राजस्थान का बारन हो या फिर यूपी और बिहार बदला लेने के लिए आसान टार्गेट महिलाओं की इज्जत है!
राजस्थान के बारन में पति को बंधक बनाकर एक महिला का गैंगरेप किया गया है. इस मामले में भी बलात्कार को क्यों अंजाम दिया गया? इसकी एक बड़ी वजह बदला है. ये अपने में दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे समाज में करता कोई है और उसका खामियाजा एक महिला को अपना बलात्कार कराकर भरना पड़ता है.
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2014 में भाजपा को सत्ता मिलने और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जो बात अब तक हमने सबसे ज्यादा सुनी वो महिलाओं से जुड़ी हुई थीं. प्रधानमंत्री ने न केवल बेटी पढ़ाने और बेटी बचाने की बातें कहीं बल्कि ये भी कहा कि देश विकास के पथ पर तभी चल सकता है जब महिलाओं को उचित सम्मान और बराबरी का दर्जा हासिल हो. भले ही अपने मंचों से इन बातों को बोलते हुए प्रधानमंत्री बहुत गंभीर रहे हों लेकिन जो राजस्थान के बारन में हुआ है उसे देखते हुए ये कहना अतिश्योक्ति न होगा कि जनता के लिए महिलाओं को उचित मान सम्मान देने और बराबरी की ये बातें सिर्फ बातें हैं जिनको सुनकर किसी के भी कान पर का नजरिया है जूं शायद ही कभी रेंगती हो. राजस्थान के बारन जिले में पति के सामने एक महिला से 5 लोगों ने कथित तौर पर गैंगरेप किया. मामला बीते दिनों का है जहां 30 वर्षीय महिला अपने पति और 8 साल की बहन के साथ बाइक पर घर लौट रही थी. मामले में दिलचस्प ये है कि जिसने रेप किया वो महिला के पूर्व पति का भी था.
राजस्थान के बारन में जो हुआ उसकी एक बड़ी वजह बदला है
पुलिस के मुताबिक जिस समय ये घटना हुई उस समय महिला बारन में ही बालाजी मंदिर से दर्शन के बाद अपने घर लौट रही थी. वारदात में 5 लोग शामिल थे जिसमें महिला के पूर्व पति का भाई भी शामिल था जिन्होंने बाइक को बारन-अटरू हाईवे पर रोका और सभी को पकड़कर एक खेत में ले गए जहां उन्होंने इस दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम दिया. वारदात का सबसे हृदय विदारक पहलू ये था कि बलात्कारी जिस समय गैंगरेप कर रहे थे उस समय पीड़ित महिला का पति बंधा हुआ था.
फिलहाल पुलिस ने महिला की मेडिकल जांच करा दी और उसका बयान भी दर्ज कर लिया है. आरोपियों की तलाश जारी है. ध्यान रहे कि महिला और उसके पूर्व पति के परिवार ने पूर्व में भी एक दूसरे पर पुलिस केस कर रखा है इसलिए इस मामले के सभी पक्षों की गहनता से जांच हो रही है.
राजस्थान के बारन में हुई इस घटना को देखें तो ये एक बेहद साधारण घटना है. साधारण क्यों? क्योंकि ये तो आप भी जानते हैं कि ऐसे मामले हर रोज़ ही हमारे सामने आते हैं. अगर एक एक करके देखें तो इन घटनाओं की कोई वैल्यू नहीं है. अब अगर सम्पूर्णतः में देखें तो इन घटनाओं में ऐसा बहुत कुछ है जो न केवल इंसानियत को शर्मसार करता है बल्कि साथ ही साथ हमें सोचने पर भी मजबूर करता है.
उपरोक्त मामला राजस्थान का है इसी तरह आप केरल से लेकर कर्नाटक और बिहार या फिर उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश कहीं का भी रुख कर लीजिए. देश में महिला अपराध या बहुत सीधे कहें तो बलात्कार के मामले दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहे हैं. लोग इन्हें सुन रहे हैं देख रहे हैं और क्यों कि अब कहीं न कहीं लोगों को भी इन सबकी आदत हो गई है ऐसी वारदातों को जनता द्वारा साफ तौर पर नजरअंदाज किया जा रहा है.
इन चीजों के अलावा वर्तमान परिदृश्य में जैसी स्थिति महिलाओं की है वो अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण है. देश में जहां जहां भी रेप के मामले हुए हैं या फिर हो रहे हैं यदि उनपर नजर डाली जाए तो हमारे सामने कई महत्वपूर्ण तथ्य आते हैं जो ये बताते हैं कि स्थिति तब तक ठीक नहीं होगी जब तक इस समस्या के बारे में लोग सोचना खुद नहीं शुरू करते.
कहीं महिलाओं का रेप बदले की भावना से हो रहा है. तो कहीं बालात्कार इसलिए हो रहे हैं क्यों कि लड़के ने जब लड़की को प्रपोज किया तो वो नहीं मानी. नवजातों से लेकर बुजुर्ग महिलाओं के बालात्कार तक कई मामले ऐसे आ चुके हैं जिसमें किया किसी और ने है और उसकी कीमत एक महिला को अपना बालात्कार कराकर चुकानी पड़ी.
जैसे हालात हैं वो दुखदाई इसलिए भी हैं कि महिला, महिला न होकर एक ऐसा माध्यम हो गई है जिसका इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ बदला लेने के लिए किया जा रहा है. राजस्थान में जो हुआ या फिर जो हमने उन्नाव, कठुआ, मैनपुरी, जयपुर या फिर किसी भी स्थान पर देखा वहां बलात्कार का एक अहम कारण बदला ही था. बदले की नीयत से किसी महिला के साथ गलत काम करने वाले लोगों को लगता है कि महिला को हथियार बनाकर उन्होंने अपना उद्देश्य पूरा कर लिया है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. व्यक्ति सिर्फ और सिर्फ अपनी नीचता का परिचय दे रहा है.
बहरहाल बारन में जो हुआ है उसपर जांच में क्या निकलता है? कितनी लम्बी सजा होती है इसका फैसला वक़्त करेगा मगर बात क्यों कि एक महिला की अस्मत से हुई छेड़छाड़ से जुड़ी है तो कहा जा सकता है कि महिला सुरक्षा के मद्देनजर भारत में स्थिति वाक़ई बहुत गंभीर है.
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