महिलाओं पर ही प्रेग्नेंसी रोकने का बोझ क्यों? मर्द हैं पूरी तरह से जिम्मेदार
हमारे देश में अभी भी कंडोम को एक अपवाद माना जाता है और फैमिली प्लानिंग की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं पर होती है. अरे हमारे देश में ही क्यों पूरी दुनिया में अगर नजर दौड़ाएंगे तो कई देश अबॉर्शन को गैरकानूनी मानते हैं और वहां भी मर्द फैमिली प्लानिंग की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते.
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किसी महिला के लिए मां बनना गौरव की बात मानी जाती है, कहा जाता है कि जब तक वो मां नहीं बन जाती उसे अधूरा माना जाता है, लेकिन क्या समाज का ये नियम बकवास नहीं है? अगर कोई औरत मां बनना ही ना चाहे तो? अब इसका जवाब कई मॉर्डन लोग दे सकते हैं कि आजकल की महिलाएं तो बर्थ कंट्रोल के कई तरीके अपना सकती हैं. पर क्या किसी ने सोचने की कोशिश की कि इसकी जिम्मेदारी सिर्फ महिलाओं को ही दी जाती है.
हमारे देश में अभी भी कंडोम को एक अपवाद माना जाता है और फैमिली प्लानिंग की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं पर होती है. अरे हमारे देश में ही क्यों पूरी दुनिया में अगर नजर दौड़ाएंगे तो कई देश अबॉर्शन को गैरकानूनी मानते हैं और वहां भी मर्द फैमिली प्लानिंग की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते. ट्विटर पर आए दिन ऐसे देशों की महिलाएं अपने हक के लिए लड़की हैं और सोशल कैंपेन का हिस्सा बनती हैं. आयरलैंड में कुछ समय पहले एक ऐसा मामला सामने आया था जहां एक भारतीय मूल डेंटिस्ट सविता हल्लपनावर की मौत सिर्फ इसलिए हो गई थी क्योंकि उन्हें अबॉर्शन की इजाजत नहीं दी गई थी और प्रेग्नेंसी के 17वें हफ्ते में उन्हें इसके कारण सेप्टिक हो गया था.
कई देशों में अबॉर्शन से जुड़े नियम महिलाओं को उनसे और बच्चे से जुड़ा कोई फैसला नहीं लेने देते
अगर कोई अनचाही प्रेग्नेंसी हो भी जाती है तो भी सारा दोष महिलाओं के सिर मढ़ दिया जाता है पर क्या कोई ये सोचता है कि इसके लिए पुरुष ज्यादा जिम्मेदार हैं? न्यूयॉर्क टाइम्स की बेस्ट सेलिंग ऑथर और ब्लॉगर गैब्रियल ब्लेयर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर 40 से भी ज्यादा ट्वीट कर इस बारे बात की और उनकी ट्वीट्स अब वायरल हो गई हैं. इस स्टोरी को लिखने तक उनके ट्विटर थ्रेड को 73 हजार से भी ज्यादा बार शेयर किया जा चुका था.
गैब्रियल के अनुसार अनचाही प्रेग्नेंसी के 100% जिम्मेदार पुरुष होते हैं और पुरुषों के लिए इस बात को मानना बहुत मुश्किल होता है. 6 बच्चों की मां गैब्रियल ये जानती हैं कि अनचाही प्रेग्नेंसी और अबॉर्शन की जद्दोजहद क्या होती है.
कुछ भी कहने से पहले एक बार उनकी ट्वीट्स पर नजर डाली लेनी चाहिए.
I’m a mother of six, and a Mormon. I have a good understanding of arguments surrounding abortion, religious and otherwise. I've been listening to men grandstand about women's reproductive rights, and I'm convinced men actually have zero interest in stopping abortion. Here's why…
— Gabrielle Blair (@designmom) September 13, 2018
जैसे बच्चों के प्रेम को सिर्फ एक मा समझ सकती है वैसे ही अनचाही प्रेग्नेंसी और अबॉर्शन का दर्द क्या होता है ये भी एक मां ही समझ सकती है.
If you want to stop abortion, you need to prevent unwanted pregnancies. And men are 100% responsible for unwanted pregnancies. No for real, they are. Perhaps you are thinking: IT TAKES TWO! And yes, it does take two for _intentional_ pregnancies.
— Gabrielle Blair (@designmom) September 13, 2018
और वाकई अगर अबॉर्शन को लेकर कानून बनाया गया है तो यकीनन उसे रोकने का सबसे अच्छा तरीका है अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकना.
But ALL unwanted pregnancies are caused by the irresponsible ejaculations of men. Period. Don’t believe me? Let me walk you through it. Let’s start with this: women can only get pregnant about 2 days each month. And that’s for a limited number of years.
— Gabrielle Blair (@designmom) September 13, 2018
प्रेग्नेंसी के लिए दोनों जिम्मेदार हैं, लेकिन अनचाही प्रेग्नेंसी के लिए और उसके बाद अबॉर्शन की तकलीफ के लिए सिर्फ औरतों को जिम्मेदार ठहराना कहां तक सही है?
That makes 24 days a year a women might get pregnant. But men can _cause_ pregnancy 365 days a year. In fact, if you’re a man who ejaculates multiple times a day, you could cause multiple pregnancies daily. In theory a man could cause 1000+ unwanted pregnancies in just one year.
— Gabrielle Blair (@designmom) September 13, 2018
और वाकई साल के सिर्फ 24 दिनों के लिए भी महिलाओं को दोष दिया जाता है.
And though their sperm gets crappier as they age, men can cause unwanted pregnancies from puberty till death. So just starting with basic biology + the calendar it’s easy to see men are the issue here.
— Gabrielle Blair (@designmom) September 13, 2018
अगर पुरुष बच्चा नहीं चाहते या ये नहीं चाहते हैं कि महिलाएं अबॉर्शन की प्रक्रिया से गुजरें तो उन्हें सावधानी नहीं रखनी चाहिए क्या?
But what about birth control? If a woman doesn’t want to risk an unwanted pregnancy, why wouldn’t she just use birth control? If a women can manage to figure out how to get an abortion, surely she can get birth control, right? Great questions.
— Gabrielle Blair (@designmom) September 13, 2018
महिलाओं के शरीर पर बर्थ कंट्रोल के तरीके क्या असर डालते हैं ये तो मेडिकल साइंस भी समझती है, लेकिन शायद महिलाओं के साथ रह रहे पुरुष नहीं समझ सकते.
Modern birth control is possibly the greatest invention of the last century, and I am very grateful for it. It’s also brutal. The side effects for many women are ridiculously harmful. So ridiculous, that when an oral contraception for men was created, it wasn’t approved…
— Gabrielle Blair (@designmom) September 13, 2018
सिर्फ इसलिए कि पुरुषों के ईगो को ये गलत लगता है, या उन्हें ये लगता है कि वो ये सब झंझट क्यों पालें इसके लिए वो महिलाओं को बीमारियों के मुंह में ढकेल देते हैं.
There’s a lot to be unpacked just in that story, but I’ll simply point out (in case you didn’t know) that as a society, we really don’t mind if women suffer, physically or mentally, as long as it makes things easier for men.
— Gabrielle Blair (@designmom) September 13, 2018
वाकई इसे देखकर तो लगता है जैसे सोसाइटी को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि महिलाओं के साथ कुछ भी हो, क्योंकि हमारा समाज तो पुरुषों के लिए बना हुआ है न.
Condoms (or even pulling out) is that simple thing. Don’t put women at risk. Don’t choose to maximize your own pleasure if it risks causing women pain.
— Gabrielle Blair (@designmom) September 13, 2018
गैब्रियल की इन ट्वीट्स के अलावा, और भी कई ट्वीट्स हैं जिन्हें इस ट्विटर थ्रेड पर जाकर पढ़ा जा सकता है. इन्हें देखकर शायद ये आसानी से समझा जा सकता है कि प्रेग्नेंसी को लेकर जितनी भी समस्याएं हैं वो सिर्फ और सिर्फ महिलाओं को ही झेलनी पड़ती हैं. पुरुषों के लिए अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने का तरीका आसान है और उनका सिर्फ कंडोम का इस्तेमाल करना ही महिलाओं को कई बीमारियों से बचा सकता है. और अगर देखा जाए तो महिलाओं का प्रेग्नेंसी कंट्रोल करने के तरीके भी आसानी से नहीं उपलब्ध हो पाते. इसके लिए कम से कम एक बार तो किसी महिला को डॉक्टर के पास जाना होता है, दवाइयां जो ली जाती हैं वो भी आसानी से नहीं मिलती और न ही सस्ती होती हैं.
अगर ऑपरेशन करवाने की बात हो तब तो ये और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है. महिलाओं के शरीर के साथ खिलवाड़ करने की आज़ादी सिर्फ इसलिए चाहिए क्योंकि पुरुष साथी खुद कंडोम खरीद कर उसे इस्तेमाल नहीं कर सकता है ये तो बहुत गलत है.
इसके बाद भी अगर प्रेग्नेंसी हो जाए तो दुनिया भर के नियम और संविधान के अनुसार महिलाओं को ये तय करने का हक पूरी तरह से नहीं है कि वो ये बच्चा चाहती हैं या नहीं. यहां तक कि अगर रेप से कोई बच्चा होता है तो भी भारत और अन्य कई देशों में अबॉर्शन कानून ये इजाजत महिलाओं को नहीं देता कि वो खुद ये तय कर सकें कि उन्हें बच्चा चाहिए या नहीं.
कुदरत ने महिलाओं को बच्चे पैदा करने का हक दिया है, लेकिन असल मायने में उन्हें ये हक नहीं कि वो अपनी जिंदगी और उनसे जुड़ी किसी जिंदगी का फैसला ले सकें. गैब्रियल के ट्वीट ये बताते हैं कि ये सिर्फ भारत की समस्या नहीं, पुरुषों को लेकर ये तो पूरी दुनिया की समस्या है. जहां कुछ पुरुष इस बात को समझते हैं वहीं अधिकतर के लिए तो ये उनकी मर्दानगी को चुनौती होती है. अगर इन ट्वीट्स को देखकर किसी को शर्म आ रही है या वो इस बारे में बात करने से कतरा रहा है तो यही वो गलती है जो गैब्रियल ने बताई है. ये शर्मिंदगी महसूस करने की बात अगर लोग समझते हैं तो ये गलत है.
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