एक गर्भवती का फिदायीन बन जाना समझ लीजिये मामला कितना गंभीर है
श्रीलंका में हुए बम ब्लास्ट मामले में एक गर्भवती महिला का जिक्र होना ये बता देता है कि कट्टरता जब इंसान पर हावी होती है तो फिर न तो उसे अपनी ही परवाह होती है न किसी दूसरे की जान का होश.
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ईस्टर के दिन श्रीलंका में हुए सीरियल ब्लास्ट के मद्देनजर चल रही प्रारंभिक जांच में दिल दहला देने वाली जानकारियां सामने आई हैं. घटना की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है. साथ ही ये भी बताया जा रहा है जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया उनमें एक गर्भवती महिला, फातिमा इब्राहीम भी शामिल थी. सवाल होगा कि कौन फातिमा इब्राहीम? तो बता दें कि फातिमा, इस घटना के सूत्रधार इंसाफ अहमद इब्राहीम की पत्नी हैं जिसने इस वारदात को अंजाम देकर सैकड़ों लोगों को मौत के घाट उतार दिया. मामले को लेकर सबसे ज्यादा हैरत में डालने वाली बात ये है कि हत्यारों का शुमार श्रीलंका के सबसे पढ़े लिखे और अमीर परिवारों में होता था.
श्रीलंका में हुए बम ब्लास्ट का मामला कट्टरपंथ से जुड़ा है और एक गर्भवती महिला की इसमें भागीदारी खुद बता देती है कि मामला कितना गंभीर है
परिवार किस हद तक कट्टरपंथ की गिरफ्त में जकड़ा था? इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, जिस वक़्त पुलिस ने फातिमा के घर में गिरफ़्तारी के लिए रेड डाली उस वक़्त फातिमा ने अपने तीन बच्चों सहित खुद को उड़ा लिया. इस घटना में तीन पुलिसवालों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. ध्यान रहे कि घटना के बाद जो तस्वीरें इस्लामिक स्टेट ने जारी की हैं उनमें फातिमा भी थी जो अपने पति इंसाफ के ठीक पीछे खड़ी थी.
That's Fatima Ibrahim, one of the suicide bombers from Sri Lanka attacks. She was the wife of Sri Lankan millionaire and the other suicide bomber, Inshaf Ahmed Ibrahim.
She blew up herself with her three kids while she was also pregnant. pic.twitter.com/eXUosb8h1Q
— F. Jeffery (@Natsecjeff) April 24, 2019
ज्ञात हो कि अभी बीते दिनों ही श्रीलंका में ईस्टर के दिन एक के बाद एक सीरियल ब्लास्ट हुए थे जिसमें 359 लोगों की मौत हुई है जबकि कई लोग घायल हुए हैं. जांच में सामने आया है कि घटना को इंसाफ और उनके भाई इल्हाम ने अंजाम दिया है. इंसाफ और इल्हाम के बारे में जो जानकारी पुलिस ने जुटाई है. यदि उसने सही मानें तो दोनों श्रीलंका के एक समृद्ध मसाला व्यापारी मोहम्मद युसूफ इब्राहीम के बेटे हैं, जिन्होंने अपनी सारी पढाई लिखाई विदेश में रहकर की है.
आपको बताते चलें कि मोहम्मद युसूफ इब्राहीम ने श्रीलंका में जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था. साथ ही ये श्रीलंका सरकार में मंत्री रिशात बतिउदीन के करीबी मित्र हैं और इन्हें मंत्री के साथ पूर्व राष्ट्रपति के कई प्रोग्राम में भी देखा गया है. चूंकि घटना का सबसे संवेदनशील पक्ष फातिमा हैं तो ये बताना भी बेहद जरूरी है कि पकड़े जाने के डर से उसने घटना को अंजाम दिया और अपने तीन मंजिला आलीशान घर को उड़ा लिया.
देश के सबसे सम्मानित परिवार ने वारदात को क्यों अंजाम दिया? जब इसपर सवाल हुआ तो श्रीलंका के रक्षा मंत्री रुवन विजयवर्धने ने जो जवाब दिया वो और ज्यादा चौंकाने वाला था. विजयवर्धने के अनुसार परिवार ने ये बमब्लास्ट न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में हुई शूटिंग का बदला लेने के लिए किया.
गौरतलब है कि घटना के बाद हरकत में आई श्रीलंका पुलिस और रक्षा विभाग ने कुल 58 लोगों को गिरफ्तार किया है. जांच अधिकारियों के मुताबिक अब भी 9 लोग पुलिस की पकड़ से दूर हैं. ये कोई पहली बार नहीं है जब हमने किसी आतंकी वारदात को पढ़े लिखे लोगों ने अंजाम दिया है. इससे पहले ऐसा ही कुछ हम बांग्लादेश में भी देख चुके थे जहां सभी आरोपी कभी पढ़े लिखे और उच्च पदों पर रहने वाले लोग थे. माना जा रहा है कि पढ़े लिखे लोगों को बरगलाना उन्हें संगठन में जोड़ना और उनसे हिंसक वारदातों को अंजाम कराना इस्लामिक स्टेट की नई रणनीति है.
बहरहाल, तमाम आतंकी मामलों के इतर श्रीलंका का ये मामला इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें एक महिला की भागीदारी है. एक ऐसी महिला जो खुद गर्भवती थी. सवाल उठता है कि क्या कट्टरता इंसान को इस हद तक अंधा कर देती है कि उसे न तो अपनी जान की कोई परवाह रहती है और न ही दूसरों की जन का होश. पूरा मामला देखकर इस बात को आसानी से समझा जा सकता है कि यदि एक गर्भवती फिदायीन बन रही है तो वाकई मामला बहुत गंभीर है.
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