BHU हो या चेन्नई का SRM, होस्टल की छात्राओं का संघर्ष समान है
चेन्नई की एसआरएम यूनिवर्सिटी का मामला बिल्कुल बीएचयू जैसा है. बीएचयू में लड़की के साथ हुई छेड़छाड़ के लिए भी लड़कियों के कपड़ों को जिम्मेदार ठहराया गया था.
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चेन्नई की एसआरएम यूनिवर्सिटी चर्चा में है. परिसर की छात्रा संग हुई छेड़छाड़ के मामले और यूनिवर्सिटी प्रशासन के गैरजिम्मेदाराना रवैये पर कैम्पस के छात्र छात्राएं प्रदर्शन कर रहे हैं. परिसर में तानव है. यूनिवर्सिटी में वैसा ही कुछ हो रहा है, जैसा अभी कुछ दिनों पहले हम बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में देख चुके थे. ध्यान रहे कि बीएचयू के अन्दर तीन पुरुषों द्वारा एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ की गई थी. बीएचयू ने इस छेड़छाड़ के लिए लड़की के कपड़ों को दोषी ठहराया था. एसआरएम में जो हुआ उसने सबसे दिलचस्प बात ये है कि जिस पर आरोप थे उसपर कोई एक्शन लेने से पहले ही यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने छात्रा को संदेह के घेरों में खड़ा कर दिया और उसके साथ हुई वारदात का जिम्मेदार उसके कपड़ों को मान लिया.
चेन्नई के एसआरएम में छात्रों का विरोध बीएचयू से मिलता जुलता है
आपको बताते चलें कि चेन्नई के एसआरएम में सेकेंड ईयर अंडरग्रेजुएट की छात्रा, अपने हॉस्टल की चौथी मंजिल पर स्थित अपने कमरे पर वापस जा रही थी. छात्रा ने कमरे तक जाने के लिए लिफ्ट का इस्तेमाल किया था. जिसमें उसके साथ सफाई कर्मी भी मौजूद था. लिफ्ट में लड़की को अकेला पाकर सफाई कर्मी उसके सामने मास्टरबेट करने लग गया. सफाईकर्मी की इस अश्लील हरकत को देखकर छात्रा ने जब लिफ्ट रोक कर बाहर निकलने का प्रयास किया तो उसने छात्रा का रास्ता रोका. छात्रा ने बहुत मुश्किल से अपना हाथ छुड़ाया और वहां से भागी.
Huge protest occuring now in #SRM_UNIVERSITY kattankulathur, tamil nadu. @ANI @republic @ZeeNews @IndiaToday @SushmaSwaraj @IndiaMeToo @SRMUNIVERSITY1 @PoliceTamilnadu @DDNewsLive @HRDMinistry pic.twitter.com/IuVsJ6IHwL
— I_revolt (@revolt_16) November 22, 2018
पीड़ित छात्रा ने जब मामले की शिकायत हॉस्टल की वार्डन से की तो उसने भी दोषी को सजा देने के बजाए सारा कसूर उसके सिर मढ़ा. वार्डन ने ढंग के कपड़े पहनने की नसीहत दी और फौरन ही पहने हुए कपड़ों को बदलने को कहा. बताया ये भी जा रहा है कि जब वार्डन से घटना की सीसीटीवी फुटेज मांगी गयी तो उसे मुहैया कराने में उन्होंने दो घंटे से ज्यादा का वक़्त लिया.
https://t.co/aP3P48Rq3wReally sad to know about the happenings in SRM University main campus.Also, disappointed with the way in which the college management was so uncooperative with the victim and also how they have tried to suppress the whole situation. @SRM_Univ
— Ritesh Bhat (@riteshbhat007) November 22, 2018
छात्राओं के प्रति हॉस्टल की वार्डन का बर्ताव कैसा है यदि इसे समझना हो तो हमें परिसर की अन्य लड़कियों की शिकायतों को समझना होगा. हॉस्टल की लड़कियों की शिकायत है कि जब भी वो छोटी ड्रेस या जींस पहनती हैं तो उन्हें वार्डन द्वारा खूब खरी खोटी सुनाई जाती है.
वहीं एसआरएम यूनिवर्सिटी के वाइंस चांसलर संदीप संचेती ने इस पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए आरोपों से साफ इनकार किया और कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन शिकायत की जांच कर रही है.
How Victim-Shaming Of A Survivor Led To Protests In Chennai's SRM University pic.twitter.com/rC3URqPD57
— InUth (@InUthdotcom) November 23, 2018
बहरहाल जब मामले को लेकर स्टूडेंट्स का विरोध तेज हुआ तो प्रशासन भी हरकत में आया और आनन फानन में एक्शन लेते हुए उसने न सिर्फ दोषी सफाई कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया बल्कि हॉस्टल की वार्डन को भी निलंबित कर दिया गया है.
The victim, a second-year undergraduate, was allegedly sexually harassed inside the women’s hostel lifthttps://t.co/WaZaJlHCwk
— India Today (@IndiaToday) November 23, 2018
चूंकि बीएचयू की तरह ही यहां भी कपड़े छेड़छाड़ की बड़ी वजह बने हैं. कहना गलत नहीं है कि एक ऐसे वक़्त में जब हम विकास की बातें कर रहे हों. अपने को न्यू इंडिया का झंडा बरदार बता रहे हों यदि बात कपड़ों पर आकर रुक जाए तो हमें खुद सोचना होगा कि असल में हम कहां हैं और विकास के किस पायदान पर खड़े हैं.
अतः स्टूडेंट्स द्वारा पहने जा रहे कपड़ों को लेकर हो हल्ला मचाने वाली तमाम यूनिवर्सिटीज को भी सोचना होगा कि कैम्पस फ्री थिंकिंग की जगह है. ऐसे में यदि कपड़ों के नाम पर छात्रों की सोच पर अड़ंगा लगाया जाए तो ये फ्री थिंकिंग के भी सम्पूर्ण कांसेप्ट पर न केवल सवालिया निशान लगाता है बल्कि उसे पूरी तरह से संदेह के घेरों में लाकर खड़ा करता है.
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