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Updated: 15 जून, 2019 12:09 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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अगर कोई पूछे की सऊदी अरब के बारे में आप क्या सोचते हैं तो सबसे पहला जवाब क्या होगा? तेल, दौलत, Mohammad bin Salman, पालतू जानवरों की जगह चीते और अजगर, बड़ी गाड़ियां, हज और नकाब. Saudi Arab की बात जब भी हुई है तो वहां के कायदे-कानून और तय जीवनशैली की चर्चा होती है. ये दुनिया के उन गिने-चुने देशों में से एक है जहां इस्लामिक कायदों को बेहद संजीदगी से माना जाता है और छोटे-छोटे अपराधों में भी उम्र कैद, सार्वजनिक तौर पर कोड़े मारना या सजाए मौत जैसी सज़ा मिलती है. क्योंकि सऊदी अरब बेहद रूढ़ीवादी देश है इसलिए यहां नाइट लाइफ या अंधेरा होने के बाद दिखने वाली रंगीनियां नहीं हैं. यहां महिलाओं और पुरुषों का एक साथ कई जगहों पर जाना तक बैन है और यहां तक कि किसी महिला को रोजमर्रा के कामों के लिए भी पुरुष गार्डियन का सहारा लेना पड़ता है. इस रूढ़ीवादी देश में अब एक Night Club खुलने वाला है. जी हां, ये सऊदी अरब की राजधानी जेद्दाह में खुलेगा और ये उस देश का पहला नाइट क्लब होगा.

Dubai और Beirut का लोकप्रीय नाइट क्लब White Club अब सऊदी अरब में Halal NighClub के तौर पर खुलने जा रहा है. इसकी जानकारी White Club के फेसबुक पेज पर भी दी गई थी. ये भी लिखा गया था कि अमेरिकी सिंगर Ne-yo इस क्लब में गाना गाएंगे और ये पहली बार जेद्दाह में हो रहा है.

ये नाइट क्लब जेद्दाह में गुरुवार 13 जून को खुलने वाला था.

क्या है Halal NightClub?

हलाल नाइटक्लब में 18 साल से ऊपर की उम्र वालों को एंट्री थी. साथ ही, कहने के लिए यहां महिलाओं और पुरुषों दोनों को ही एंट्री दी गई थी. इसी के साथ, नाइट क्लब के ब्रोशर में लिखा गया था कि ये क्लब रात में 10PM से लेकर 3AM तक खुलेगा. इसी के साथ, अमेरिकी सिंगर के आने की बात भी कही गई थी. क्योंकि ये हलाल नाइट क्लब है इसलिए इसमें किसी भी तरह की शराब नहीं मिलेगी. हां यहां शीशा/हुक्का पीने की इजाजत है. इस क्लब में कई डांस फ्लोर को भी काफी जगह दी गई है और कहा तो ये जा रहा है कि इस क्लब में महिलाओं और पुरुषों को साथ रहने की इजाजत भी दी जाएगी, लेकिन सऊदी अरब में महिलाएं डांस क्लब में डांस करें ये तो मुमकिन नहीं लगता. ये वो देश है जहां महिलाओं का फैशन शो भी ड्रोन की मदद से किया गया था और महिला मॉडलों को नहीं लाया गया था.

डिस्को, जेद्दाह, सऊदी अरब, हलाल नाइटक्लबसऊदी अरब में इस नाइट क्लब को लेकर बहस शुरू हो गई.

खैर, इस क्लब में हुक्का भी तय मानकों के हिसाब से ही दिया जाएगा. इसी साल 6 मई को सऊदी में हुक्का इस तरह के रेस्त्रां और कैफे में परोसने की अनुमति मिली है. SAUDI GENERAL ENTERTAINMENT ने धीरे-धीरे कई सारे रेस्त्रां और कैफे को लाइव म्यूजिक शो करने के पर्मिट देने शुरू कर दिए हैं और शायद इसीलिए हलाल नाइटक्लब भी चर्चा में आया.

सोशल मीडिया को रास नहीं आया Halal NightClub..

सोशल मीडिया पर इस क्लब को लेकर बहुत से लोग खिल्ली उड़ा रहे हैं. कहा जा रहा है कि ये सिर्फ एक लाउंज है जहां लोग बैठेंगे, क्योंकि डिस्को की सऊदी में कोई जगह नहीं, लेकिन ट्विटर पर बेहद नाटकीय ढंग से मीम्स बनने शुरू हो गए हैं. कुछ में तो बुर्का पहने पोल डांसर भी दिखाई गई है.

इतना ही नहीं, इस क्लब को लेकर लोग ये भी कह रहे हैं कि वहां लोग शायद प्रार्थना करने का नया तरीका खोजेंगे. साथ ही, सऊदी अरब की इस पहल पर हंसी भी उड़ा रहे हैं.

हालांकि, कुछ लोग इससे बेहद नाराज थे और कह रहे थे कि ये सऊदी के लिए खतरनाक है जहां पश्चिमी सभ्यता लोगों के सिर चढ़कर बोल रही है.

खैर, हालाल क्लब में लोग नर्क में न जा सकें इसीलिए शायद बेहद अलग तरह की घटना हुई है. Aljazeera की रिपोर्ट के मुताबिक इस क्लब में शो हो ही नहीं पाया. सऊदी जनरल ऑथोरिटी एंटरटेनमेंट द्वारा किसी क्लब का या लाइव म्यूजिक शो का पर्मिट दिया ही नहीं गया था. GAE द्वारा अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ये पोस्ट भी की गई थी कि इसको लेकर जांच की जा रही है.

इससे पहले की कुछ होता, सऊदी अरब के अधिकारी हरकत में आ गए और शो हुआ ही नहीं. अब ये शो इसलिए नहीं हुआ क्योंकि अधिकारियों ने मना कर दिया या फिर इसलिए कि ये एक फ्रॉड था ये तो नहीं मालूम लेकिए सऊदी अरब के कई बाशिंदों को ये बेहद खराब लगा.

बेचारे दर्शक बिना शो देखे ही चले गए और तो और उन्हें ये भी नहीं पता कि उनका पैसा वापस मिलेगा या नहीं. कई लोग इस तरह से सोशल मीडिया पर अपना दुख बता रहे थे. हुआ कुछ यूं कि सऊदी का पहला नाइट क्लब अपने पहले शो को ही होस्ट नहीं कर पाया. ये तो बुर्के में डिस्को से भी खराब बात हो गई क्योंकि सऊदी अरब का पहला नाइट क्लब खुलने से पहले और मौलवियों के उसके खिलाफ फतवा जारी करने से पहले ही वो विवादों में आ गया. 

अब देखने वाली बात ये है कि क्या वाकई सऊदी का ये नाइट क्लब अपने शबाब में खुल पाता है या नहीं क्योंकि अगर ये सही नहीं है तो कई सऊदी अरब के निवासियों का दिल जरूर टूट जाएगा. इस्लामिक कट्टरपंथ और मोहम्मद बिन सलमान के मॉर्डन सुधारों के बीच क्या बदलेगा ये तो देखने वाली बात होगी. बहरहाल, जिस तरह इस हलाल क्लब के खुलने की बात सामने आई और जैसा इसे लेकर सऊदी के लोगों की प्रतिक्रिया रही उससे ये तो समझ आ गया है कि वहां कई लोग ऐसे हैं जो इस तरह की चीज़ों का समर्थन कर रहे हैं और ऐसे में ये हलाल क्लब पहले ही सऊदी के इस्लामिक कट्टरपंथ की हवा निकाल चुका है.

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श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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