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समाज
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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
स्वरा भास्कर के आंसू 'नकली' बताने वाले आखिर क्या दलील देना चाहते हैं?
स्वरा भास्कर की शादी उनकी मर्जी से हुई है. वे अपने नियम खुद बनाती हैं. वे पहले से भी घर से दूर ही रहती थीं. विदाई के टाइम पर इमोशनल होना अलग बात है और इस तरह स्वरा का रोना अलग. वे कौन सा शादी करके पराई हो गई हैं. उनकी लाइफ आम लड़कियों से काफी अलग है. उन्हें किसी बात की मनाही नही है जबकि आम लड़कियों को शादी के बाद माता-पिता से मिलने के लिए भी परमिशन लेनी पड़ती है. कहने का मतलब यह है कि जिन बातों के कारण लड़की विदाई के समय रोती हैं वो स्वरा के मामले में नहीं दिखता है...
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
Crying Is Important: समस्याएं विकराल होती चली गयीं चूंकि हम रोते नहीं
लोग रोना भूल रहे हैं. ना रोने के कारण तनाव में घिरते जा रहे हैं तो रोग ग्रस्त होते जा रहे हैं. रोना जीवन के लिए बहुत जरूरी है. यही वजह है कि जापान में एक शख्स लोगों को रोना सिखा रहा है. इसे 'रुई-कात्सु' समारोह कहा जाता है.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
जोशीमठ की रोती-बिलखती महिलाएं दिल पर पत्थर रख अपने घरों को अलविदा कह आईं हैं
दुनिया कहां से कहां जा रही है मगर महिलाओं की दुनिया तो उनका घर होती है. घर की चारदावारी में उनकी धड़कन बसती है. वे कहीं भी चली जाएं घर आकर ही उन्हें चैन मिलता है. वे ही तो मकान को घर बनाती है. अपने हाथों से करीने से सजाती हैं. तीज त्योहार पर खुद भले ना सजें मगर घर को जरूर सजाती हैं.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 5-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
जमाने ने लड़कों के साथ बहुत सितम किया है, उनका दर्द कोई नहीं समझता
तुम लड़का हो बाबू, याद रखना...जिस तरह बैल की जिम्मेदारी होती है ना पीछे की पूरी गाड़ी को खींचना. ठीक उसी तरह तुम्हारी भी जिम्मेदारी है, पूरे परिवार को खींचना ही पड़ेगा...
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
पुरुषों की ये तकलीफ सिर्फ वही समझ सकते हैं, इन 8 सवालों में 'मर्द का दर्द' छिपा है
सोचिए इस जमाने ने पुरुषों के साथ कितना बड़ा गुनाह किया है कि ये किसी के सामने रो भी नहीं सकते, वरना लोग इन्हें कमजोर समझेंगे...
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 5-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
अनुपमा प्लीज अब रोना बंद कर दो, तुम्हारे आंसू सूख गए होंगे!
टीवी सीरियल में सबसे अधिक आंसू बहाने वाली महिला का यदि कोई रिकॉर्ड दर्ज हो रहा है, तो अनुपमा इस मामले में सुपर लीडर है. मौका चाहे खुशी का हो या दुख का...अनुपमा को हर पल रोते-बिलखते देखना बड़ा ही दुखदाई लगता है.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 5-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
पिता से बेटियों के लगाव का पैमाना क्या शब्दों से समझा जा सकता है? फिर भी सुनिए इस बच्ची को
पापा कितना काम करते हैं और खाना नहीं खाते हैं. वे भूखे रहते हैं, क्या इंसान खाना नहीं खाएगा. लोग कह रहे हैं कि बेटियों को बोझ समझने वाले को ये वीडियो जरूर देखना चाहिए.
सोशल मीडिया
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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
महावत की मौत पर इमोशनल हुए हाथी को देख आंसू न बहाइये, संवेदना जगाइये
इस बेजुबान (Elephant cry video) का दर्द देख आंसू रोक पाना मुश्किल है. पालने वाले महावत की मौत (Mahout death) के बाद हाथी मीलों दूर का सफर तय कर अंतिम दर्शन करने पहुंचा और शव के पास जाकर चुपचाप खड़ा हो गया. जानवरों के प्रति संदेवना जगाने के लिए यह दृश्य हमेशा याद रहना चाहिए.