सऊदी अरब में औरतों की आज़ादी वाली बात झूठ निकली!
एक महिला का किसी पुरुष को गले लगाना आखिर कितना बड़ा अपराध हो सकता है? ये वीडियो बताता है कि सऊदी महिला ने खुश होकर कितना बड़ा अपराध कर दिया है..
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'सऊदी अरब में औरतों को बहुत ज्यादा आज़ादी मिल गई है. भला इस्लाम और कट्टर देश ये कैसे बर्दाश्त कर सकता है. सऊदी अरब में एक महिला को अधिकार क्या दे दिए गए वो तो बहक ही गई. कॉन्सर्ट में जाने की इजाजत क्या मिली उसने तो पुरुष सिंगर को जाकर गले ही लगा लिया.. इसीलिए महिलाएं अधिकारों के लायक नहीं होती हैं!'
मेरे ये शब्द शायद सुनकर आपको अजीब लगें, लेकिन इसकी गुंजाइश बहुत ज्यादा है कि सऊदी में ऐसी बातें हो रही हों. किस्सा कुछ ऐसा है कि ईराकी-अरबी सिंगर माजिद अल-मोहनदीस पश्चिमी शहर ताइफ़ में एक समारोह में गाना गा रहे थे तभी वो महिला मंच पर दौड़ती हुई चली गई. इतना ही नहीं उस महिला ने खुशी में सिंगर को गले लगाने की हिमाकत कर दी.
इस घटना के बाद उस महिला को गिरफ्तार कर लिया गया और फिर कॉन्सर्ट वापस से वैसा ही चलने लगा. सिंगर ने गाना भी शुरू कर दिया.
بالفيديو -لحظة القبض على فتاة صعدت إلى المسرح واحتضنت #ماجد_المهندس بالطائف https://t.co/dc4oUceeyY #ماجد_المهندس_بسوق_عكاظ#سوق_عكاظ pic.twitter.com/O1c4qXIwCf
— جريدة النهارالكويتية (@naharkw) July 14, 2018
ये तो थी महिला के सिंगर को गले लगाने की बात, लेकिन इसे कितना बड़ा जुर्म माना जाए? अगर ये किसी पश्चिमी देश में होता तो कोई बड़ी बात नहीं होती. भारत में होता तो भी इसे कुछ खास नहीं माना जाता, लेकिन ये हुआ है सऊदी अरब में जहां की कट्टरता ने आज भी महिलाओं को जकड़ रखा है वहां इस हरकत की सज़ा क्या हो सकती है?
हो सकता है उस महिला को कोड़े मारे जाएं, हो सकता है उस महिला को जेल हो जाए या फिर उसके कानूनी अधिकार उससे छीन लिए जाएं. होने को तो सज़ा इतनी बड़ी भी मिल सकती है कि लोगों को लगे कि महिलाओं का कांसर्ट में या खेलों में जाना बंद कर देना चाहिए.
ये सिर्फ खुशी नहीं हैरेस्मेंट था..
आपको बता दूं कि उस महिला के खिलाफ अब केस हो गया है और बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक उस महिला पर अब सेक्शुअल हैरेस्मेंट का केस होगा. जी हां, सऊदी में महिला नहीं बल्कि पुरुषों का सेक्शुअल हैरेस्मेंट होता है और महिलाएं कर रही हैं.
इसे अगर आम देशों में देखा जाए तो यकीनन इसे शायद ह्यूमन नेचर कहा जाएगा. क्योंकि महिलाएं सऊदी अरब में हाल ही में काफी आज़ाद हुई हैं. उन्हें ड्राइविंग करने से लेकर कांसर्ट में जाने जैसे अधिकार मिले हैं. तो हो सकता है कि वो महिला आज़ादी से इतनी खुश हो गई हो कि वो बेचारी बस अपनी खुशी व्यक्त कर रही हो.
वजह चाहें जो भी रही हो, लेकिन उस महिला ने सऊदी का एक बड़ा नियम तोड़ दिया. वो नियम है पराए मर्दों को छूना. उसपर ये हरकत तो पब्लिक में की गई है जहां पराए मर्द छोड़िए अपने पति के साथ भी ऐसा करना सही नहीं है. सऊदी अरब में महिलाओं की आज़ादी का मतलब ये है कि उन्हें अपने पति, पिता या बेटे के साथ रहना होगा और उनकी छत्रछाया में ही जीना होगा.
यहां तक की एक अकाउंट भी खुलवाने के लिए परमीशन लेनी होगी.
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने महिलाओं को काफी आज़ादी दे दी और पिछले 1 साल में तो कई नियम बदल दिए गए, लेकिन अगर देखा जाए तो इतनी छोटी सी आज़ादी के लिए भी खुशी महिलाएं नहीं दिखा सकतीं. तो इसे क्या कहा जाए? कंडीशनल आज़ादी या फिर कंडीशनल खुशी?
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