी प्रोडक्ट ऐसे ही हैं, लेकिन स्वदेशी कंपनी का प्रचार कर रही कंपनी आखिर क्यों किसी का कॉपी किया प्रोडक्ट अपने ब्रांड के तहत बनाती है. कम से कम नाम ही बदल देते.
बाबा रामदेव एक तरफ तो सबसे प्राचीन और भारत की इजाद की हुई कला योग का प्रचार प्रसार करते हैं और दूसरी तरफ वो हर चीज़ कॉपी करते रहते हैं. चाहें वो विदेशी मैगी हो या फिर मारी बिस्किट, फाइव स्टार, कॉर्न फ्लेक्स आदि. तो इसे क्या कहा जाए? अंग्रेजी में तो इसे हिपोक्रेसी ही कहेंगे. आडंबर ही कहा जाएगा.
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