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सोशल मीडिया
| 4-मिनट में पढ़ें
अभिषेक मेहरोत्रा
डिजिटल-डिजिटल मत कीजिए, इस मीडियम को ठीक से समझिए!
Hindi Patrakarita Divas 2023: डिजिटल मीडिया में आमूलचूक बदलाव की ज़रूरत. डिजिटल मीडिया को पत्रकारिता का भविष्य कहा जाता है, जिस तेजी से हम टेक्नोलॉजी सेवी हो रहे हैं, वे आधुनिकता का परिचायक तो है, लेकिन यदि इसका मौजूदा स्वरूप ही ‘भविष्य’ बनेगा, तो फिर उसके उज्जवल होने की संभावना बेहद कम है.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
लोकेन्द्र सिंह राजपूत
@5745259062180641
National Press Day: समाज के लिए घातक है मूल्यविहीन पत्रकारिता
जिस तरह मनुष्य के जीवन को सार्थकता प्रदान करने के लिए जीवन मूल्य आवश्यक हैं, उसी तरह मीडिया को भी दिशा देने और उसको लोकहितैषी बनाने के लिए मूल्यों की आवश्यकता रहती है.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
लोकेन्द्र सिंह राजपूत
@5745259062180641
हंगामाखेज नहीं, समाधानमूलक हो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ
The Fourth Pillar of Democracy: संचार का उद्देश्य समस्याओं का समाधान देना रहा है. संचार क्षेत्र के अधिष्ठाता देवर्षि नारद की संचार प्रक्रिया एवं सिद्धांतों को जब हम शोध की दृष्टि से देखते हैं तब भी हमें यही ध्यान आता है कि उनका कोई भी संवाद सिर्फ कलह पैदा करने के लिए नहीं था.
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
रीवा सिंह
@riwadivya
सरकार को पत्रकारों से भय है? यूपी हो या एमपी उनको मिल रही सजा देखकर लगता तो यही है!
अब वो चाहे उत्तर प्रदेश हो या फिर मध्य प्रदेश सिस्टम पर सवाल उठाने वाले पत्रकारों की स्थिति कहीं भी सही नहीं है. यूपी में पत्रकार पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हुए हैं. वहीं एमपी में थाने में उनके कपड़े उतरवाए गए हैं.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर'
@siddhartarora2812
कोरोना मरीजों की लाशों और परेशान हाल परिजनों के इर्दगिर्द मंडाराते 'गिद्ध'!
Covid की इस दूसरी लहर के बीच तमाम ऐसी तस्वीरों को वायरल किया जा रहा है जिनमें या तो मरते हुए लोग हैं या फिर उनका अंतिम संस्कार करते हुए परिजन. साफ़ है कि हम उस दौर से गुज़र रहे हैं जहां इंसान कौन है और हैवान कौन, ये पहचानना मुश्किल हो रहा है. परिस्थितियां जब ऐसी हों तो साफ़ है कि मीडिया की जिम्मेदारी बढ़ जाती है.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
मीडिया पर पाबंदी के मामले में भारत की सभी पार्टियां पाबंद हैं!
कर्नाटक विधानसभा में मीडिया पर अंकुश लगाते हुए सदन की कार्यवाही के दौरान कैमरे के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया गया है. मीडिया को लेकर जैसा रवैया इन दिनों अलग अलग सरकारों का है, कह सकते हैं कि सभी पार्टियां बड़ी ही पाबंदी के साथ मीडिया को पाबंद करने के लिए जी जान एक किये हुए हैं.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
यूपी में पत्रकारों की दुर्गति के पहले जिम्मेदार पत्रकार खुद!
प्रशांत कनौजिया मामले से ऐसा लग रहा है मानो यूपी में पत्रकारों पर संकट आ गया है. अब जब लोकसभा में पेश हुई ncrb की रिपोर्ट देखें तो मिलता है कि ये सिलसिला 2013 से है जहां पहले तो अखिलेश यदाव ने पत्रकारों की आदत खराब की और शायद तब पत्रकार भी जैसे इसके लिए तैयार बैठे थे.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
हिमांशु सिंह
@100000682426551
Fake News: किस बात के लिए चाहिए प्रेस की आज़ादी?
3 मई को वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे था. बेशक प्रेस की आज़ादी बहुत जरूरी है. लेकिन आज प्रेस के नाम पर जिस तरह की खबरें सामने आ रही है, जरूरत तो प्रेस की आज़ादी से पहले 'जवाबदेही' पर बहस की है.
ह्यूमर
| 4-मिनट में पढ़ें
नवेद शिकोह
@naved.shikoh
सदी को एडल्ट बनाने वाले 2019 का कुछ ऐसा होगा अंदाज...
नया साल आ गया है. ऐसे में राजनीति से लेकर पत्रकारिता तक समाज का कोई भी वर्ग हो, सबने अपनी पुरानी गलतियों से सबक लिया है और आगे बढ़ने का फैसला किया है.