Sushil Kumar तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो, बाहुबली बनने पर इतरा रहे हो!
ओलंपिक पदक विजेता और वर्तमान में हत्या के आरोपी पहलवान सुशील कुमार का एक फोटो वायरल हुआ है. सुशील को मंडोली जेल से तिहाड़ शिफ्ट किया जा रहा था. इस दौरान पुलिसकर्मी हत्या के आरोपी सुशील कुमार के साथ तस्वीरें लेते हुए नजर आए. वहीं फ़ोटो में सुशील भी मुस्कुरा रहे थे. सुशील का इस तरह मुस्कुराना बेशर्मी की पराकाष्ठा है.
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ढिठाई या बेशर्मी की हंसी... कई बार इन शब्दों को सुना मगर नजरअंदाज किया. क्यों? क्योंकि जब भी इस हंसी के विषय में सोचता तमाम बॉलीवुडिये जैसे अमरीश पुरी, कुलभूषण खरबंदा, जीवन, रंजीत, अजीत, अमजद, डैनी ही याद आए. चूंकि फ़िल्म के दौरान इन तमाम लोगों की हंसी में एक नकारात्मकता रहती थी. तो न तो कभी इस ढिठाई या बेशमी की हंसी पर उतना ग़ौर ही किया न ही कभी इसकी फिक्र हुई. मगर हर दिन एक समान नहीं होता इसलिए जब आज ट्विटर पर एक बार फिर इस हंसी को देखा तो अपने को रोक नहीं पाया. इंटरनेट पर एक फोटो तैर रही है. फ़ोटो में पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के आरोपी ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार है. सुशील को मंडोली जेल से तिहाड़ शिफ्ट किया जा रहा था. इस दौरान पुलिसकर्मी हत्या के आरोपी सुशील कुमार के साथ तस्वीरें लेते हुए नजर आए. वहीं फ़ोटो में सुशील मुस्कुरा रहे थे. इस तस्वीर पर बहुत सी बातें हो सकती हैं. तर्क वितर्क हो सकता है लेकिन हमें उस पहलू पर जाना ही नहीं है. हमारे सामने तस्वीर है और तस्वीर में मुस्कुराते हुए पहलवान सुशील कुमार हैं. चर्चा सिर्फ तस्वीर पर होगी. तस्वीर में झलकती मुस्कान पर होगी.
वायरल तस्वीर में जो रेसलर सुशील कुमार का अंदाज है वो बेशर्मी की पराकाष्ठा है
जैसा कि हम कह चुके हैं. तस्वीर को अगर देखें और इसका अवलोकन या विश्लेषण करें तो होने को तो तमाम तरह की बातें हो सकती हैं लेकिन उन दलीलों में जो सबसे बड़ी दलील है वो ये कि ये हमारे आस पास, हमारे परिवेश में व्याप्त बेशर्मी भरी मुस्कान है. जो न केवल निंदनीय है बल्कि उस ग्लैमर को भी दिखाती है जिसमें कोई आदमी अपराध की दुनिया में शामिल होता है और खुद की नजर में रॉबिन हुड बन जाता है. इस तस्वीर को देखकर जो सबसे पहला विचार हमारे जहन में आया वो ये कि तस्वीर बिल्कुल वैसी ही है जैसी 'बदमाशों' की होती है.
ध्यान रहे हमनें यहां चोर, डाकू या किसी अन्य संज्ञा / विशेषण से सुशील को नहीं नवाजा है. हम सुशील को बदमाश कह रहे हैं. सीधे कह रहे हैं और डंके की चोट पर कह रहे हैं. तस्वीर में सुशील पश्चिम उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान के उस 10 या 20 हजारी क्रिमिनल की तरह है जो रंगदारी, हत्या, लूट, अपहरण, डकैती, छिनैती में पुलिस के हत्थे चढ़ा है और जिसकी तस्वीर रिलीज कर पुलिस ये बता रही है कि उसने कितना बड़ा ऐतिहासिक काम किया है.
The utter shameless. The impunity. The remorseless soul. And we knew wrestlers are attached to the soil of our motherland. This is not it. Hope justice prevails.#SushilKumar #sushilkumararrested pic.twitter.com/GWWbZOYd6a
— Sourav Bhakat (@srv_speaks) June 25, 2021
कभी ध्यान दीजियेगा उन 'बदमाशों' पर जो पेशेवर तारीखे से किसी की कब्जा दिलाने, मकान, दुकान, फ्लैट खाली कराने या और नहीं कुछ तो ठेकेदारी में टेंडर के वक़्त सफेदपोशों की मदद करते हैं. जब ये पकड़े जाते हैं और जब इनकी तस्वीरों को पुलिस रिलीज करती है तो वो भी कुछ इसी स्वैग में खड़े होते हैं. कुछ कुछ ऐसे ही मुस्कुराते हैं. उन बदमाशों की तस्वीरों में भी ठीक ऐसी ही बेशर्मी होती है.
बात सीधी और एकदम साफ है. हमनें यूं ही नहीं ओलंपियन सुशील को बदमाश कहा है. आरोपों से पहले सुशील से जितनी कुश्ती हो सकती थी हो गयी. किसी भी खिलाड़ी का सपना देश के लिए खेलना होता है तो सुशील ओलंपिक पदक भी हासिल कर ही चुके थे. बात खेलने की है तो कहना गलत नहीं है जो उम्र सुशील की है, बमुश्किल वो 2-3 साल और खेल पाते? फिर क्या ? जैसा देश में स्पोर्ट्स पर्सन का हाल है अपने रिटायरमेंट के बाद अगर बहुत होता तो सुशील भी अन्य खिलाड़ियों की देखा देखी रेस्टुरेंट खोलते. या फिर कुश्ती अकादमी चलाते लेकिन दोनों ही जगहों का हाल कैसा है वो न हमसे छुपा है न आपसे.
एक सेलेब्रिटी जिस पर हत्या का आरोप है, उसे पुलिस आरोपी की तरह नहीं बल्कि सेलेब्रिटी की तरह ही ट्रीट करती है। क्या वो पुलिस निष्पक्ष जांच कर सकती हैं?? क्या वो न्याय के लिए सख्ती दिखा सकती है?? क्यों न इन पुलिसवालों को सस्पेंड किया जाए ?? #SushilKumar #DelhiPolice #Sagardhankar pic.twitter.com/SwfWnoG6rh
— Adv Rao Vikash (@invictus_rao) June 25, 2021
कभी नजर उठाकर खुद देखिए अपने आसपास. कितने खिलाड़ी हैं जिनके रेस्टुरेंट या अकादमी चल रही हैं? आदमी पैसा लगा भी दे तो नुकसान का रिस्क तो है ही. अच्छा चूंकि 'देश' के लिए खेलने वाले खिलाड़ी को नाम, शोहरत, पैसे और ग्लैमर की आदत हो जाती है क्या गारंटी है कि सुशील कुमार उसे पोस्ट रिटायरमेंट हासिल कर ही पाते? तस्वीर में मुस्कुराहट भले ही आज हमनें देखी मगर एक दिन यूं बेशर्मी से मुस्कुराया जाएगा इसकी स्क्रिप्ट ख़ुद सुशील कुमार द्वारा बहुत पहले लिख दी गई थी.
Chal bhayia Selfie ? le le re..pictures of two-time Olympic medallist #SushilKumar - who was arrested in connection with the murder of a 23-year-old wrestler at Chhatrasal Stadium. Photo session of Sushil Kumar with police personnel. pic.twitter.com/tkSwiwxZUU
— Mahender Singh Manral (@mahendermanral) June 25, 2021
यानी भले ही तस्वीर के जरिये मुस्कुराहट हमनें आज देखी लेकिन इसकी रूपरेखा पहले या ये कहें कि शायद पिछले ओलंपिक के बाद ही लिख दी गई थी. गौरतलब है कि अब जबकि इस तस्वीर में सुशील मुस्कुरा ही दिए हैं तो उनके अंदाज से ये बात बिल्कुल शीशे की तरह साफ हो गयी है कि उन्होंने 'बदमाश' बनने की शुरुआत कर दी है. और हां ये बदमाश कोई छोटा मोटा नहीं है. ये ऐसा है जिसे लाइमलाइट चाहिए. मीडिया के कैमरे चाहिए और अखबारों में अपना नाम चाहिए. भरपूर ग्लैमर चाहिए.
#SushilKumar Is he going to America or going for Commonwealth games?@DelhiPolice dying to take selfies..!!Does Delhi Police shoot photos with all criminals?Pls see he's arrested on charges of murder, irony of judiciary.#DelhiPolice #SushilKumarArrested pic.twitter.com/xQj1YtZ6Yw
— Tanay verma (@Tanayverma) June 25, 2021
अब इन बातों के मद्देनजर सुशील कुमार को देखिए. इसपर ध्यान दीजिए. इस पैमाने पर सुशील एकदम फिट बैठ रहे हैं. इस मुस्कान के बाद हम ये बिल्कुल नहीं कहेंगे कि सुशील की मुस्कान सिस्टम को चुनौती दे रही है या फिर इसने कानून के मुंह पर करारा तमाचा जड़ा है. इस तस्वीर को देखकर हम बस इतना कहेंगे कि इस बेशर्मी भरी मुस्कान के जरिये सुशील ने कुश्ती के बाद एक नए करियर का आगाज़ कर दिया है.
Does @WrestlerSushil consider jail as his Sasural?? This was asked by someone on Twitter when he demanded high protein diet in jail.After this photo session of #SushilKumar with police personnel. I guess he doesn't consider it..He is sure it i*... @DelhiPolice #SushilKumar pic.twitter.com/OjBH9m6GpA
— Nitin Kumar (@nitinaayog) June 25, 2021
बाकी जेल किसी भी अपराधी का सर्टिफिकेट है. और अब क्योंकि सुशील तिहाड़ में है ये उनके लिए गोल्ड है या सिल्वर या फिर कांस्य इसका फैसला जनता ख़ुद करे. अंत में हम देश, देश जनता की जनता और हर उस व्यक्ति को कहेंगे जो खेल प्रेमी है.वो देखे इन तस्वीरों को बार बार देखे. लगातार देखे और निर्धारण करे इस बात का कि क्या जो सुशील ने किया उसे जायज ठहराया जा सकता है. क्या हक़ है उन्हें मुस्कुराने का.
हो सकता है कि इस तस्वीर के बाद आलोचकों के निशाने पर पुलिस भी आ जाए. हम पुलिस के लिए क्या ही कहें जब उसके सामने कोई बड़ा आदमी आता है तो दुनिया जानती है उस आदमी के सामने पुलिस का रवैया क्या रहता है.
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