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ह्यूमर
| 4-मिनट में पढ़ें
सर्वेश त्रिपाठी
@advsarveshtripathi
'लीजेंड' दादा साहब फाल्के अवार्ड पाने वाले गजेंद्र समझें ओरिजिनल और डुप्लीकेट में फर्क
Mahabharat में युधिष्ठर का किरदार निभाने वाले एक्टर गजेन्द्र चौहान सोशल मीडिया पर ट्रोल्स के निशाने पर हैं. उन्होंने अपने ट्विटर से यह खबर साझा किया है कि उन्हें वर्ष 2021 के लीजेंड दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिला है. इस खबर के साथ उन्होंने पुरस्कार समारोह की तस्वीरें भी साझा की है. बस आलोचकों को मौका मिला गया उन्होंने गजेंद्र की क्लास लगा दी.
सिनेमा
| 4-मिनट में पढ़ें
मुकेश कुमार गजेंद्र
@mukesh.k.gajendra
International Kissing Day: बॉलीवुड के सबसे पहले किसिंग सीन की रोचक दास्तान!
एक जमाना था जब बॉलीवुड फिल्मों में अंतरंग दृश्यों जैसे 'किसिंग सीन' या 'बेडरूम सीन' के वक्त रोमांस को दो फूलों या पक्षी के जोड़ों के जरिए रुपहले पर्दे पर पेश किया जाता था, लेकिन आज हर फिल्म में 'किसिंग सीन' एक जरूरत बन चुका है. 'किस' करना एक्टर-एक्ट्रेस के लिए मजबूरी बन चुकी है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
Rajinikanth के दादासाहेब फाल्के अवार्ड को तमिलनाडु चुनाव से जोड़ना स्वाभाविक है!
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के अवार्ड दिए जाने पर भाजपा कोई भी तर्क क्यों न दे. लेकिन जैसा रुख यूजर्स का ट्विटर पर है. साथ ही जिस तरह साउथ में रजनीकांत भगवान की तरह हैं, यक़ीनन इस अवार्ड का फायदा तमिलनाडु में भाजपा को मिलेगा.
सिनेमा
| 5-मिनट में पढ़ें
मुकेश कुमार गजेंद्र
@mukesh.k.gajendra
DadaSaheb Phalke: महज एक 'सम्मान' तक क्यों सीमित कर दिए गए दादा साहेब फाल्के?
गुलाम भारत में फिल्म इंडस्ट्री के सपने को साकार करने वाले 'सिनेमा के पितामह' को कभी उचित सम्मान नहीं मिला. उनके नाम पर महज एक पुरुस्कार (Dada Saheb Phalke Excellence Award) शुरू कर देना, उनको श्रद्धांजलि नहीं हो सकती.