वाह रे कामचोरी! शहर का विकास छोड़कर कुत्तों के पीछे पड़ गया BBMP!
कुत्तों को लेकर BBMP का ये फैसला इसलिए भी हैरत में डालने वाला है क्योंकि जब बीबीएमपी को शहर का विकास करना चाहिए वो बेबुनियाद कामों में अपनी ऊर्जा बर्बाद कर रहा है.
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बेंगलुरु के लोग बहुत परेशान हैं. अभी कुछ दिन पहले बेंगलुरु के लोग चुनाव और मुख्यमंत्री को लेकर परेशान थे अब लोग BBMP की वजह से परेशान हैं. जिस BBMP (बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका) को शहर के बढ़ते प्रदूषण, ट्रैफिक, पानी के निकास, बढ़ी हुई गर्मी और कूड़े को ठिकाने लगाने के बारे में सोचना चाहिए वो इन समस्याओं से पल्ला झाड़कर "कुत्तों" के पीछे पड़ गई है. BBMP ने अपार्टमेंट और व्यक्तिगत घरों में पालतू कुत्तों की संख्या को सीमित करने का निर्णय लिया है.
बीबीएमपी के इस फैसले पर लोग नाराजगी जताते हुए आपनी प्रतिक्रिया देते नजर आ रहे हैं
BBMP के नए नियम के अनुसार जो लोग कुत्ते पालेंगे, उनके लिए अब ये जरूरी हो गया है कि वो लाइसेंस लें. लाइसेंस तक बात होती तो भी ठीक था. लाइसेंस के अलावा BBMPने जो नियम बनाए हैं वो इतने खर्चीले और कठिन हैं कि अब भविष्य में अगर हम बेंगलुरु की सड़कों पर किसी जर्मन शेफर्ड, रॉटविलर या फिर डाबरमैन को कूड़े के ढेर को रौंदते हुए. प्लास्टिक की पन्नियों में पड़ा खाना इधर उधर करते हुए देखें तो हमें बिल्कुल भी आहत नहीं होना चाहिए और ये मान लेना चाहिए कि ये जो भी हो रहा है वो BBMP द्वारा रची गई एक बड़ी साजिश का परिणाम है.
एक ऐसे वक़्त में जब बीबीएमपी को शहर के विकास के बारे में सोचना चाहिए ये फैसला हैरत में डालने वाला है
क्या है BBMP के नए नियम
पालतू कुत्तों के सन्दर्भ में BBMP के नए नियम के अनुसार कुत्ते के मालिक को लाइसेंस लेने के साथ ही एक रेडियो कॉलर लेना होगा. BBMP के मुताबिक इस इस रेडियो कॉलर में एक चिप लगी होगी जिसका खर्च भी कुत्ते के मालिक को ही उठाना पड़ेगा. BBMP की नई गाइडलाइंस के अनुसार, अगर कोई कुत्ता बिना लाइसेंस के पाला गया तो मालिक से नियमों के उल्लंघन की बात कहकर 1,000 रुपये बतौर जुर्माना वसूले जाएंगे.
कुत्ते पालने की संख्या नियंत्रित हुई है
नियमों में अहम बदलाव करते हुए अब BBMP ने कुत्तों के पालने की संख्या को भी नियंत्रित कर दिया है. अपार्टमेंट में रहने वाले लोग सिर्फ एक कुत्ता पाल सकेंगे, जबकि अपने मकानों में रहने वाले लोग अधिक से अधिक तीन कुत्ते ही पाल सकेंगे.
बीबीएमपी के इस फैसले से आम से लेकर खास तक सभी लोग नाराज हैं
इस नियम से शेल्टर होम वाले हैं परेशान
ताजे नियमों की घोषणा के बाद से उन लोगों के माथे पर चिंता के बल पड़ गए हैं जो शेल्टर होम चलाते थे. इसके पीछे की वजह ये है कि इनके पास लगातार ऐसे लोगों के फोन आ रहे हैं जिनके पास पहले से ही कुत्ता था और जिन्होंने इनसे कुत्ते गोद लिए थे. ये लोग इसलिए परेशान हैं कि ताजे नियमों के बाद ये लोग अपने कुत्ते कहां छोड़ेंगे.
Bye-laws proposed by @BBMP for cap on dogs kept in flats and houses is regressive, unthoughtful and infringe on my rights and is unlawful. They need to withdraw it asap. I refuse to abandon my dog, my baby.#notwithoutmydog
— Asheesh Sinha (@ashtray4241) June 6, 2018
अगर लोगों ने कुत्ते छोड़ दिए तो उन लावारिस कुत्तों का क्या होगा
इस वक़्त जो सबसे बड़ी समस्या बेंगलुरु के लोगों के सामने आ रही है वो ये कि इन नियमों के बाद लोग बड़ी संख्या में अपने कुत्तों सड़कों पर छोड़ देंगे. सबसे बड़ा सवाल ये है कि BBMP के पास ऐसे कुत्तों को रखने के लिए कोई शेल्टर होम नहीं है. ऐसे में स्थिति का काफी दयनीय हो जाना भी लाजमी है.
बीबीएमपी के इस फैसले के बाद सबसे बड़ा संकट स्ट्रीट डॉग्स पर हो गया है
क्या होगा स्ट्रीट डॉग्स का
बेंगलुरु के लोग इस बात से सबसे ज्यादा आहत हैं कि आखिर कैसे BBMP इस बात का निर्धारण कर रही है कि कौन से कुत्ते पाले जाएं कौन से नहीं. ध्यान रहे कि BBMP ने एक लिस्ट बनाई है जिसमें कुत्तों की 64 ब्रीड्स का वर्णन है और इस लिस्ट से BBMP ने स्ट्रीट डॉग्स को हटा दिया है यानी BBMP का मानना है कि स्ट्रीट डॉग्स पालने योग्य नहीं हैं.
सोशल मीडिया पर हो रही है आलोचना
BBMP के इस फैसले को बेंगलुरु शहर के लोगों ने बड़ी ही गंभीरता से लिया है और लगातार इसकी आलोचना हो रही है. लोगों का मत है कि जब BBMP को लोगों से जुड़े मुद्दों पर काम करना चाहिए था वो एक ऐसे काम में लिप्त है जिसका कोई औचित्य नहीं है.
Absolutely appalled by this ruling on number of dogs per house. Why not number of children per house then? Have the law makers taken leave of their senses? #notwithoutmydog https://t.co/721hBWJDhs
— Vinit Taneja (@vinit_taneja) June 5, 2018
लोगों की प्रतिक्रियाएं साफ बता रही हैं कि BBMP की ये योजना लोगों को बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी है.
Dear @BBMPCOMM please rework your new laws against pet owners/lovers in #Bangalore It's not in the best interests of the animals or genuine pet owners. The rest of you please sign this petition. #notwithoutmydog #NotWithoutMyDogs @Cho_Pra https://t.co/mcvq0XU291
— Pooja Sampath (@poojasampath) June 6, 2018
लोगों का मत है कि BBMP तत्काल प्रभाव में अपने नए नियमों को ले ऐसा इसलिए क्योंकि बीबीएमपी के इन नियमों का बिल्कुल भी औचित्य नहीं है.
#NotWithoutMyDog How many bad decisions can a single entity make ? BBMP, you are single handedly damaging Bengaluru's name as a compassionate city. Hope you are prepared for all the discarded pets whose blood will be on your hands
— Abhishek (@abhiintruder) June 6, 2018
लोगों की बात सही है BBMP ने मुख्य मुद्दों को नकार दिया है.
अब इसे विडंबना कहें या कुछ और वो बेंगलुरु जो अपने आपमें कई अहम समस्याओं का सामना कर रहा है वहां BBMP का ये तुगलकी फरमान कई मायनों में हैरत में डालने वाला है. ज्ञात हो कि बेंगलुरु आज बढ़ते प्रदूषण, ट्रैफिक, पानी के निकास, बढ़ी हुई गर्मी और कूड़े को ठिकाने लगाने जैसी अहम समस्याओं से जूझ रहा है. ऐसे में एक जिम्मेदार संस्था का ये फैसला इस बात की ओर साफ तौर पर इशारा कर रहा है कि BBMP ने उन मुद्दों को सिरे से नकार दिया है और एक ऐसी दिशा में काम करना शुरू किया है जो कई मायनों में उसका लचर रवैया दर्शा रहा है.
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