क्रिकेट के 5 रेकॉर्ड जिन्हें तोड़ना असंभव है
क्रिकेट की दुनिया में रिकॉर्ड बनना कोई नई बात नहीं है. ऐसे में अगर क्रिकेट के गुजरे इतिहास को देखें, तो मिलता है कि आज भी हमारे सामने कई ऐसे रिकॉर्ड हैं जिनका टूट पाना आज के समय में मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.
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कहते है क्रिकेट के रिकॉर्ड टूटने के लिए ही बने हैं. लेकिन यह कथन क्रिकेट के इतिहास मे स्थापित हो चुके निम्न रिकॉर्ड के लिहाज से काफी अलग दिखता है. इन्हें तोड़ना तो दूर छू भी पाने में एक लंबी दूरी तय करनी पड़ सकती है. दुनिया भर की क्रिकेट टीमों में जिस तरह के शीघ्र परिवर्तन देखे जा रहे हैं उसमें किसी एक खिलाड़ी का लंबे समय तक टिक पाना काफी मुश्किल प्रतीत होता है. कोई खिलाड़ी कितना ही फॉर्म में क्यों न रहे, जैसे ही दो चार मैच मे वह डाउन हुआ सोशल मीडिया पर उनको लेकर टिप्पणी शुरू हो जाती है.
क्रिकेट को एक ऐसा खेल माना जाता है जिसमें कई बार अंदाजे गलत लगते हैं
उस खिलाड़ी की निजी ज़िंदगी से लेकर मैदान तक की गतिविधियों पर उसे ट्रोल किया जाता है. उन खिलाड़ियों पर मानसिक दबाव भी कई बार देखे जाते हैं. लेकिन ऐसे में हमें कुछ पुराने रिकॉर्ड पर ध्यान देना होगा जो सूचना प्रोद्योगिकी और ट्रोल के युग में टूटना तो दूर, छू भी पाना मुश्किल दिखता है. आइये जानते है ऐसे ही पांच रिकार्ड्स जिनका भविष्य में टूटना असंभव सा है.
आज के समय में सर डॉन ब् ब्रेड मैन का रिकॉर्ड तोड़ना एक बड़ी बात है
सर डॉन ब्रेड मैन का टेस्ट रिकॉर्ड
क्रिकेट के पितामह का यह रिकॉर्ड तोड़ पाना खुद नए पितामह को जन्म देने जैसा ही है. जो असंभव है. टेस्ट क्रिकेट में 99.94 की औसत से अपनी इनिंग्स को खेलने वाले आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज का रिकॉर्ड तोड़ पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हैं. क्योंकि उनके इस आंकड़े के आस पास भी दुनिया का कोई बल्लेबाज टिकता नहीं दिख रहा है. वह तो शुक्र मनाइए कि सर डॉन ब्रेडमैन अपने आखिरी मैच में 6 रन और नहीं बना पाए, नहीं तो उनका यह आंकड़ा प्रति इनिंग्स 100 रन का होता . यूं ही कोई क्रिकेट का सर डॉन ब्रेडमैन नहीं बन जाता.
सचिन के 100 शतक भी क्रिकेट के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि माने जाते हैं
सचिन के बराबर 200 टेस्ट खेलना
जाहिर है दुनिया में क्रिकेट के भगवान के रूप में प्रचिलित सचिन तेंदुलकर का यह रिकॉर्ड अपने आप में बड़ी उपलब्धि है. 1989 से क्रिकेट की दुनिया में कदम रखने वाले सचिन तेंदुलकर के नाम यूं तो ढेरों रिकॉर्ड है पर 200 टेस्ट खेल पाने का रिकॉर्ड अपने आप में अहम है. दुनिया की किसी भी टीम के खिलाड़ी के लिए इसे तोड़ पाना नामुमकिन सा ही है. उन्होंने अपने टेस्ट करिअर में 51 शतक बनाए हैं. शुक्र मनाइए सचिन के नाम 28 नर्वस नाइंटीज़ का भी रिकॉर्ड है नहीं तो शतकों का आंकड़ा और भी आगे का होता. आमतौर पर उनके क्रिकेट कॅरिअर के सौ शतकों को सबसे अहम रिकॉर्ड माना जाता है, जोकि है भी. क्योंकि उन्होंने जिस तरह की गेंदबाजी का सामना करते हुए ये शतक बनाए हैं, वैसी चुनौती किसी और खिलाड़ी के लिए शायद ही कभी आएगी.
एबी डिविलियर्स ने सबसे कम समय में शतक जड़कर तमाम क्रिकेटरों को आश्चर्य में डाला था
एबी डिविलियर्स का सबसे तेज शतक
31 गेंदों में सैकड़ा जड़ने वाले साउथ अफ्रीका के 360 डिग्री मैन एबी डिविलियर्स का यह रिकॉर्ड भारत का ही कोई खिलाड़ी तोड़ सकता था. लेकिन मौजूदा खेल की स्थिति और उस पर की राजनीति को ध्यान में रखते हुए अभी इस रिकॉर्ड के टूटने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. डिविलियर्स ने अपना यह रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के खिलाफ जोहान्सबर्ग में बनाया था. जनवरी 2015 में बनाए एबी डिविलियर्स ने इस रिकॉर्ड को बनाते हुए न्यूजीलैंड के कोरी एंडरसन के पुराने रिकॉर्ड ‘36 गेंद में शतक’ को तोड़ा था.
मुरलीधरन उन गेंदबाजों में हैं जो अपनी गेंदबाजी से न जाने कितने बल्लेबाजों को पेवेलियन भेज चुके हैं
मुथैया मुरलीधरन के सबसे ज्यादा विकेट
श्रीलंकन स्पिनर की गेंदों के चक्कर में कितने भारतीय बल्लेबाज और अन्य देशों के धुरंधर बल्लेबाज पवेलियन को लौट चुके थे. मुथैया मुरलीधरन ने स्पिन को जो पहचान दी वह अन्य देशों के स्पिनर अब तक नहीं दे पाए हैं. उनके द्वारा इन्टरनेशनल क्रिकेट में लिए गए 1347 विकेट एक रिकॉर्ड के तौर पर आज भी सर्वश्रेष्ठ पायदाय पर हैं. जिसे तोड़ना दुनिया के किसी गेंदबाज के लिए आसान नहीं है. गौरलतब है कि किसी नए गेंदबाज को मुरली धरन के इस रिकॉर्ड को तोड़ने से पहले टॉप के पांच सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ियों के रिकॉर्ड को तोड़ना पड़ेगा. जिसमें आस्ट्रेलिया के शेन वार्न (1001), भारत के अनिल कुंबले 956, ऑस्ट्रेलिया के ही ग्लेन मैक्ग्राथ 949, और पाकिस्तान के वसीम अकरम 916 का नाम शामिल हैं.
आज के समय में लारा का रिकॉर्ड तोड़ना किसी भी बल्लेबाज के लिए नामुमकिन है
ब्रायन लारा के 400 रन
ब्रायन लारा ने साल 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 400 रन बनाये थे. अच्छी बैटिंग वाली भारतीय क्रिकेट टीम के लिए आज के समय में यह रिकॉर्ड तोड़ना ज्यादा मुश्किल तो नहीं लेकिन इतना आसान भी नहीं. टी-20 और आईपीएल की बढ़ती लोकप्रियता से इस रिकॉर्ड की ओर अब किसी भारतीय बल्लेबाज का ध्यान जाने की संभावना कम ही नज़र आ रही है. वह जल्द से जल्द सैकड़ा या फिफ़्टी मारने के कल्चर पर ज्यादा फोकस्ड है.
दुनिया भर में क्रिकेट को लेकर रोज बन रहे रिकॉर्ड और उनको तोड़े जाने की ख़बरें आती जाती रहती हैं. लेकिन इन रिकोर्ड्स को लेकर आज भी निश्चितता जताई जा सकती है कि इन्हें तोड़ना आसान नहीं है. कई बार तो लगता है कि इन्हें तोड़ना नामुमकिन भी है. चूंकि इस मानवीय प्रवृत्ति में असंभव कुछ भी नहीं है, इसीलिए आशा और उम्मीद के साथ हमारा ध्यान इन पर टिका रहेगा. इन पांचों रिकार्डों को तोड़ने की उम्मीद भारत की क्रिकेट टीम से की जा सकती है. लेकिन उसके लिए लाइन लेंथ उन्हें क्लियर रखनी पड़ेगी.
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