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सियासत
| बड़ा आर्टिकल
अनुज शुक्ला
@anuj4media
अखिलेश यादव-जयंत चौधरी का रामपुर उपचुनाव पर 'मातम' एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है!
हाल में हुए चुनावों के जनादेश का असर समूचे देश की राजनीति पर पड़ने जा रहा है. समाजवादी पार्टी और जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल जैसी 'सेकुलर पार्टियों' की भविष्य की कोशिश तमाम उहापोह के साथ नजर आने लगी है. कोशिश यह कि अभी मुसलमानों का वोट तो लेना है लेकिन किसी आजम खान पर निर्भर हुए बिना. आइए जनादेश को समझते हैं.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
अभी तो नतीजे भी नहीं आए, फिर ईवीएम और प्रशासन को दोषी क्यों ठहराने लग पड़े हैं अखिलेश यादव
यूपी विधानसभा चुनावों के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का छोटे सियासी दलों को साथ लाने का प्रयोग विफल रहा है. इससे पहले लोकसभा चुनाव में बसपा सुप्रीमो मायावती से गठबंधन करना भी सपा को ही भारी पड़ा था. वहीं, यूपी में हालिया हुए उपचुनाव के नतीजे सपा के पक्ष में नहीं रहे हैं. जो अखिलेश यादव की राजनीति पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
अनुज शुक्ला
@anuj4media
आजमगढ़-रामपुर के नतीजे अखिलेश-आजम के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द
यूपी की दो महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों पर उपचुनाव ऐसे हालात में हुए थे जब भाजपा सरकार ज्ञानवापी, पैगंबर विवाद और अग्निवीर हिंसा की वजह से विपक्षी हमलों में चौतरफा घिरी थी. लेकिन नतीजों का भाजपा के पक्ष में रहना बहुत कुछ कहता है. आजमगढ़ में बसपा ने दमदार मौजूदगी दिखाई है. आजम खान अखिलेश यादव के लिए क्या रहा, आइए जानते हैं.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
अनुज शुक्ला
@anuj4media
योगी ताकत दिखाने पहुंचे, लेकिन नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव का आजमगढ़ नहीं जाना क्या कहता है?
यूपी में आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर 23 जून को वोट डाला जाना है. भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है. आजमगढ़ में योगी आदित्यनाथ ने निरहुआ के पक्ष में बड़ी सभा की. लेकिन अखिलेश यादव सपा उम्मीदवार के पक्ष में नहीं गए. क्या सपा नेता को इस बार आजमगढ़ से बेहतर नतीजे की उम्मीद नहीं है?
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
अनुज शुक्ला
@anuj4media
क्या इस बार यूपी में रामपुर-आजमगढ़ के हिंदू तय करेंगे कि दूसरा पाकिस्तान बनेगा या नहीं?
उत्तर प्रदेश में रामपुर और आजमगढ़ का चुनाव सिर्फ हिंदू-मुस्लिम का चुनाव भर नहीं है. खिलाफत के 100 साल पूरा होने के बाद यहां के नतीजे भारत के भविष्य को तय करने में अहम होंगे. आइए जानते हैं कैसे?
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
अनुज शुक्ला
@anuj4media
अखिलेश यादव सपा के ताकतवर नेता नहीं रहे, आजम खान ने हथिया ली है जगह!
समाजवादी पार्टी की तरफ से जिस तरह आजम खान फैसले ले रहे हैं उसे देखते हुए लग रहा कि उन्हें अखिलेश यादव की कोई परवाह नहीं है. आखिर क्या मजबूरी है कि चाचा शिवपाल की बगावत का दमन करने वाले अखिलेश आजम के मामले में चुप हैं.