इस 'सिंबा' की कहानी दिल दहलाने वाली है
लोग किसी भी कारण से कुत्ता पालें, लेकिन एक जानवर जो स्वतंत्र घूमने के लिए ही पैदा हुआ हो, उसके गले में पट्टा बांधकर घर में कैद करके रखना उस जानवर के प्रति कितना सही है?
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फिलहाल जिस सिम्बा की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है वो है रोहित शेट्टी की फिल्म, जिसमें सिम्बा का किरदार निभा रहे हैं रणबीर सिंह. लेकिन हम बात कर रहे हैं एक दूसरे सिम्बा की जो न तो शेर है और न ही रणबीर सिंह- वो एक कुत्ता है.
आगे बढ़ने से पहले आपको ये तस्वीर देख लेनी चाहिए
सिंबा अपनी मालकिन के साथ
ये है सिम्बा, जिसे इसकी मालकिन ने अपने साथ ऐसे सुला रखा है जैसे वो उसका अपना बच्चा हो. ये तस्वीर बहुत से लोगों को बहुत प्यारी लगेगी, खास तौर पर कुत्तों से लगाव रखने वाले लोग इसे देखकर कहेंगे 'how cute'. लेकिन इस तस्वीर से छलकती मासूमियत एकदम काफूर हो जाती है जब हमें ये पता चलता है कि इसी चहेते कुत्ते ने अपनी मालकिन की जान ले ली.
कैसे एक पालतू कुत्ता हैवान बन गया
ऑस्ट्रेलिया की रहने वाली तानिया क्लेमके पर 25 अक्टूबर 2017 को उनके ही कुत्ते सिंबा ने हमला कर दिया. सिंबा घर पर आए एक मेहमान को देखकर आक्रामक हो गया, और उसकी जांघ पर काट लिया. तानिया ने कुत्ते को खींचा और उस व्यक्ति को तुरंत लॉन्ड्री रूम में जाकर खुद को लॉक करने के लिए कहा. उस व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि उसने खुद को लॉन्ड्री रूम में बंद कर लिया. लेकिन तब कुत्ता और भी ज्यादा आक्रामक हो गया और तानिया पर झपट पड़ा. तानिया उसपर चिल्ला रही थीं और मदद के लिए भी चीख रही थीं, लेकिन तभी कुत्ते ने भौंकना बंद कर दिया. उस व्यक्ति को लगा कि तानिया बचकर निकल गई हैं. उधर तानिया के चिल्लाने पर पड़ोसियों ने पुलिस को फोन कर दिया था. पुलिस आई तो उन्होंने पाया कि तानिया बिस्तर पर पड़ी हुई थीं और सिंबा उनके ऊपर खड़ा था. पुलिस ने तुरंत सिंबा को गोली मार दी. तानिया मर चुकी थी, उनके हाथों और पैरों पर चोटें थीं, खून बहुत बह चुका था.
ये कहानी एक साल बाद इसलिए सामने आई क्योंकि इस मामले की रिर्पोर्ट पुलिस ने एक साल बाद प्रकाशित की. इस मामले की खास बात ये थी कि पुलिस ने अपनी रिर्पोर्ट में बताया है कि तानिया ये जानती थीं कि सिंबा खतरनाक है और उन्होंने उसे अपनी सुरक्षा के लिए रखा हुआ था. सिंबा ने पहले भी तानिया के एक्स बॉयफ्रेंड पर हमला किया था. पहले भी सिंबा को सड़कों पर घूमते, पड़ोसियों को परेशान करते और छोटे बच्चों पर भौंकते पाया गया था. लेकिन इस वाकिये का असर ये हुआ कि वहां की सरकार ने Domestic animal act में जरूरी बदलाव कर दिए.
कुत्ते पालतू पशु हैं लेकिन क्या ये पालने लायक हैं?
भारत में हम भी कुत्तों द्वारा किसी को काटने की खबरें आए दिन सुनते रहते हैं, लेकिन हैरानी तब होती है जब पालतू कुत्ते लोगों पर हमला करते हैं. ये वीडियो देखिए जिसमें साफ दिख रहा है कि कुत्ते के गले में पट्टा है यानी वो पालतू हैं, और किस तरह बच्चों पर हमला कर रहे हैं.
पहली वीडियो फरीदाबाद का है और दूसरा दिल्ली के उत्तम नगर का.
कुत्तों को घरेलू जानवर कहा जाता है. क्योंकि वो लोगों के साथ रह सकते हैं. लोग कुत्ते पालते हैं क्योंकि कहा ये भी जाता है कि कुत्ते इंसानों के वफादार साथी होते हैं. कुछ लोग कुत्ते इसलिए पालते हैं कि घर की सुरक्षा होती है. कुछ इसलिए पालते हैं कि उन्हें जानवरों से प्यार है, लेकिन कुछ लोग कुत्तों के जरिए अपना स्टेटस भी मेंटेन करते हैं. लेकिन आप इस तथ्य को नकार नहीं सकते कि वो जानवर हैं और कभी भी आक्रामक हो सकते हैं.
कुत्ता तभी तक क्यूट है, जब तक वो शांत है
लोग किसी भी कारण से कुत्ता पालें, लेकिन एक जानवर जो स्वतंत्र घूमने के लिए ही पैदा हुआ हो, उसके गले में पट्टा बांधकर घर में कैद करके रखना उस जानवर के प्रति कितना सही है? कुत्ता तभी तक क्यूट है जब तक वो शांत है, लेकिन उसे जानवर बनने में जरा भी देर नहीं लगती. ऐसे भी लोग हैं जो शौक शौक में कुत्ते ले तो आते हैं, लेकिन जल्दी बोर भी हो जाते हैं और उन्हें सड़कों पर छोड़ देते हैं. कई लोग ऐसे भी हैं जो भारत में रहकर भी मोटे पैसे देकर विदेशी नस्ल का कुत्ता पालते हैं, जो कुत्ता ठंडे मौसम में रहने के लिए बना हैउसे भारत जैसे गर्म देश में पाला जाता है, और जब गर्मी में रहकर उसे बीमारियां होती हैं तो उन्ही कुत्तों से हाथ छुड़ा लिया जाता है. ऐसे कुत्ते जिन्हें खाना खोजकर खाने की आदत नहीं होती जब घर से बाहर निकाले जाते हैं, तो कहीं के नहीं रहते. न उन्हें सड़के के कुत्ते छोड़ते हैं और न ही वो खाना ढूंढ पाते हैं.
कुत्तों से मोहब्ब्त करने वालों ने तो उनके लिए क्रेच और रिसॉर्ट तक बना डाले हैं
Finally every dog has its day thx to JEFFURRY’S : The Pet Resort, New Delhi #dogs #pets #petboarding #petcafe #petspa #jeffurrys pic.twitter.com/zKTuRajQvH
— Salman Khan (@BeingSalmanKhan) December 5, 2018
लेकिन कुत्तों को बच्चों की तरह प्यार करने वाले लोग जब कुछ दिन बाहर जाते हैं तो उन्हें इन्हीं क्रेच में छोड़ जाते हैं. क्या अपने बच्चों को कोई बाहर छोड़ सकता है? फिर कुत्तों को क्यों? कुछ को छोड़ दें तो ज्यादातर लोगों का कुत्तों के प्रति लगाव सिर्फ उनका स्वार्थ है. कुत्तों का इसमें सिर्फ नुकसान ही होता है.
अपने स्वार्थ के लिए कुत्ता मत पालिए !
लोग अपनी और घर की सुरक्षा के लिए कुत्ते तो पाल लेते हैं लेकिन कुत्तों से जुड़ी बेहद अहम बातें हमेशा नजरंदाज़ करते हैं, जैसे कुत्तों का व्यवहार. लोग उनके व्यवहार और उनकी बॉडी लैंग्वेज के बारे में अनजान रहते हैं. यहां तक की बच्चे भी ये भांप नहीं पाते कि कुत्ता कब गुस्से में है या कब हमला करने वाला है. जिसका खामियाजा ज्यादातर बच्चों को ही उठाना पड़ता है. एक जानवर को अगर गुस्सा आता है तो उसके सामने उसका मालिक भी उसका दुशमन ही होता है. तानिया के मामले में यही हुआ था.
कुत्तों के व्यवहार के बारे में जानना बेहद जरूरी है
सरकार के पास जानवरों की सुरक्षा के लिए तो कई एक्ट हैं लेकिन पालतू जानवरों को लेकर कोई एक्ट नहीं मालूम पड़ता. सरकार ये तो कहती है कि कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराया जाए, लेकिन उनके मालिकों के लिए कोई गाइडलाइन जारी नहीं करती कि कुत्ता पालने से पहले जानवर के व्यवहार और बॉडी लैंग्वेज की शिक्षा लेनी जरूरी है, कुत्ते को कैसे पाला जाए, या वो आक्रामक हो जाए तो क्या किया जाए.
सवाल ये नहीं है कि कुत्ता पाला जाए या नहीं, कि कुत्ता अच्छा है या नहीं, जवाब ये है कि जिसे घर में जगह दी जा रही है वो एक जानवर है, और जानवर घरों में रहने के लिए पैदा नहीं हुए. जानवरों को पालना भी क्या उनके प्रति क्रूरता नहीं?
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