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समाज
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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
मां की ममता सबको दिखती है पिता का दर्द किसी को महसूस क्यों नहीं होता?
वे लोग झूठे हैं जो यह कहते हैं कि पुरुष रो नहीं सकते, उन्हें दर्द नहीं होता. जबकि सच यह है कि एक पिता का दिल पत्थर का नहीं होता है, वह अपने बच्चों के लिए वह सब करता है जो कर सकता है. वह अपने परिवार को हर खुशी देना चाहता है. इसलिए दिन-रात मेहनत करता है.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
जो लोग कहते हैं कि पुरुष सैक्रिफाइस नहीं करते हैं, वे झूठ बालते हैं
यह धारणा गलत है कि सारा त्याग लड़कियां करती हैं. ऐसा कहने वाले शायद किसी जिम्मेदार शादीशुदा पुरुष से नहीं मिले हैं. पुरुष भी त्याग करते हैं. कभी बहन, कभी पत्नी, कभी मां तो कभी बेटी के लिए वो भी कुर्बानियां देते हैं. वो परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए दिन रात काम करते हैं.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
जावेद अनीस
लैंगिक समानता बनाम मर्दानगी का बोझ और उसे झेलता पुरुष!
पितृसत्ता से केवल महिलाओं को ही परेशानी नहीं उठानी पड़ती है, बल्कि इसका शिकार पुरुष भी होते हैं. उन्हें ना केवल मर्दानगी ओढ़नी पड़ती है बल्कि ज्यादातर समय इसकी कसौटी पर खरा उतरना होता है.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 5-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
जमाने ने लड़कों के साथ बहुत सितम किया है, उनका दर्द कोई नहीं समझता
तुम लड़का हो बाबू, याद रखना...जिस तरह बैल की जिम्मेदारी होती है ना पीछे की पूरी गाड़ी को खींचना. ठीक उसी तरह तुम्हारी भी जिम्मेदारी है, पूरे परिवार को खींचना ही पड़ेगा...
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
पुरुषों की ये तकलीफ सिर्फ वही समझ सकते हैं, इन 8 सवालों में 'मर्द का दर्द' छिपा है
सोचिए इस जमाने ने पुरुषों के साथ कितना बड़ा गुनाह किया है कि ये किसी के सामने रो भी नहीं सकते, वरना लोग इन्हें कमजोर समझेंगे...