X
Login
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
Login With Facebook
iChowk
Aaj Tak
বাংলা
Aaj Tak Campus
GNTTV
Lallantop
India Today
Business Today
Cosmopolitan
Harper's Bazaar
Reader's Digest
Northeast
Malayalam
Sports Tak
Crime Tak
Astro Tak
Gaming
Brides Today
Ishq FM
सियासत
समाज
संस्कृति
स्पोर्ट्स
सिनेमा
सोशल मीडिया
इकोनॉमी
ह्यूमर
टेक्नोलॉजी
वीडियो
लॉगिन करें
मोबाइल नंबर
(+91)
Submit
or
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
*
OTP डालें
OTP फिर भेजें
OTP फिर भेजें
Submit
New
अपनी स्टोरी, कविता या कहानी साझा करें...
चर्चा में
महाराष्ट्र
औरंगजेब
ज्ञानवापी मस्जिद
कांग्रेस
राहुल गांधी
योगी आदित्यनाथ
यूपी विधानसभा चुनाव 2022
रूस यूक्रेन विवाद
नरेंद्र मोदी
पंजाब चुनाव
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022
अखिलेश यादव
ओमिक्रॉन वेरिएंट
ममता बनर्जी
कोरोना वायरस
अफगानिस्तान
ऑक्सीजन
पश्चिम बंगाल चुनाव 2021
कोरोना वैक्सीन
किसान आंदोलन
भारत-चीन
अमित शाह
प्रियंका गांधी
टीम इंडिया
विराट कोहली
अरविंद केजरीवाल
अरुण जेटली
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
रमेश ठाकुर
@ramesh.thakur.7399
हिंदुस्तान के 'टॉयलेट मैन बिंदेश्वर पाठक' छोड़ गए संसार
पाठक का स्वच्छता आंदोलन स्वच्छता सुनिश्चित करता है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को रोकता है. ग्रामीण समुदायों तक इन सुविधाओं को पहुंचाने के लिए इस तकनीक को अब दक्षिण अफ्रीका की ओर भी बढ़ा दिया है. ऐसे व्यक्ति का यूं चले जाना, निश्चित रूप से बड़ा अघात है. उनके न रहने की क्षति को कोई पूरा नहीं कर सकता.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
डॉ. आशीष वशिष्ठ
बेटियां बोझ नहीं हैं बावजूद इसके उनकी लगातार होती हत्याएं, बेचैन तो करती हैं
आज के बदलते दौर में देखा जाए तो असल में, बेटियां अब बोझ नहीं रही, अब वह भी लड़कों की तरह बराबर खड़ी है. वे हर कदम व परिस्थिति पर माता-पिता और परिवार के मान-सम्मान का ध्यान रखती है.
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
vinaya.singh.77
@vinaya.singh.77
परीक्षा ज़िंदगी भर चलेगी, बस हारना नहीं है...
सीबीएसई समेत तमाम बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट आ रहे हैं. जिन्हें लेकर बच्चों के माता पिता खासे उत्साहित हैं. अब इसे उत्साह कहें या कुछ और वो सोशल मीडिया पर ऐसा बहुत कुछ कर दे रहे हैं जो खटकने वाला है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
गुजरात से जितनी महिलाएं 5 साल में गायब हुईं, उतनी 'सामना' वाले उद्धव के महाराष्ट्र से एक साल में!
गुजरात से 40,000 महिलाओं के गायब होने को लेकर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मुखपत्र सामना ने पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर तीखा हमला किया है. सवाल ये है कि आखिर उद्धव ने अपने कार्यकाल पर चुप्पी क्यों साधी महिलाएं तो उनके कार्यकाल में भी गायब हो रही थीं.
सिनेमा
| 4-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
द केरला स्टोरी के विरोध में तो जोधपुर में हदें ही पार हो गयीं...
द केरला स्टोरी के विरोध में लोग कितना नीचे गिर रहे हैं उसे देखने के लिए कहीं दूर क्या जाना राजस्थान का रुख कीजिये. विरोध अपनी जगह है मगर जो युवक के साथ जोधपुर में लोगों ने किया है वो हदों को पार करता हुआ नजर आता है.
सोशल मीडिया
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
तलाक का फोटोशूट अपनी जगह है लेकिन पति की तस्वीर को सैंडल की हील से रौंदना...!
फैशन डिजाइनर और टीवी अभिनेता शालिनी ने एक आश्चर्यजनक Divorce Photoshoot के साथ अपने तलाक की घोषणा की. फोटोशूट में जश्न अपनी जगह है. मगर इंटरनेट पर वायरल इन तस्वीरों में जो शालिनी का अंदाज है बात उसपर जरूर होनी चाहिए.
सियासत
| 2-मिनट में पढ़ें
दिव्या राकेश शर्मा
@1609812972748481
गंदगी फैला रही महिलाओं को सार्वजनिक शौचालयों पर ताला लगाकर ही सुधारा जा सकता है
महिलाएं जो कि अपने घर को चमका कर रखती हैं जो फर्श पर एक तिनका देख अपनी कामवाली या बच्चों पर बिगड़ जाती हैं. कभी कभी रौद्र रूप धारण कर ताडंव करने लगती हैं वे महिलाएं सार्वजनिक स्थल तो छोड़िए धार्मिक स्थलों पर भी गंदगी का ढेर लगा आती हैं. जो अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण है.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
रेप वाले उटपटांग - शर्मनाक राग अलापने के पीछे कुत्सित राजनीतिक मकसद था रागा का!
रेप वाली टिप्पणी पर पुलिस द्वारा संज्ञान लिया जाना पॉलिटिकल क्लास को रास नहीं आया और तर्क कम कुतर्क ज्यादा के सहारे केस अगेंस्ट पुलिस बनते देर नहीं लगी कि बेचारे राहुल गांधी को ही परेशान किया जा रहा है.
समाज
|
एक अलग नज़रिया
| बड़ा आर्टिकल
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
सोनाली ने कहा लड़कियां आलसी हैं उन्हें अच्छी नौकरी वाला पति चाहिए, इस बात के कितने मायने हैं?
लड़कियों के दिमाग में भी यही होता है कि जब च्वाइस है तो फिर कंप्रोमाइज क्यों करें? वह भी अपने लिए कंफर्ट का ही चुनाव करती हैं. जब उनके पास ऑप्शन है तो वे शादी के बाद क्यों पूरे खानदान का खाना बनाएं?